Sunday, June 29, 2025
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200 करोड़ घोटाले की जांच में शामिल नहीं हुईं आईएएस सोनल

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: फरीदाबाद नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाले मामले में अब विजिलेंस ने आईएएस आधिकारियों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाना शुरू कर दिया है। इसके लिए विभाग ने पूर्व निगमायुक्त आईएएस सोनल गोयल को जांच शामिल होने का नोटिस देकर शुक्रवार को कार्यालय में बुलाया गया था। नोटिस के बावजूद अधिकारी जांच में शामिल होने नहीं आई।

महिला अधिकारी ने वीआईपी ड्यूटी की तैयारियों का हवाला देते हुए शुक्रवार को जांच के लिए नहीं आने की सूचना विजिलेंस को भिजवाई। विजिलेंस ने उन्हें अगले सप्ताह का नोटिस दिया है। घोटाले मामले में विजिलेंस के रडार पर तीन आईएएस अधिकारी हैं। ये सभी घोटाले के दौरान नगर निगम आयुक्त रहे थे। बाकि अधिकारियों को विजिलेंस जल्द नोटिस जारी करेगा।

इसके बाद आईएएस अधिकारियों को विजिलेंस कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की जाएगी। घोटाले में अब तक विजिलेंस ठेकेदार सतवीर, निलंबित मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, रमन शर्मा, जेई दीपक शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। इसके बाद ऑडिट विभाग से संयुक्त निदेशक दीपक थापर, वरिष्ठ लेखा अधिकारी विशाल कौशिक, वित्त नियंत्रक सतीश कुमार और वरिष्ठ लेखा अधिकारी हरगुलाल फागना को गिरफ्तार किया गया।

ये सभी इन दिनो जेल में हैं। विजिलेंस का दावा है कि आईएएस अधिकारियों के खिलाफ उनके पास ऐसे कागज हैं, जिससे ये साबित होता है कि घोटाले की जानकारी होने का बावजूद वे चुप रहे। कई फाइलें हैं, जिनमें ठेकेदार को बिना काम के ही भुगतान कर दिया गया। कई मामलों में कार्य की लागत राशि बढ़ाई भी गई है। फाइलों पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर रखे हैं।

घोटाला मई 2020 में सामने आया था। नगर निगम के चार तत्कालीन पार्षद दीपक चौधरी, दीपक यादव, सुरेंद्र अग्रवाल, महेंद्र सरपंच ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर को बिना काम किए ही भुगतान कर दिया है।

नगर निगम फरीदाबाद में 200 करोड़ रुपये के बिना काम भुगतान घोटाले का मामला कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा के बजट सत्र में उठाते हुए 22 मार्च को प्रण लिया था कि जब तक घोटाले में एक भी आरोपी को नहीं पकड़ा जाएगा, जब तक अंग पर सिले हुए कपड़े धारण नहीं करेंगे।

करीब तीन बिना कपड़े व पैरों में जूते भी नहीं पहने। इसके बाद 200 करोड़ रुपये घोटाले के मुख्य आरोपी सतबीर ठेकेदार को गिरफ्तार किया और बाद में मुख्य अभियंता डीआर भास्कर को गिरफ्तार किया था।

विधायक नीरज शर्मा स्टेट विजिलेंस को सरकार से 17ए की अनुमति देने की मांगी की थी, इसके बाद ही सरकार ने विजिलेंस को यह अनुमति दी थी। अब विजिलेंस ने आईएएस सोनल गोयल को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है लेकिन वीआईपी मूवमेंट बताकर जांच में शामिल होने नहीं पहुंची।

विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि जांच में शामिल नहीं होना ऐसा प्रतीत करता है कि दाल में कुछ काला है क्योंकि वीआईपी मूवमेंट तो होती ही रहेगी। अपनी जगह किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त करके जांच में शामिल हो सकती थी जोकि नहीं हुई।

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