Sunday, December 22, 2024
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जम्मू कश्मीर में आईईडी ब्लास्ट, आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर चार की जान ली

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: जम्मू संभाग का जिला राजोरी 24 घंटे में दूसरी बार दहल गया है। रविवार की शाम जिले के डांगरी इलाके में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर चार लोगों की निर्मम हत्या कर दी और इस दौरान छह लोग घायल हो गए। अभी रात ही बीती थी कि सोमवार सुबह पीड़ित परिवार के घर के पास एक आईईडी ब्लास्ट हो गया। इस धमाके में एक बच्चे की जान चली गई है और सात से आठ लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।

आंखों में आंसू भी है और रोष भी

दोनों घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों में भारी उबाल है। सोमवार तड़के सुबह से ही लोग डांगरी क्षेत्र के मुख्य चौक पर शवों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। घटना के विरोध में सोमवार को राजोरी बंद का आह्वान किया गया है। प्रदर्शनकारियों की आंखों में आंसू भी है और गुस्सा भी। लोगों की मांग है कि राजोरी जिला उपायुक्त और राजोरी एसएसपी का तबादला किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों की देखभाल के लिए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। लोगों ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की है। इसी बीच धमाके की खबर से उनका रोष और बढ़ गया है। वहीं, पूरे इलाके में अलर्ट है। सुरक्षाबल और पुलिस के जवान आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं।

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आतंकी बख्शे नहीं जाएंगे- उपराज्यपाल

उधर, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले की कड़े शब्दों निंदा की है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। उपराज्यपाल ने कहा, ‘मैं राजौरी में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मेरे संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।’

मृतकों के परिवार को दस-दस लाख रुपये देने की घोषणा

सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मृतकों के परिवार को दस-दस लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपये देने की बात कही है। साथ ही एलजी मनोज सिन्हा ने अधिकारियों को घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

आतंकियों का रूट रहा है डांगरी से सटा जंगल क्षेत्र

डांगरी गांव ऊंचाई पर है, जिसके एक तरफ सरानू पोठा के घने जंगल हैं। आतंकियों के लिए यह जंगल क्षेत्र आवाजाही का रूट रहा है। नौशेरा क्षेत्र से घुसपैठ कर आतंकी सरानू पोठा जंगल और उसके साथ लगते कंग, बुद्धल से होकर कालाकोट पहुंचते थे। संवेदनशील इलाका होने की वजह से कई बार इस जंगल को भी खंगाला जा चुका है।

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