Sunday, September 8, 2024
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एक्सईएन सस्पेंड तो चीफ को मिलेगी प्रतिकूल प्रविष्टि

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  • पीडब्ल्यूडी: सड़क निर्माण पर सरकार सख्त, देरी पर ठेकेदार होंगे ब्लैकलिस्टेड
  • टेंडर में घोटालों पर रहेगी सरकार की निगाह, टेंडर जारी होते ही वेबसाइट पर होंगे अपलोड

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में टेंडर का खेल अब नहीं होगा। सरकार इस पर सख्त हो गई है। वो टेंडर प्रक्रिया की मॉनिटिरिंग करेगी और यदि टेंडर में कोई खेल हुआ तो संबधित अधिकारी पर फौरन कार्रवाई कर दी जाएगी।
दरअसल, पीडब्ल्यूडी में टेंडर पर अक्सर राजनीति हावी रहती है। कई पीडब्ल्यूडी अधिकारी टेंडर जारी होने के बाद उससे संबधित दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड करने में देरी करते हैं। इसके अलावा अक्सर टेंडर में कई गड़बड़ियां भी मिलती हैं। ऐसा करने पर अब संबधित अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।

सरकार अब सड़क निर्माण में देरी पर भी सख्त हो गई है। यदि सड़क निर्माण में अब देरी हुई तो संबधित ठेकेदार को फौरन ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा। सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार के मामलों में यदि कोई भी अधिशासी अभियंता लीपापोती करता है तो उसे भी निलंबित किया जाएगा। इसके अलावा मुख्य अभियंता के खिलाफ भी प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज होगी। प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न कार्यों के टेंडर नोटिस अखबारों में जरुर प्रकाशित कराए जाएं ।

शासन इस बात पर भी सख्त हो गया है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी टेंडर डॉक्यूमेंट्स टेंडर की अन्तिम तिथि से मात्र कुछ दिन पहले ही वेबसाइट पर अपलोड करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बताते चलें कि शासन ने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को पत्र लिख कर इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि कुछ ठेकेदारों ने लोक निर्माण विभाग को अपनी जागीर समझ लिया है। वो सड़क निर्माण के समय सड़कों पर मिट्टी डालकर छोड़ देते हैं जिससे काम में देरी होती है।

शासन ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सड़क निर्माण में चूंकि मुख्यमंत्री खुद मॉनिटिरिंग कर रहे हैं लिहाजा इसमें हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार के यहां तक आदेश हैं कि यदि कोई ठेकेदार निर्धारित समय सीमा के छह माह बाद तक भी काम पूरा नहीं करता तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर अधिशासी अभियंता को निलंबित किया जाए और मुख्य अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए।

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