नमस्कार दैनिक जनवाणी डॉटकाम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। मंकी पोक्स नाम का वायरस दुनियाभर में फैलने के बाद अब भारत में अपनी जगह बना रहा है। हाल ही में भारत में इस संक्रमण का दूसरा मामला सामने आया है। यह एक वायरल बीमारी है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस के मैंबर मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। इस वायरस को लेकर चिंता बनी हुई है। यह बीमारी बहुत ही गंभीर है ऐसे में अगर आप मंकी पोक्स से अपना और अपने परिवार का बचाव करने चाहते हैं तो इन बातो का खास ध्यान रखें।
यह वायरस बॉडी फ्लूइड, त्वचा पर घावों या संक्रमित व्यक्तियों के रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के सीधे संपर्क से फैलता है। साथ ही यह दूषित वस्तुओं, जैसे बिस्तर या कपड़े और संक्रमित जानवरों के संपर्क से भी फैल सकता है। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे एमपॉक्स से बचाव करने के कुछ तरीकों के बारे में-
खुद को रखें सुरक्षित
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन और के मुताबिक वायरस के संपर्क के 4 दिनों के अंदर अगर वैक्सीन लगवा ली जाए, तो इस बीमारी के होने की संभावना कम हो जाती है या फिर इसके लक्षण कम गंभीर होते हैं। ऐसे में अगर आप एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच अपना ख्याल रखना चाहते हैं, तो वैक्सीन जरूर लगवाएं और खुद को सुरक्षित रखें। ध्यान दें कि अगर आप पहले ही एमपॉक्स से ठीक हो चुके हैं, तो आपको टीका लगवाने की जरूरत नहीं है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
खुद को एमपॉक्स से बचाने का सबसे सरल लेकिन सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है नियमित रूप से हाथ धोना। किसी भी तरह से वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं, खासकर खाने से पहले, बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद या किसी दूषित सतह को छूने के बाद। अगर साबुन और पानी मौजूद नहीं है, तो अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अपनी पर्सनल चीजें को किसी से न करें शेयर
एमपॉक्स से बचने के लिए जरूरी है कि अपनी पर्सनल चीजें जैसे तौलिया, बर्तन आदि दूसरों के साथ शेयर न करें। साथ ही अगर आपके आसपास या घर पर कोई इस बीमारी से पीड़ित है, तो उनके साथ खाने के बर्तन, कप, बिस्तर या तौलिये जैसी चीजें साझा करने से बचें।
भीड़भाड़ से रहें दूर
अगर आपको एमपॉक्स का खतरा है, तो सार्वजनिक जगहों और लोगों के संपर्क में आने से बचें। साथ ही अगर आपको खतरा नहीं भी है, तो दूसरों से सतर्क रहें और स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट से बचें। अगर आप भी किसी व्यक्ति में चकत्ते, फुंसी, छाले या पपड़ी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो बचकर रहें।