- इस निगरानी कार्य को मेडा ने दिया भूनेत्र का नाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश में पहली बार सैटेलाइट के माध्यम से अवैध निर्माणों पर निगरानी करने की पहल मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने की है। उप्र इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से नामित एजेंसी ने निगरानी रखने और सैटेलाइट से चित्र लेने का कार्य शुरू कर दिया है। इस निगरानी कार्य को मेडा ने भूनेत्र नाम दिया है। उधर, प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन की मीटिंग लेकर स्पष्ट कर दिया कि अब दो तरह से निगरानी होगी। एक सैटेलाइट से तथा दूसरी इंजीनियरों की। इसमें अंतर नहीं आना चाहिए।
मेरठ विकास प्राधिकरण का क्षेत्रफल पहले से दोगुना हो गया है, जिसमें हस्तिनापुर, सरधना, मवाना, लावड़, बहसूमा आदि शामिल हो गए हैं। मेडा के पास स्टाफ कम है और क्षेत्र बढ़ गया है। वहीं जो कर्मचारी क्षेत्र में तैनात होते हैं उन पर भी मिलीभगत से अवैध निर्माण कराने का आरोप लगता रहता है। ऐसे में इसका समाधान निकाला गया है सैटेलाइट से निगरानी। इससे हर महीने सभी जोन व उपजोन के निर्माणों की समीक्षा होगी। सैटेलाइट से हर 15 दिन पर चित्र मेडा को प्राप्त होंगे।
वहीं कर्मचारी भी क्षेत्र में भ्रमण करके भौतिक रिपोर्ट देंगे। इससे स्पष्ट तुलना हो जाएगी और जवाबदेही तय हो जाएगी। मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने कहा कि सुदूर क्षेत्र में इससे निगरानी रखनी आसान हो जाएगी। अवैध निर्माण पकड़ में आएगा। यह प्रदेश का पहला प्रयास है। प्रवर्तन अनुभाग की प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने मीटिंग लेकर ये स्पष्ट भी कर दिया कि अब भू-नेत्र की निगाह भी अवैध निर्माण पर रहेगी। इसमें कोई अंतर मिलता है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
धर्मपुरा में विद्युत टीम को बनाया बंधक
सरधना: मंगलवार को सरधना के धर्मपुरा मोहल्ले में बकाया बिल भुगतान और चेकिंग के लिए गई विद्युत टीम को लोगों ने घेर लिया। आरोप है कि पूर्व सभासद ने दर्जनभर लोगों के साथ मिलकर विद्युत टीम को बंधक बना लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें भीड़ से बाहर निकाला। जिसके बाद जेई ने टीम के साथ कोतवाली पर घटना की तहरीर दी। विद्युत जेई संजीव कुमार ने पुलिस को बताया कि मंगलवार दोपहर विद्युत टीम धर्मपुरा मोहल्ले में बकाया विद्युत बिल भुगतान व चेकिंग के लिए गई थी। जहां एक पूर्व सभासद ने दर्जनभर लोगों के साथ लिकर टीम के साथ अभद्रता शुरू कर दी। आरोपियों ने विद्युत टीम को वहीं बंधक बना लिया।
उनके साथ हाथापाई की कोशिश भी की। टीम ने अधिकारियों को मामले की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस को बताया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने विद्युत टीम को भीड़ से बाहर निकाला। जेई ने टीम के साथ कोतवाली पहुंच कर घटना की तहरीर देते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की। समाचार लिखे जाने तक मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी। इस संबंध में जेई संजीव कुमार का कहना है कि धर्मपुरा में विद्युत टीम बकाया बिल वसूली के लिए गई थी। कुछ लोगों ने अभद्रता करते हुए टीम को बंधक बना लिया था। कोतवाली में घटना की तहरीर दी है।