- चारे व पानी से बेजुबान पशु परेशान
जनवाणी संवाददाता |
नूरपुर: क्षेत्र में अधिकांश चारागाहों और तालाबों पर भूमाफिया का अवैध कब्जा होने के कारण बेजुबानों को चारे व पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्व रिकार्ड में नूरपुर ब्लाक क्षेत्र की 112 ग्राम पंचायतों में चारागाह तालाबों की काफी संख्या दर्ज है। लेकिन अधिकांश चारागाहों और तालाबों पर भूमाफिया का अवैध कब्जा है।
ऐसा नही है कि इसकी जानकारी राजस्व विभाग को न हो। लेकिन कुछ लोगों की दबंगता और भेंट पूजा के आगे राजस्व अधिकारी इस ओर से नजर फेर लेते हैं।
चारागाह और तालाब अवैध कब्जो में होने के कारण बेजुबानों के समक्ष चारे और पीने के पानी की समस्या पैदा हो रही है। क्षेत्रवासियों द्वारा चारागाहों और तालाबों को कब्जामुक्त कराने की मांग को लेकर समाधान और तहसील दिवसों में दी जाने वाली सैकडों प्रार्थना पत्र रददी की टोकरी में पड़ी है।
सूत्रों के अनुसार ब्लाक की ग्राम पंचायत शाहनजरपुर कोट स्थित चारागाह जमीन पर अवैध कब्जें को लेकर दो पक्षों में चली आ रही मुकदमेबाजी से जिला प्रशासन अंजान नहीं है। इसके अलावा ग्राम पीपला जागीर में चरागाह की जमीन पर एक विद्यालय निर्माण का मामला भी क्षेत्र व राजस्व विभाग में काफी सुर्खियों में रहा है।
बिजनौर मार्ग पर ग्राम असदपुर धमरौली में हाईवे किनारे स्थित चारागाह की करीब तीन बीघा जमीन पर कुछ दबंगों का अवैध कब्जा बताया जाता है। जिसे कब्जामुक्त कराने के लिए तहसील प्रशासन को कई प्रार्थना पत्र दिये जा चुके है। लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है।
क्षेत्र के अधिकांश तालाबों पर भूमाफिया ने अवैध रुप से प्लाटिंग की जा रही है। अखिल भारतीय गौरक्षा महासंघ के जिलाध्यक्ष पवन गोयल ने चारागाहों और तालाबों को कब्जा मुक्त कराने की मांग को लेकर एक ज्ञापन डीएम बिजनौर को दिया है।