Thursday, March 28, 2024
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हथनी कुण्ड बैराज से यमुना नदी में आज 34 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज

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  • गत वर्ष इस अवधि में यमुना नदी में सर्वाधिक 8 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया

जनवाणी ब्यूरो |

सहारनपुर: विगत कई दिनों पहाड़ों व जनपद में हो रही बरसात के चलते जनपद की सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। लेकिन नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से काफी नीचे है।

बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कदम उठाते हुए बाढ़ चैकियों को सर्तक कर दिया गया है। यमुना नदी की जलधारा का रुख बदलने से जनपद के गांवों की हजारों बीघा भूमि जलमग्न हो जाने से फसलें बर्बाद हो जाती थी।

इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए यमुना नदी पर बाढ़ बचाव के लिए स्टड का निर्माण कराया गया है। यमुना नदी में इस वर्ष अब तक 10 अगस्त, 2020 को हथनीकुण्ड बैराज से 34 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है।

जबकि गत वर्ष 18 अगस्त, 2019 को युमना नदी में आज तक का सर्वाधिक 8 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था।

जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बाढ़ कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए है कि किसी भी दशा में जन-धन की हानि न होने पाये।

इसके लिए समय से ही जरूरी उपाए पूरे कर लिये जाए। उन्होंने बताया कि जनपद में बाढ़ नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम सक्रियता से कार्य कर रहा है।

25 बाढ़ चैकियों में सिंचाई विभाग के अवर अभियंता तथा राजस्व विभाग के कर्मियों की तैनाती के साथ ही जरूरी खाद्यन्न पदार्थ, मिट्टी का तेल, तिरपाल, दरी, पशुओं को चारे व दवाईयों आदि की समुचित व्यवस्था कराई गई है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।

अखिलेश सिंह ने स्वास्थ्य व पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रभावित क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ्य के लिए समुचित दवाई एवं चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिशिचत रखी जाए।

साथ ही पशुओं में नियमित टीकाकरण तथा संभावित बाढ़ की स्थिति में चारे की समुचित व्यवस्था भी रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी जल जमाव न होने दिया जाए।

संचारी रोगों के प्रति लोगों को सजग करने के साथ नियमित रूप से फागिंग आदि कराई जाए। ग्रमीणों को शुद्ध पेयजल पीने के लिए प्रेरित किया जाए।

जनपद में यमुना नदी की बाढ़ से होने नुकसान को कम करने के लिए यमुना नदी पर बाढ़ से बचाव के लिए 17 करोड़ रूपए की लागत से स्टड का निर्माण कराया गया है।

स्टड के निर्माण से जनपद के गांव सनौली, कल्लरहेड़ी, नानूवाला, किशनपुरा जैसे अनेकों गांवों के किसानों की बाढ़ से फसल बर्बाद होने से बच सकेंगी।

नदियों में अभी किसी भी स्थान पर कटाव की स्थिति नहीं है। कटाव को रोकने के लिए संवदेनशील स्थनों यथा टाबर बंध, मंधौर बंध, लखनौती बंध, एप्रोच रोड बंध,ननियारी टोडरपुर बंध तथा धौलरा बंध पर समुचि मात्रा में बोल्डर, बल्ली, खाली बोरी आदि की समुचित व्यवस्था की गई है।

बाढ़ चैकियां पूरी तरह सर्तक और स्थिति पर नजर रखे हुए है। जिला मुख्यालय पर आपदा बाढ़ कंट्रोल रूम, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी बाढ़ कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है।

साथ ही तहसील सहारनपुर, बेहट, नुकुड़, देवबंद तथा तहसील रामपुर मनिहारान में भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है। तहसील सहारनपुर में 4 बाढ़ चैकियां, तहसील नुकुड़ में 8, देवबंद में एक, रामपुर मनिहारान में एक तथा तहसील बेहट में 11 बाढ़ चैकियों की स्थापना की गयी है।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विकास चन्द्रा ने बताया कि जनपद के 176 गांव बाढ़ से प्रभावित होते है। पूर्व की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस बार बाढ़ नियंत्रण के पुख्ता कदम उठाए गए है।

बाढ़ चैकियों के प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि हर छोटी से छोटी स्थिति की सूचना कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बताया कि हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में आज 10 हजार 685 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

उन्होंने बताया कि हथनी कुण्ड बैराज से युमना नदी में गत वर्ष इसी अविध में 18 अगस्त, 2019 को 8 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। लेकिन वर्तमान में जनपद में कहीं भी बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है।

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