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बढ़ते ग्लोबल टेम्परचर और समुद्र के स्तर में वृद्धि के संकट को ध्यान मे रखते हुए मरीन बायोलॉजी का डोमैन विशाल संभावनानों से भरा हुआ है। इस विधा में हाल के वर्षों में लेटेस्ट मॉडर्न टेक्नॉलजी के रूप में जीआईएस, सोनार सैटेलाइट ओशिअनाग्रफी के ऐप्लीकेशन के कारण भी मरीन बायोलॉजी के प्रोफेशनल डिग्री होल्डर्स के लिए उपलब्ध कॅरियर आॅप्शन में काफी वृद्धि हुई है।
धरती के संपूर्ण क्षेत्रफल का लगभग 71 फीसदी हिस्सा समुद्र से भरा हुआ है जो मरीन जीवों का प्राकृतिक आवास होता है। समुद्र के अंदर की दुनिया धरती पर की दुनिया से कम आकर्षक और जटिल नहीं है। सामान्य रूप से मरीन बायोलॉजी विभिन्न समुद्री जीव-जंतुओं और पेड़-पोधों के वैज्ञानिक अध्ययन को कहा जाता है। मरीन बायोलॉजी ओशिअनोग्रफी और मरीन जीआलॉजी से गहरा संबंध रखता है।
मरीन बायोलॉजी का महत्व
मरीन लाइफ फूड, मेडिसिन और मानव जीवन में उपयोग में आनेवाले अन्य कई उत्पादों के निर्माण के लिए अनिवार्य संसाधनों के विशाल भंडार होते हैं। इसके अतिरिक्त मरीन आॅर्गनिजिम्स धरती पर आॅक्सीजन चक्र के मैन्ट्नेन्स, सामुद्रिक रेखाओं की रक्षा और धरती पर क्लाइमिट रेग्युलेशन में भी काफी हेल्प करता है।
विज्ञान और तकनीक के तेजी से विकास के साथ मरीन लाइफ भविष्य में खाद्य सामग्रियों, अपशिष्ट निस्तारण (वेस्ट डिस्पोजल), पीने के पानी, ऊर्जा उत्पादन और मानव कल्याण के लिए अहम भूमिका निभाने की संभावनाओं से भरा हुआ है।
मरीन बायोलॉजिस्ट क्या करते हैं
मरीन बायोलॉजी की विधा में प्रोफेशनल डिग्री होल्डर्स को मरीन बायोलॉजिस्ट कहा जाता है। पृथ्वी पर मानव की गतिविधियों, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से समुद्री जीवों के जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। इन सभी प्रभावों के अध्ययन के साथ एक मरीन बायोलॉजिस्ट के मुख्य जॉब प्रोफाइल निम्नांकित होते हैं।
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प्रदूषण से प्रभावित समुद्री जीवों की पहचान करना और उनकी मॉनिटरिंग करना।
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सामुद्रिक पर्यावरण के बारे में अनुसंधान करना और उससे संबंधित संकटों का पता लगाना।
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समुद्री जीवों के प्राकृतिक आवास और उनके मूवमेंट्स को ट्रैक करना और उनको महफूज रखने के लिए योजना तैयार करना।
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समुद्री जीवों के सैम्प्ल्स कलेक्ट करना, उनका विश्लेषण और रिसर्च करना और फिर उनसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्राप्त करना।
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ज्ञात, अज्ञात और लुप्तप्राय समुद्री जीवों के सैम्प्ल्स को सुरक्षित रखना और उनमें होनेवाली बीमारियों के बारे में रिसर्च करना।
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जिओग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) और अन्य वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से समुद्री जीवों के स्वास्थ्य और उनके पर्यावरण का अध्ययन करना।
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टीचिंग फैकल्टी के रूप में कार्य करना।
अनिवार्य कौशल
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मरीन बायोलॉजी की विधा कठिन मिहनत और अपार धैर्य की होती है। इस डोमेन में कामयाबी के लिए एक उम्मीदवार में निम्न कौशल का होना अनिवार्य माना जाता है-
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जलीय जीवों के प्रति सहज रुचि, प्रेम और जिज्ञासा
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समुद्री एनवायरनमेंट के बारे में जानकारी और घंटों फील्डवर्क करने का साहस और धैर्य
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उत्कृष्ट कम्यूनिकेशन स्किल
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डाटा एनालिटिकल और स्टटिस्टिकल अनैलिसिस अबिलिटी
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उत्कृष्ट लीडरशिप और टीम के साथ काम करने की कुशलता
शुरुआत कहां से करें
मरीन बायोलॉजी में कॅरियर के इच्छुक उम्मीदवार इसकी शुरुआत बारहवीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद से ही कर सकते हैं। मरीन बायोलॉजी में अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए आवश्यक अर्हता के रूप में केंडीडेट्स का बायोलॉजी के साथ साइंस स्ट्रीम में पास होना जरूरी होता है।
वैसे भारत में अधिकांश कॉलेजों में मरीन बायोलॉजी में अंडरग्रेजुएट कोर्स का अभाव होता है। इसीलिए इस में एडमिशन बीएससी डिग्री के बाद ही लिया जा सकता है। इस कोर्स में एडिमशन मेरिट बेस्ड और एन्ट्रन्स टेस्ट में क्लीरन्स पर आधारित होता है।
मरीन बायोलॉजी, बॉटनी, जूलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नॉलजी, अक्वाकल्चर, बायोकेमिस्ट्री में बैचलर डिग्री पास उम्मीदवार मरीन बायोलॉजी में पोस्ट ग्रेजूएट कोर्स में स्टडी के लिए एडमिशन ले सकते हैं। इसके आगे इस विधा में पीएचडी भी किया जा सकता है। इन सभी कोर्स में एड्मिशन यूजीसी के द्वारा आयोजित नेट, सीएसआईआर नेट और एन्ट्रन्स परीक्षाओं में परफॉरमेंस के आधार पर किया जाता है।
मरीन बायोलॉजी में स्टडी के लिए प्रमुख शिक्षण संस्थाएं
इंडियन मरीन यूनिवर्सिटी, कोयम्बटूर, शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापूर, आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापटनम, अकादेमी आॅफ मैरीटाइम एजुकेशन एंड ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, चेन्नई, पांडेचरी यूनिवर्सिटी, गोवा यूनिवर्सिटी, अकादेमी आॅफ मैरीटाइम एजुकेशन एंड ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, चेन्नई, डिपार्टमेंट आॅफ कोस्टल डिजास्टर मैनेजमेंट, पांडेचरी यूनिवर्सिटी, विक्रमा सिंहपूरी विश्वविद्यालय (वीएसयू) नेलॉर, आंध्र प्रदेश, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु, कोचीन यूनिवर्सिटी आॅफ साइंस एंड टेक्नॉलजी, केरल, वीर नर्मदा साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी, सूरत, गुजरात
मुख्य रीक्रूटर्स
मरीन बायोलॉजी के प्रोफेशनल्स को निम्न इम्प्लॉइअर्स रीक्रूट करते हैं जो निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं और जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से यूनिवर्सिटी, मरीन रिसर्च इंस्टिट्यूट्स, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, गवर्नमेंट एजेंसी, पर्यावरण, व्यावसायिक संस्थान, आॅफ्शोर आॅयल एंड गैस कंपनी, फिशेरिज, अनुसंधान और नॉन प्रॉफिट संस्थाओं को शामिल किया जाता है-
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सेंट्रल मरीन फिशेरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट
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दि सेंट्रल इंस्टिट्यूट आॅफ ब्रैकिश वाटर एक्वाकल्चर, चेन्नई
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मेटेरयओलीजिकल सर्वे आॅफ इंडिया
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डिपार्टमेंट आॅफ ओशियोनग्रफी
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जीअलॉजिकल सर्वे आॅफ इंडिया
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नेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ ओशिअनोग्रफी
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वाटर स्पोर्ट्स सिम्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
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पफईजेर इंक
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वर्टेक्स इनफॉसोफ्ट सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड
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जेकब इंजीनियरिंग ग्रुप इंक
जॉब प्रोफाइल
इनफार्मेशन टेक्नॉलजी के मॉडर्न युग में एक मरीन बायॉलॉजी के प्रोफेशनल्स के लिए कॅरियर ऑप्शन की कमी नहीं है। निम्नांकित क्षेत्रों में एक मरीन बायॉलॉजिस्ट अपने लिए मनपसंद कॅरियर का चुनाव कर सकते हैं-
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मरीन बाइओटेक्नालजिस्ट
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मरीन रिसर्चरस
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बायोलॉजिकल ओशियोनोग्राफर
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मरीन आर्कयेलॉजिस्ट
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फिजिकल ओसियनोग्राफर
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मरीन मैमल ट्रेनर
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जीअलॉजिकल ओसियनोग्राफर
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केमिकल ओसियनोग्राफर
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इन्वाइरन्मेंटल साइंटिस्ट
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फिशरी बायोलॉजिस्ट
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विभिन्न विश्वविद्यालयों में टीचिंग फैकल्टी
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हाइड्रालजिस्ट
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स्कूबा डाइविंग इन्स्ट्रक्टर
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इकथेयलोजिस्ट (मत्स्य के क्षेत्र में अध्ययन करनेवाला)
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अकुआटिक वेटेरिनेरीअन
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रीफ रेस्टरैशन प्रोजेक्ट मैनेजर
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फिशरी डाटा मैनेजर
मरीन बायलॉजी के क्षेत्र में भविष्य में विकास की संभावनाएं
बढ़ते ग्लोबल टेम्परचर और समुद्र के स्तर में वृद्धि के संकट को ध्यान मे रखते हुए मरीन बायोलॉजी का डोमैन विशाल संभावनानों से भरा हुआ है। इस विधा में हाल के वर्षों में लेटेस्ट मॉडर्न टेक्नॉलजी के रूप में जीआईएस, सोनार सैटेलाइट ओशिअनाग्रफी के ऐप्लीकेशन के कारण भी मरीन बायोलॉजी के प्रोफेशनल डिग्री होल्डर्स के लिए उपलब्ध कॅरियर आॅप्शन में काफी वृद्धि हुई है।
लंदन में स्थित और 1888 में स्थापित दि इंस्टिट्यूट ऑफ मरीन इंजीनियरिंग, साइंस एण्ड टेक्नॉलजी एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसकी सदस्यता से मरीन प्रोफेशनल्स के कॅरियर प्रोस्पेक्ट्स को अधिक अधिक कवरेज और इक्स्पोजर प्राप्त होता है, जो अंतत: प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए विभिन्न राहें खोलती है। इस लिहाज से एक मरीन बायोलॉजिस्ट के लिए कॅरियर ऐवन्यूज की कोई कमी नहीं है।
श्रीप्रकाश शर्मा
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