काल का कोई भी क्षण सामान्य नहीं होता है। हर पल अद्भुत और असामान्य है। वह कोई क्षण ही था जिसने हमें जीवन दिया था, वह भी समय का एक क्षण ही था जिसने सब कुछ छीन लिया था। जिन्दगी में हर क्षण एक अनूठा अवसर लेकर आता है, उस क्षण के सही उपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य समाया हुआ है। अस्त-व्यस्त जीवन शैली और नकारात्मक आदतें जिंदगी में आने वाले बहुमूल्य अवसरों को हाथ से फिसलती हुई रेत के मानिंद गवांती रहती हैं। ऐसे में अंत में हमारे हाथ कुछ नहीं लगता है बल्कि जो कुछ भी पास रहता है वह भी बिखर के समाप्त हो जाता है।
समय अपनी गति के अनुरूप चल रहा है, इसकी गति न तो किसी के लिए अधिक है और न ही किसी के लिए कम, एक दिन भी 24 घंटे की अवधि में बंधा हुआ है। सभी के लिए यही समय है और इसी समय को साधन के रूप में प्रयोग करना होता है। समय का कांटा मन की घड़ी पर घूमता है, होश में रहकर ही समय का सदुपयोग किया जा सकता है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ गया है। कापोर्रेट और मल्टीनेशनल कंपनियों में कम समय में अधिक उत्पादकता पर जोर दिया जा रहा है। टाइम मैनेजमेंट एक चुनौती है जिसका सही उपयोग करके हर कोई अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सफल हो सकता है।
अक्सर काम आरंभ करते समय मन में अनेक काम घुमने लगते हैं। इन सभी कामों में से हमें उस कार्य को चुनना चाहिए जिसकी आवश्यकता सर्वोपरि हो, प्राथमिकता उस काम को देनी चाहिए जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी मांग हो। काम को चुन लेने पश्चात काम को कितने समय में और कब तक पूरा करना है इसको निर्धारित करना चाहिए साथ ही काम से जुड़ी जिम्मेदारी को समझ कर कार्य प्रारंभ करना चाहिए।
क्या आप जानते हैं कि हम सभी को 1 हफ्ते में 168 घंटे मिलते हैं फिर वो चाहे किसी टॉप कंपनी का सीईओ हो कोई कॉलेज ग्रेजुएट। आपकी अप्रोच के हिसाब से ही 168 घंटों का समय आपके लिए या बहुत ज्यादा साबित हो सकता है या बहुत कम। वक्त किसी के लिए नहीं रुकता है। कई लोग सोमवार से शुक्रवार तक ही अपना बहुत काम निपटा लेते हैं, जबकि कई लोगों को इसमें मुश्किल होती है। कभी सोचा है कामयाब इंसान अपने हफ्ते के 168 घंटे कैसे बिताते हैं और वो कौन सा तरीका है ,जिससे आप समय से अपना सारा काम निपटा लें। आइए जानते हैं इन तरीकों के बारे में।
आदत
ऑथर और पूर्व नेवी सील जोको विलिंक हर दिन बाकी काम करने से पहले सुबह 4।30 बजे वर्कआउट करने के लिए उठते हैं। वह अपने हाथ की घड़ी का फोटो इंस्टाग्राम पर डालते हैं, जिससे उनके उठने के समय का पता चलता है। इसके बाद वो वर्कआउट के रिजल्ट से जुड़े कुछ फोटो डालते हैं। उनके फोटो कैप्शन्स से वह अपने हजारों फॉलोअर्स को अपने लक्ष्य को हासिल करने की प्रेरणा देते हैं। विलिंक ने सुबह जल्दी उठने की आदत डाली है। आप इतनी सुबह भले ही न उठ पाएं लेकिन आप भी अपने जरूरी काम समय से निपटाने के लिए जल्दी उठने की आदत डाल सकते हैं।
एनर्जी लेवल
अमेरिकी फाउंडिंग फादर, इंवेन्टर और लेखक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने टोनी रॉबिंस या जिम रोहन से बहुत पहले पर्सनल डेवलपमेंट के बारे में लिखा था। अपनी बायोग्राफी में, फ्रैंकलिन ने बताया कि कैसे एक रेगुलर वर्किंग डे से उन्हें मैक्सिम वैल्यू मिली।
नेवी सील की तरह, फ्रैंकलिन लगभग 05:00 बजे उठे और वह काम शुरू किया जो उन्हें सबसे जरूरी चीज लगा। आमतौर पर वह अपने दिन की शुरुआत खुद से यह पूछकर करते कि, ‘मैं इस दिन क्या अच्छा करूंगा?’ देर शाम को, फ्रैंकलिन समीक्षा करते कि उनका दिन कैसा गया।
उन्होंने अपनी उपलब्धियों और असफलताओं के बारे में भी सोचा। कहने का मतलब है कि फ्रेंकलिन ने यह समझा कि कब उनके पास मुश्किल काम (सुबह) करने की एनर्जी थी, कब वे एडमिनिस्ट्रेटिव काम कर सकते थे (दोपहर) और कब उनका दिमाग रिफ्लेक्ट (सोने से पहले और बाद) होता था।
थीम सेट करना
प्रोडक्टिविटी में माहिर टिम फेरिस काम को बहुत गहराई से करने से करने में विश्ववास रखते हैं। कोई एक काम करते वक्त जैसे बुक लिखना, वह सिर्फ उसी को करने में विश्वास में रखते हैं। इस दौरान वो कोई अन्य काम जैसे मीटिंग या कॉन्फ्रेंस कॉल नहीं करते। वो एक समय पर सिर्फ एक ही काम करते हैं।
टिम फेरिस बताते हैं कि बुक लिखते वक्त वह सिर्फ उसी पर ध्यान देते हैं और कोई अन्य काम नहीं करते हैं। आप भले ही बुक न लिख रहे हों लेकिन आप भी एक दिन सिर्फ किसी एक ही काम को दे सकते हैं और उस दिन किसी दूसरे काम को करने से बचें। उदाहरण के तौर पर सोमवार को बिजनेस प्लानिंग, मंगलवार को कस्टमर रिसर्च और बुधवार को मार्केटिंग से संबंधित काम कर सकते हैं।
पूरा हफ्ता सोच समझकर बिताएं
टाइम मैनेजमेंट का सबसे पहला रूल ये है कि किसी और की बजाय आप खुद तय करें कि आप अपना टाइम कैसे गुजारेंगे। आप किसी एक दिन सिर्फ एक ही काम करने पर ध्यान दे सकते हैं या फिर आप अपने हिसाब से तय करें कि किस दिन, किस हफ्ते आपको क्या काम करना है। आपकी अप्रोच के हिसाब से ही 168 घंटों का समय आपके लिए बहुत ज्यादा या बहुत कम साबित हो सकता है।