Tuesday, June 10, 2025
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कोई और गुल खिला सकती है इमरान मसूद की तल्खी

  • सपा विधायक आशु मलिक से शुरू हुई रार और तकरार

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: पराजय की पीड़ा से समाजवादी पार्टी के नेता अभी उबर भी नहीं पाए हैं कि अंतर्कलह फिर से शुरू हो गई है। हालांकि, पंचायत उपचुनाव में गुरुवार को मतदान हो गया पर आपसी खींचतान पिछले कई दिनों से चल रही है। खासकर, पूर्व विधायक इमरान मसूद और सपा के देहात विस सीट से विधायक चुने गए आशु मलिक एक-दूसरे के लिए बाहें चढ़ा रहे हैं। सियासी टीकाकारों का मानना है कि इमरान मसूद सपा में असहज महसूस कर रहे हैं। इसीलिए उन्होंने फिर तल्ख तेवर अपना लिए हैं। हो न हो इमरान फिर किसी और दल का रुख कर लें। घर वापसी भी कर लें तो ताज्जुब नहीं।

यह बताने की जरूरत नहीं कि सहारनपुर में जिला पंचायत सदस्य के उपचुनाव में गुरुवार को मतदान हो गया। लेकिन, इसी चुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर सपा नेता इमरान मसूद और इसी पार्टी के विधायक व पूर्व मंत्रीआशु मलिक में ठन गई है। दोनों पिछले एक पखवाड़े से आमने-सामने हैं। दरअसल, इमरान मसूद ने पिछले विस चुनाव के दरम्यान कांग्रेस से हाथ छुड़ा कर साइकिल की सवारी कर ली थी। हालांकि, इमरान को सपा मुखिया अखिलेश ने टिकट नहीं दिया। उन्हें सिर्फ चुनाव लड़ाने को कहा गया। इमरान ने जिन सपा प्रत्याशियों के लिए ताकत लगाई, वह चारों खाने चित हो गए। सपा को बेहट और देहात सीट पर विजय मिली तो यहां इमरान का कोई बड़ा योगदान नहीं रहा। खुद इन सीटों को फतह करने वाले क्रमश: उमर अली और आशु मलिक इस बात को कहते आए हैं कि उन्होंने विजय अपने दम पर पायी है। इमरान के दम पर नहीं।

बहरहाल, अंदरखाने चल रही खदबदाहट पिछले दिनों सतह पर आ गई। यहां जिला पंचायत के वॉर्ड नंबर-43 के सदस्य पद के उपचुनाव में अवनीश त्यागी उर्फ ‘बिट्टू’ का प्रचार सपा के सहारनपुर ग्रामीण से विधायक आशु मलिक ने किया। अवनीश को सपा-रालोद गठबंधन का अधिकृत प्रत्याशी बताया गया। उधर, इमरान मसूद ने आशा लता को प्रत्याशी बना दिया। इसी को लेकर मलिक और इमरान में जुबानी जंग तेज हो गई। सार्वजनिक मंच से तो इमरान ने अपना दर्द भी बयां किया। उन्होंने कहा कि- आशा लता का पर्चा भरवाया तो लखनऊ से परवाना आ गया कि ये अधिकृत प्रत्याशी नहीं हैं। बहरहाल, आशु मलिक ने भी लगे हाथ इमरान मसूद पर कई कटाक्ष किए। कह सकते हैं कि दो मुस्लिम नेताओं में दो फाड़ का पार्टी की सेहत पर खराब असर हो सकता है। वैसे भी सपा को सहारनपुर में सिर्फ दो सीट हासिल हुई है। रही इमरान की बात तो वह सपा में किनारे लगा दिए गए हैं।

हालांकि, इमरान कद्दावर नेता हैं। लेकिन, लगातार कई चुनाव हार जाने के बाद उनका क्षीण हो रहा है। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘बोटी-बोटी’ बयान से चर्चा में आए इमरान मसूद 2022 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर करके सपा में आए थे, जबकि कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली के प्र•ाारी का अहम ओहदा भी दे रखा था। बहरहाल, अब इमरान के रुख से तो यही लगता है कि वह निकट भविष्य में कोई और फैसला ले सकते हैं। उधर,आशु मलिक ने उन्हें अवसरवादी और पार्टी विरोधी तक कह डाला है। जाहिर है कि आशु मलिक का पार्टी में वजन ज्यादा है। ऐसे में इमरान घुटन महसूस करते हों तो कोई अचरज नहीं।

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