नई टाउनशिप पॉलिसी 2023 के तहत 5 लाख से अधिक व 10 लाख से कम आबादी वाले नगरों में टाउनशिप बनाने पर भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में 25 प्रतिशत की मिलेगी छूट
5 लाख से कम आबादी वाले नगरों में टाउनशिप बनाने पर भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में मिलेगा 50 प्रतिशत तक की छूट का लाभ
एफडीआई पॉलिसी के अनुसार निजी डेवलपर्स के लिए एफडीआई की सुविधा भी होगी अनुमन्य
‘सिंगल विंडो सिस्टम’ से निर्गत होंगी परियोजना से संबंधित विभिन्न स्वीकृतियां व अनापत्तियां
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: नई टाउनशिप पॉलिसी 2023 के तहत निवेश करने वाले निजी विकासकर्ताओं को योगी सरकार विभिन्न तरह के इंसेंटिव्स प्रदान करेगी। ऐसे विकासकर्ताओं को सबसे बड़ी राहत भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में मिलेगी। 5 लाख से अधिक और 10 लाख से कम आबादी वाले नगरों में टाउनशिप बनाने पर भू- उपयोग परिवर्तन शुल्क में 25 प्रतिशत, जबकि 5 लाख से कम आबादी वाले नगरों में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शहरीकरण की नई चुनौतियों को देखते हुए समाज के विभिन्न वर्गों को अफोर्डेबल हाउसिंग मुहैया कराने, शहरों के पेरीफेलर क्षेत्रों में अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करने, शहरी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ ही निवेश जुटाने के लक्ष्य के साथ योगी सरकार ने इस नीति का निर्धारण किया है। नीति के तहत टाउनशिप के विकास के लिए निजी विकासकर्ता पात्र होंगे।
आवासीय उपयोग के लिए होगी 50 एकड़ से कम क्षेत्रफल की टाउनशिप
नीति के अनुसार, टाउनशिप का क्षेत्रफल 50 एकड़ से कम होने पर केवल आवासीय उपयोग में ही अनुमति प्रदान की जाएगी। वहीं, टाउनशिप का क्षेत्रफल 50 एकड़ या इससे अधिक होने पर कृषि उपयोग में भी अनुमति प्रदान की जाएगी, जिसके लिए नियमानुसार आवासीय में भू-उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही की जाएगी। आवासीय के अतिरिक्त अन्य उपयोग की भूमि भी योजना में सम्मिलित होने की दशा में महायोजना मार्गों की भूमि को छोड़कर बाकी उपयोगों की भूमि को ‘स्वैपिंग किया जाना अनुमन्य होगा, जिसके लिए भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क देय नहीं होगा।