- इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल में डा. विशाल वी सिंह व डा. अभिषेक रस्तोगी आदि के बैठने की जानकारी आसपास के लोगों ने दी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के ओडियन वाली रोड स्थित इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल पर शनिवार की शाम को इनकम टैक्स का छापा पड़ा। इससे पूरे इलाके में हड़कंप मचा रहा। इनकम टैक्स के अधिकारी कई घंटे तक इस हॉस्पिटल के भीतर कागजों की जांच पड़ताल करते रहे। हालांकि उन्होंने किसी प्रकार की जानकारी मीडिया को देने में असमर्थता जाहिर की। इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल में डा. विशाल वी सिंह व डा. अभिषेक रस्तोगी आदि के बैठने की जानकारी आसपास के लोगों ने दी।
उन्होंने बताया कि इनके अलावा भी बहुत से चिकित्सक यहां बैठते हैं। शनिवार शाम करीब पांच बजे भारी पुलिस फोर्स लेकर तीन प्राइवेट गाड़ियों से इनकम टैक्स के अफसरों का बड़ा हमला इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल पहुंचा। इनकम टैक्स अफसरों के भीतर जाने के बाद हॉस्पिटल के भीतर ना तो कोई जा सका ना ही बाहर आ सका। गेट पर पुलिस वाले मुस्तैदी से डट गए। इस दौरान यहां भारी भीड़ जमा हो गयी।
कई घंटे तक हॉस्पिटल के भीतर कागजों को खंगालने की कार्रवाई चलती रही। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि अफसरों के हाथ क्या लगा है। अफसरों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि कार्यालय से प्रेस नोट जारी कर दिया जाएगा। कुछ भी बताने को वो अधिकृत नहीं हैं।
नकली जैन शिकंजी पर कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
जिला जज के आदेश पर मेरठ बाइपास पर पर जीडी गोयनका स्कूल के बाहर स्थित जैन असली शिकंजी रेस्टोरेंट के बोर्ड व अन्य प्रचार सामग्री को सिटी अमीन सचिन कुमार ने उतरवाए व जब्त किया गया है। जैन शिकंजी के मालिक सतीश कुमार जैन मोदीनगर वालों ने बताया की वह जैन शिकंजी व जैन शिकंजी मसाला एवं जैन शिकंजी रेस्टोरेंट आदि के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क ओनर है।
बरसों पहले उनके पिता ने इस काम को शुरू किया था जिसे अब सतीश जैन व उनके बेटे सुगंध जैन देख रहे हैं। जैन शिकंजी की ब्रांड की लोकप्रियता को देखते हुए कुछ लोग जैन शिकंजी के नाम का अनधिकृत रूप से दुरुपयोग करके जैन शिकंजी का ब्रांड का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। जीडी गोयनका स्कूल के बाहर पंकज गुप्ता आदि ने फर्जी तरीके से पहले जैन शिकंजी के नाम का उपयोग करना शुरू किया। जब अदालत में ट्रेड मार्क उल्लंघन का केस इन लोगो के खिलाफ डाला गया तो पता चला कि प्रदीप जैन नाम के व्यक्ति ने इनको यह नकली फ्रैंचाइसी दी है।
बाद में रेस्टोरेंट का नाम बदलकर इसको जैन असली शिकंजी रेस्टोरेंट कर दिया गया। अदालत ने उपरोक्त मामले में पंकज गुप्ता व प्रदीप जैन आदि को 30 मई 2023 के आदेश के अनुसार रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क जैन शिकंजी या जैन असली शिकंजी या मिलते जुलते नाम के उपयोग पर रोक लगाई थी, उसके बावजूद भी इन्होंने इन नामों का उपयोग बंद नही किया।
जिस पर अदालत ने इनके इस कृत्य को देखते हुए असली मालिक सतीश जैन की अर्जी पर आदेश पारित किया कि कोर्ट अमीन जैन असली शिकंजी परिसर में जिस भी प्रचार सामग्री, शिकंजी स्टॉक व पैक्ड बॉटल्स आदि जिन वस्तुओं पर जैन शिकंजी या जैन असली शिकंजी अंकित हो उसको वहां से हटकर जब्त कर ले।
जिस पर शनिवार को कोर्ट के आदेश पर सिटी अमीन सचिन व जैन शिकंजी के अधिवक्ता मनोज गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर बोर्ड व प्रचार सामग्री को वहां से उतरवा कर न्यायालय के आदेश अनुसार जब्त कराया। अधिवक्ता मनोज गुप्ता ने बताया कि जो भी व्यक्ति फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क की कॉपी कर रहे है सबके खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत में अर्जी लगी हुई है।