- साकेत में आवास और हाइवे स्थित प्रतिष्ठान पर पहुंचे आयकर के अफसर
- देश के टॉप फाइव प्रकाशकों में गिना जाता है अरिहंत प्रकाशन का नाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पिछले तीन दिनों से महानगर में आयकर की छापेमारी चल रही है। दो दिन पहले भाजपा नेता एवं बिल्डर कमल ठाकुर और सीए संजय जैन के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए दो दिनों तक जांच पड़ताल कीऔर कैश, गोल्ड व जरूरी कागजात कब्जे में लिये। वहीं, गुरुवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने शहर एक और बड़े कारोबारी एवं अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन के तीन ठिकानों साकेत स्थित आवास, हाइवे पर कार्यालय और गुप्ता कालोनी में गोदामों पर छापेमारी की। कार्रवाई से कारोबारियों में हड़कंप मचा है।
दहशत ऐसी कि कब किसके यहां आयकर वाले आ धमके इससे नींद उड़ी है। कुछ बडेÞ कारोबारी यहां से निकल गए हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि आयकर अफसरों ने अरिहंत के मालिकों का कनेक्शन कमलानगर निवासी संजय जैन से जोड़ दिया है। जानकारों की मानें तो अरिहंत प्रकाशन पर आयकर की रेड को बिल्डर संजय जैन से जोड़कर देखा जाना चाहिए। अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन व उनके तीन पुत्र दीपेश जैन, रितेश जैन व प्रवेश जैन जो कारोबार संभालते हैं, के साकेत स्थित आवास व हाइवे स्थित कार्यालय गुप्ता कालोनी के तीन गोदामों पर गुरुवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने एक साथ छापेमारी की।
कई गाड़ियों में सवार होकर आए आयकर अफसरों का अमला जैसे ही यहां पहुंचा और कार्रवाई शुरू की तो जो जहां था, वहीं रह गया। यानी घर से किसी को बाहर नहीं जाने दिया गया और बाहर से अंदर नहीं आने दिया। गेट बाहर से बंद कर दिए गए। किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं थी। आवास व प्रतिष्ठान पर भारी पुलिस बल व आयकर अफसरों के साथ आए बाउंसर सरीखे सुरक्षा कर्मी मुस्तैद कर दिए।
आईएएस परीक्षा पुस्तकों के प्रकाशन में वर्चस्व
अरिहंत प्रकाशन का आईएएस की परीक्षा पुस्तकों के प्रकाशन में वर्चस्व है। हालांकि इनके यहां सभी प्रतियोगी परिक्षाओं से संबंधित पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है। इसके अलावा अन्य महंगी पुस्तकों का भी प्रकाशन करते हैं। जानकारों की मानें तो देश के पांच बड़े पब्लिशर्स में इनका नाम शामिल है। आयकर की रेड से शहर भर में हड़कंप मचा हुआ है। हाइवे पर बिग बाइट के समीप अरिहंत प्रकाशन का कार्यालय और साकेत स्थित आवास पर अरिहंत के मालिक योगेश जैन का परिवार रहता है।
उनके आवास व दफ्तर दोनों जगह आयकर अफसरों ने छापा मारा। याद रहे कि बीते मंगलवार को आयकर के अफसरों ने विश्वकर्मा ग्रुप पर रेड की थी। विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एस्टेट के मालिक कमल ठाकुर के यहां दो दिन टीम ने कार्रवाई की। बुधवार दोपहर को कुछ कागजात लेकर कमल ठाकुर के आवास से तो आयकर अफसर निकल गए थे, लेकिन उनके पार्टनरों में शामिल संजय जैन के यहां कार्रवाई चल रही है। अरिहंत प्रकाशन पर आयकर की रेड से कारोबारियों में घबराहट साफ देखी जा सकती है।
उद्यमी व सीए संजय सिंहल और मनोज सिंहल के यहां भी आयकर का छापा
आयकर के अफसरों ने उद्यमी व सीए संजय सिंहल व उनके भाई मनोज सिंहल के डिफेंस कालीनी आवास पर भी छापे मारा। बताया जाता है कि आयकर अधिकारियों के रडार पर मेरठ के कई बड़े नामी कारोबारी हैं। गुरुवार को आयकर अफसरों ने जिस तर्ज पर कार्रवाई की है, उससे हड़कंप मचा हुआ है। विश्वकर्मा इंडस्ट्रीयल एस्टेट फर्म में सुबह चार बजे आयकर की कार्रवाई पूरी होने के बाद सुबह आठ बजे दिल्ली, गाजियाबाद और उत्तराखंड की आयकर टीम ने अरिहंत प्रकाशन की दिल्ली
और मेरठ, सीए एवं उद्यमी संजय रस्तोगी की जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड, आर्किटेक्ट असित गुप्ता, प्रकाशक को जमीन की खरीद फरोख्त कराने वाले मनोज सिंघल समेत 14 प्रतिष्ठानों पर एक साथ छापेमारी की। टीम में दिल्ली, गाजियाबाद और उत्तराखंड के 150 अधिकारी शामिल रहे। संजय रस्तोगी को सरधना स्थित पेपर मिल में रखकर पूछताछ की जा रही है। अरिहंत प्रकाशन के निदेशकों से साकेत स्थित आवास में रखकर जानकारी ली गई।
संजय जैन की डायरी में मिला नाम
बताया जाता है कि आयकर अफसरों ने कार्रवाई के दौरान जो दस्तावेज टीपीनगर के कमलानगर में रहने वाले सीए संजय जैन के आवास से बरामद किए हैं, उसमें बार-बार एक डायरी का नाम लिया जा रहा है। संजय की इस डायरी में अरिहंत प्रकाशन के कारोबारियों को लेकर काफी कुछ दर्ज है। बताया गया है कि जो कुछ दर्ज है। वह सब रियल एस्टेट के कारोबार से संबंधित है। यह भी जानकारी दी गई है कि अरिहंत के मालिक छोटे सौदों में कभी हाथ नहीं डालते हैं।
जो भी लिखा-पढ़ी संजय जैन के यहां से बरामद डायरी वो सब बडेÞ सौदों को लेकर की गई है। बताया जाता है कि डायरी में की गई इस लिखा-पढ़ी में अरिहंत के मालिक का नाम कई सौदों में दर्ज है। इनके अलावा कई अन्य नामों की भी जानकारी इस डायरी में दी गयी है। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि अगला नंबर किस का और कब होगा।
प्रकाशन के अलावा रियल एस्टेट कारोबारी भी
शहर के बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि अरिहंत के मालिक केवल प्रकाशन के कारोबार तक सीमित नहीं है। एक अरसा पहले उन्होंने रियल एस्टेट के कारोबार में भी हाथ आजमाया और यह कारोबार उनके लिए मुफीद साबित हुआ। जानकारों की माने तो अरिहंत प्रकाशन के मालिकों की रियल एस्टेट के कारोबार में एंट्री की वजह संजय जैन हैं।
संजय जैन की मार्फत ही उन्होंने रियल एस्टेट के कारोबार में कदम रखा। सुनने में तो यहां तक आया है कि मेरठ ही नहीं दिल्ली एनसीआर के कई अच्छे प्रोजेक्ट में भारी भरकम रकम अरहंत के मालिकों ने लगायी है। रियल एस्टेट के मेरठ के अलावा बाहर के भी कई अच्छे कारोबारियों से उनके कनेक्शन बताए जाते हैं।
आयकर छापेमारी पर जैन समाज व भाजपा ने जताया विरोध
आयकर की छापेमारी की सूचना पर तमाम भाजपाई अरिहंत प्रकाशक के मालिक योगेश जैन की साकेत स्थित कोठी पर पहुंचे। भाजपा महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज के साथ स्थानीय पार्षद रचित गुलाटी, जैन समाज के लोग योगेश जैन से मिलने पहुंचे। रितुराज ने कहा कि हम लोग यहां किसी सरकारी काम में बाधा डालने नहीं बल्कि अपने समाज के प्रमुख व्यक्ति योगेश जैन से मिलने आए हैं, लेकिन आयकर की टीम ने उन्हें मिलने से रोक दिया। अंदर नहीं जाने दिया। आयकर अफसरों को लगा कि ऐसे में माहौल खराब हो सकता है तो उनकी योगेश जैन से मुलाकात करायी गयी।
मीट कारोबारियों के यहां रेड क्यों नहीं होती ?
भाजपा के महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज ने कहा कि योगेश जैन बड़े समाजसेवी हैं। गोशालाओं से लेकर तमाम सामाजिक कार्यों में सेवा करते हैं। आयकर विभाग का टारगेट सदैव वैश्य समाज, जैन समाज ही रहता है। जबकि तमाम दूसरे वर्ग के ऐसे लोग हैं जिनके कत्लखाने चलते हैं अवैध कारोबार से लाखों रुपये की टैक्स चोरी करते हैं। आयकर विभाग उनके यहां कभी रेड नहीं करता। आयकर विभाग का पूरा फोकस ऐसे लोगों पर है जो बेरोजगारों को रोजगार देते और सामाजिक कार्य करते हैं। समय से टैक्स भरते हैं। कत्लखाने चलाने वालों के यहां भी आयकर विभाग छापे मारे।
योगेश जैन की हुई है बाइपास सर्जरी
अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन की कुछ समय पहले बाइपास सर्जरी हुई है। उनकी पत्नी भी बीमार हैं और बेड पर हैं। ऐसे में व्यापारियों ने आयकर विभाग की टीम को विशेष रूप से कहा कि परिवार के साथ कोई ज्यादती न की जाए। विभाग परिवार का उत्पीड़न न करे। सामान्य तरीके से अपनी प्रक्रिया को पूरा करे।
व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा आयकर विभाग
सकल जैन समाज के मुख्य सचेतक विशाल जैन भी मौके पर पहुंचे। जैन ने कहा कि अरिहंत प्रकाशन एक हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहा है। कहा समाज में व्यापारी की हालत ऐसी हो गयी है कि वो टैक्स भी भरे, जीएसटी भरे, रोजगार भी दे, इकॉनामी बढ़ाए और छापेमारी भी सहे। इस पर सोचा जाना चाहिए।