- 106% राजस्व बढ़ा, नये साल पर जश्न मनाने को 11 हजार में मिलेगा लाइसेंस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले में देसी शराब और अंगे्रजी शराब के शौकीनों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। आबकारी विभाग ने जिले में इस बार 654 करोड का राजस्व हासिल किया है। गत वर्ष 621 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई थी। जिसके चलते गत वर्ष के सापेक्ष इस बार 106 प्रतिशत राजस्व की वृद्धि हुई है। आबकारी विभाग ने अगले वित्तीय वर्ष भी देसी शराब की दुकानों व अ्रंगेजी शराब की दुकानों को इस बार भी रिन्यूवल किया जायेगा।
इसके लाईसेंस फीस में दस प्रतिशत बढ़ोत्तरी की जायेगी। वहीं जो दुकानें रिन्यूवल नहीं होंगी। उनके लिए नये सिरे से लाटरी सिस्टम लागू होगा। इस बार यूपी में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्रदेश में ना सिर्फ कंट्रीमेड शराब की कीमतों में कमी आयेगी। बल्कि सरकारी खजाने को भी मजबूत किया जायेगा। शराब की कीमतों कमी लाने की सबसे बड़ी वजह यूपी में ग्रेन एल्कोहल को बढ़ावा देने की नीति है। इससे यूपी की दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हुई है।
अब शीरे वाली शराब की जगह अनाज वाली शराब को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला आबकारी अधिकारी के अनुसार जिले में कुल 485 मदिरा की दुकानें हैं। जिनमें देसी व अंग्रेजी और बीयर की दुकानें शामिल हैं। इस वर्ष आबकारी विभाग ने जिले में 1449 करोड़ राजस्व का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 654 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ। हैप्पी न्यू ईयर मनाने के लिए एक दिन के बार का लाईसेंस अर्थात एफएल की फीस आबकारी विभाग ने 11 हजार रुपये निर्धारित की है।
हर वर्ष एफएल के लिए 10 से 15 तक आवेदन आबकारी विभाग के पास आते हैं। जिनमें उन्हें एक दिन का बार चलाने की अनुमति दी जाती है। वहीं, इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी प्रदीप सिंह का कहना है कि इस बार भी गत वर्ष के सापेक्ष 106 प्रतिशत राजस्व की बढ़ोत्तरी हुई है। आगे भी अच्छा राजस्व मिले। इसके लिए नीति बनाई गई है।