जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: इस्राइली रक्षा बलों ने बताया है कि दक्षिणी लाल सागर में यमन के पास हूती विद्रोहियों ने एक मालवाहक जहाज हाईजैक किया। इस पर कई देशों के नागरिक थे। तुर्किये से रवाना हुआ जहाज भारत आ रहा था। IDF ने कहा कि इस घटना के वैश्विक परिणाम होंगे।
इस्राइली सेना ने साफ किया कि इस बहुत ही गंभीर घटना में जहाज पर कई देशों के नागरिकों की मौजूदगी है, जिसे ईरान ने निशाना बनाया है। आईडीएफ ने कहा, यह इस्राइली जहाज़ नहीं है। इस्राइल के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, इस्राइल एक अंतरराष्ट्रीय जहाज के खिलाफ ईरानी हमले की कड़ी निंदा करता है।
धमकी देने के बाद जहाज हाईजैक, ईरान की भूमिका
जहाज के बारे में इस्राइल ने कहा कि यह एक ब्रिटिश कंपनी के स्वामित्व वाला जहाज है। जिसका संचालन जापानी फर्म करती है। इसे यमनाइट हूती मिलिशिया ने ईरान के मार्गदर्शन में हाईजैक कर लिया। जहाज का नाम गैलेक्सी लीडर है। इस व्हीकल कैरियर का आंशिक स्वामित्व एक इस्राइली कंपनी के पास भी माना जाता है। शुरुआती खबरों के अनुसार, यमन के पास हूती विद्रोहियों ने जहाज हाईजैक किया। खबरों के अनुसार विद्रोहियों ने पहले ही इस्राइल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी थी।
जहाज पर इस्राइली नागरिक सवार नहीं
इस्राइल के बयान से इतर खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि जटिल स्वामित्व संरचनाओं के कारण जहाज का स्वामित्व निर्धारित करना कठिन है। चालक दल की राष्ट्रीयता का पता नहीं लगाया जा सका है। हालांकि, इस्राइल का दावा है कि जहाज पर कोई भी इस्राइली नागरिक सवार नहीं है। लाल सागर में जहाज की जब्ती को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि ईरान ने अंतरराष्ट्रीय जहाज पर आक्रामक कार्रवाई की है।
‘ईरान की कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे’
इस्राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि हाईजैक जहाज पर कुल 25 क्रू मेंबर सवार थे। इसमें यूक्रेन, बुल्गारिया, फिलिपींस और मेक्सिको के नागरिक शामिल हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि जहाज हाईजैक किया जाना ईरान की तरफ से अंजाम दी गई एक और आतंकी वारदात है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि ईरान दूसरे देशों के नागरिकों के खिलाफ अपनी आक्रामकता दिखा रहा है। जहाज गुजरने के वैश्विक रास्तों की सुरक्षा के कारण ईरान की यह कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे।