- जिम्मेदार कर्मचारी सीट से नदारद, स्टाफ की लोगों ने उठाई जांच की मांग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में सरकारी कर्मचारियों के साथ बाहरी लोगों का भी पूरा हस्तक्षेप है। यह कर्मचारी फाइलों को इधर से उधर लेकर घूमते नजर आते हैं, जबकि जिम्मेदार कर्मचारी अपनी सीटों से नदारद मिलते हैं। कार्यालय के स्टाफ की जांच कराने की मांग व्यापारी नेता ने उठाई हैं।
व्यापारी नेता लोकेश अग्रवाल ने डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय पर एक और गंभीर आरोप और लगाया है। उनका कहना है कि यहां सरकारी कर्मचारी तो अपनी सीटों से नदारद रहते हैं। जबकि ऐसे कई लोग है जो है तो बाहर के है, लेकिन वह कार्यालय में उन फाइलों लेकर इधर से उधर घूमते देखे जा सकते हैं जो अति गोपनीय है। ऐसे में इन बाहरी लोगों का कार्यालय में प्रवेश करना संशय पैदा करता है।
गौरतलब है कि इस कार्यालय मे मेरठ समेत गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़ व बागपत जिलों से लोग काम के सिलसिले मे आते हैं, लेकिन उनको यहां पर टरकाया जाता है। सुविधा शुल्क लिए बिना यहां इन लोगो का काम नहीं होता है। यहां पर बैठने वाले अधिकारी व कर्मचारियों का कोई समय ही निश्चित नहीं है। ऐसे में जो बाहरी लोग कार्यालय में घूमते रहते हैं। उनको ही मोटा सुविधा शुल्क देकर काम कराना पड़ता है।
जो कर्मचारी अपनी सीट पर नहीं मिलते उनसे काम भी इन्हीं बाहरी लोगों द्वारा कराया जाता है। व्यापारी नेता लोकेश अग्रवाल ने डीएम व कमिश्नर से कार्यालय की जांच करने की बात कही है। यहां पर जितना भी स्टाफ है उसकी हाजिरी की जांच होनी चाहिए। साथ ही कौन-सा कर्मचारी, किस सीट पर, कितने बजे बैठता है। इसको लेकर भी सक्षम अधिकारी से जांच कराने की मांग उठाई है।
यह बात सही है कि डिप्टी रजस्ट्रिार कार्यालय में भ्रष्ठाचार अपने चरम पर है। पहले भी कुछ कार्मचारियों को रिश्वत लेने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ा है, लेकिन यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, इस मामले को लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार अरविंद कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका, उनका फोन व्यस्त जाता रहा।