- हुसैनाबाद से निकला शहर का परम्परागत जुलूस, हजरत अब्बास की शहादत सुन आंखे अश्कबार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ‘जिन्दाबाद जिन्दाबाद ऐ हुसैन जिन्दाबाद, उलफत-ए-शब्बीर है खुल्द की जागीर है,ये मेरी तकदीर है जिन्दाबाद जिन्दाबाद ऐ हुसैन जिन्दाबाद’। अंजुमन तंजीम-ए-अब्बास के अतीक उल हसन ने जब यह नोहा पढ़ा तो हुसैनी अजादारों की आंखों से अश्क फूट पड़े। बुधवार को बेहद गमगीन माहौल में मोहर्रम का परम्परागत व 90 साल पुराना जुलूस ए अलम (हजरत अब्बास) निकाला गया।
मातम और नोहों की सदाओं के बीच अश्कबार आंखों से अजादारों ने जोरदार मातम कर हजरत अब्बास की वफादारी और शहादत को याद किया। यह कदीमी जुलूस हुसैनाबाद (पूर्वा फैयाज अली) स्थित अलहाज डा. सैयद इकबाल हुसैन सफवी (मरहूम) के अजाखाने से शुरु होकर चौड़ा कुआं स्थित छोटी करबला पहुंचकर सम्पन्न हुआ। इस जुलूस के प्रबंधक मोहर्रम कमेटी के संयोजक सैयद शाह अब्बास सफवी थे।
जुलूस में अंजुमन तंजीम ए अब्बास के संस्थापक सैयद तालिब अली जैदी व हसन बहादुर नकवी, अंजुमन दस्ता ए हुसैनी के साहिब ए ब्याज हुमायूं अब्बास ‘ताबिश’, गजाल रजा व इरफान हुसैन तथा अंजुमन इमामिया के वाजिद अली ‘गप्पू’, चांद मियां, मीसम व रविश के अलावा अंजुमन फौज ए हुसैनी के रजाकारों व नोहाख्वानों ने नोहेख्वानी कर करबला के शहीदों को खिराज ए अकीदत पेश की।
इससे पूर्व यहां आयोजित एक बड़ी मजलिस को मौलाना गुलाम अब्बास ने सम्बोधित करते हुए हुसैनी फौज के सिपेहसालार हजरत अब्बास की वफादारी और शहादत को बयां किया। इस दौरान मजहर अब्बास आब्दी ने सोजख्वानी की रस्म अदा की। जुलूस में मोहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रजिवी, डॉ. सरदार हुसैन जैदी, रजा अब्बास सफवी, कौसर रजा,हुसैनी इंकलाब चैनल के निर्देशक हैदर अब्बास रिजवी व तारिक अब्बास आदि मौजूद थे। दूसरा जुलूस ए अलम जैदी फॉर्म स्थित हाजी अफजाल मेंहदी के अजाखाने से बरामद हुआ जो इमामबारगाह इश्तियाक हुसैन पहुंचकर सम्पन्न हुआ।
जुलूस में अंजुमन फौज ए हुसैनी के जावेद रजा, शबीह जैदी व शाहनवाज ने नोहे पढ़े। जुलूस में हैदर अली ताजपुरी, बाकर जैदी, हाजी खुर्शीद जैदी, मुजफ्फर अली, डॉ. हसन जैदी, दिलबर जैदी, जफरयाब रजा व अली रजा मुख्य रुप से मौजूद थे। उधर सैक्टर चार स्थित शाह जलाल हॉल में ख्वातीनों की मजलिस को दुरदाना जैदी ने खिताब किया जबकि इमामबारगाह मशहैदी जैदी फॉर्म में मौलाना शफी अब्बास ने हजरत अब्बास की शहादत को बयां किया।
नम आंखों से याद किए गए मीसम अब्बास
डा. सैयद इकबाल हुसैन सफवी के अजाखाने से निकलने वाले जुलूस में मास्को से आने वाले मीसम अब्बास की कमी सभी को खली। मीसम हर साल मास्को से भारत आकर इस जुलूस में हजरत अब्बास का अलम उठाते थे। दुर्भाग्यवश पिछले साल उनका बीमारी के चलते निधन हो गया था। इस बार के जुलूस में सभी को उनकी कमी खली और उन्हें याद कर जुलूस में शामिल सभी अजादारों की आंखे नम हो गर्इं। बताते चलें कि मीसम अब्बास मोहर्रम कमेटी के संयोजक सैयद शाह अब्बास सफवी के बेटे थे।
पहला ईरान तो दूसरा मन्नती अलम मेरठ में नस्ब
शास्त्री नगर स्थित शाह जलाल हॉल के ऊपर मन्नती अलम नस्ब कर दिया गया है। लखनऊ से लाए गए इस अलम को अली हैदर रिजवी ने नस्ब किया। इस तरह के दो अलम बनाए गए थे। इनमें से एक अलम तेहरान (ईरान) स्थित करबला पर नस्ब है जबकि दूसरा मेरठ के शाह जलाल हॉल पर नस्ब किया गया। इस अवसर पर रजा अब्बास सफवी, मुजाहिद हैदर, गाजी हैदर, हैदर अब्बास रिजवी, अरफात हैदर व तारिक अब्बास मुख्य रुप से मौजूद थे।
मोहर्रम को लेकर निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम सदर
मेरठ: मोहर्रम की चार तारीख को अब्दुल्लापुर में अलग-अलग जगह मजलिसो का सिलसिला जारी रहा। इसी क्रम में एक मजलिस इमामबाड़ा असगर हुसैन और एक मजलिस तस्सदूक हुसैन के यहां पर संपन्न हुई। जिसको मौलाना मुजीब उल हसन ने खिताब फरमाया रात्रि में एक जुलूस मोहल्ला कोट से होकर मोहल्ला कोट के ही शाकिर महल में संपन्न हुआ जिसमे सोग्वारों ने नौहा ख्वानी कर मातम पुरसी की।
वहीं, अली मेहंदी हसन ने एसडीएम को प्रशासन की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कराया। अब्दुल्लापुर मे मोहर्रम के निकलने वाले जुलूस को लेकर एसडीएम सदर ने निरीक्षण किया। इस दौरान के साथ भावनपुर थाना प्रभारी नीरज मालिक भी मौजूद रहे और जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। इस दौरान पार्षद शौकत अली, नायब अली, रजा अहमद, हैदर, कुमेल, जॉन, आमीर, जेगम अली, नय्यर अब्बास, फेसल, अफसर अली, अली जव्वाद आदि मौजूद रहे ।
काजिम हुसैन के आजाखाने में हुई महिलाओं की मजलिस
बुधवार को पूर्वा फैयाज अली (हुसैनाबाद) स्थित अलहाज सैयद काजिम हुसैन जैदी के आजाखाने में महिलाओं की चौथी मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने करबला के शहीदों को याद किया। इस दौरान जनाबे फातिमा जहरा को पुरसा दिया गया।