जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज शुक्रवार को भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने लद्दाख के लेह में पहले एनालॉग स्पेश मिशन की शुरूआत कर दी है। बताया गया है कि यह मिशन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट सेंटर, एएकेए स्पेस स्टूडियो, यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख, आईआईटी बॉम्बे के सहयोगात्मक प्रयास और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के समर्थन से शुरू हुआ है।
इस मिशन के तहत इसरो लेह में ऐसा स्थान तैयार करेगा, जो कि दूसरे ग्रह की स्थितियों जैसी होगी। इसके जरिए इसरो पृथ्वी से दूर जगहों पर बेस स्टेशन में आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारियां परखेगा।
चलिए जानते हैं एनालॉग स्पेश मिशन के बारे में?
इसरो ने लेह में जो पहला एनालॉग मिशन शुरू किया है, वह अपने आप में बड़ा प्रयोग है। दरअसल, अंतरिक्ष की भाषा में एनालॉग मिशन किसी असली मिशन की नकल की तरह है। इसके तहत वैज्ञानिक कुछ ऐसी जगह चुनते हैं, जो कि अंतरिक्ष या किसी आकाशीय पिंड के वातावरण और माहौल जैसा ही हो। इन जगहों को बाद में तय मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है, ताकि ऐसी ही जगहों पर अंतरिक्ष यात्रियों या अन्य आकाशीय पिंडों पर जाने वालो की ट्रेनिंग कराई जा सके।
इन एनालॉग मिशन्स के दौरान क्या होगा?
इसरो की तैयारियों के जरिए इन एनालॉग मिशन्स के दौरान इनमें हिस्सा लेने वाले लोग दूसरे ग्रहों और आकाशीय पिंडों में रहने लायक स्थिति का अनुभव करेंगे। यहीं पर वह भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार किए जाएंगे। वैज्ञानिक ऐसी स्थितियों में रखने के बाद क्रू सदस्यों के प्रबंधन और मानसिक स्थिति पर नजर रखेंगे।