Tuesday, July 15, 2025
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क्रांतिधरा पर जाम लाइलाज

  • शहर का शायद ही कोई ऐसा चौराहों हो, जिस पर जाम का झाम न हो
  • शहर के लाइलाज जाम से शहरवासी आ चुके आजिज, बढ़ रहा पुलिस के प्रति आक्रोश

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: क्रांतिधरा में हर रोज लगने वाला भीषण जाम लाइलाज हो गया है। शहरवासियों की सबसे बड़ी इस मुसीबत पर अफसरों ने आंखें मूंद ली हैं। प्रतिदिन स्कूली बच्चे घंटों जाम में फंस रहते हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली, ई-रिक्शा और आॅटो चींटी की चाल से रेंगती हैं। दिल्ली रोड, कचहरी पुल और हापुड़ अड्डा जाम के मुख्य प्वाइंट बन गए हैं। जहां गुरुवार को शहर में हापुड़ रोड, दिल्ली रोड और माल रोड पूरी तरह से जाम की गिरफ्त में रहे, लेकिन शहरवासियों की इस दिक्कत को दूर करने की योजना पर कोई अमल नहीं हो रहा है।

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महानगर में जाम के हालात यूं हो गए कि इस समस्या जिक्र होते ही हर कोई मजबूर दिखने लगता है। कमिश्नर, एडीजी, डीएम, एसएसपी की जद्दोजहद और तमाम वादे झूठे साबित हो रहे हैं। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि अब पैदल और बाइक चलना भी दूभर होने लगा है। रेलवे रोड चौराहा, भैंसाली बस स्टैंड, बेगमपुल, जीरोमाइल, हापुड़ अड्डा, मेडिकल कालेज के सामने, भूमिया पुल, कचहरी पुल, मेघदूत पुलिया, जेल चुंगी, खैर नगर और माल रोड ये ऐसे प्वाइंट है, जिन्हें जाम ने पूरी तरह से जकड़ रखा है। इन इलाकों से गुजरने से पहले ही लोगों के जेहन में घंटों फंसे रहने की परेशानी कौंधने लगती है।

इन्हीं रास्तों से हजारों स्कूली बच्चों का आना-जाना होता है। ये ऐसे रास्ते हैं, जहां यातायात पुलिसकर्मियों के पास मुंह ताकने के सिवा कोई चारा नहीं होता है। एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव के पास जाम से निपटने की कोई व्यवस्था तक नहीं है, जबकि पुरा जिम्मा एसपी ट्रैफिक का ही होता है। हालात ये हो गए कि शहरी जाम में खुद फंसे और वहां से निकलने का खुद ही कोई रास्ता निकालें, क्योंकि अब हालात बद से बदतर हैं। अफसर जाम के विषय पर बात करने से भी कतराने लगे हैं, लेकिन ट्रैफिक जाम की समस्या अब शहर के लिए नासूर बनती जा रही है।

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आए दिन लगने वाला जाम अब लाइलाज बीमारी की तरफ बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को भी शहर का ऐसा कोई चौराहा और सड़क नहीं थी, जहां पर ट्रैफिक जाम न हो। जाम के हालत देख पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। जाम ने ट्रैफिक पुलिस को भी परेशान कर दिया। शहरवासी घर से निकलते तो थे अपने काम पर, मगर वह जाम में ऐसा फंसे की पांच मिनट वाला रास्ता भी एक घंटे से अधिक समय में तय करना पड़ा।

कचहरी पुल, जीरो माइल तिराहा, लालकुर्ती मेन रोड, बेगमपुल, बच्चा पार्क, इंदिरा चौक, हापुड़ अड्डा और भैंसाली डिपो के सामने तो जाम के हालात बहुत खराब थे। ट्रैफिक जाम ने सर्दी में शहरवासियों को बेहाल कर दिया। दोपहिया वाहनों के साथ जब लोग गलियों में से निकले तो वहां भी जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस ने जो जाम से मुक्त होने का प्लान तैयार किया, वह सब ठंडे बस्ते में चला गया और शहरवासियों को जाम से दो-दो हाथ करना पड़ना रहा है।

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