लखनऊ की एक छोटी सी लड़की एक बहुत बड़ा सपना था कि बड़ी होकर पायलट बने। फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ उसी लड़की, लाइट लेफ्टिेनेंट गुंजन सक्सेना की बायोपिक थी जिन्होंने 1999 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। जाह्नवी कपूर द्वारा अभिनीत मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म का निर्माण करन जौहर की धर्मा प्रोडक्शन ने जी स्टूडियो के साथ मिलकर किया था। कुछ विवादों के बावजूद इस फिल्म के लिए जाह्नवी कपूर के काम को अत्यंत सराहना मिली।
जाह्नवी कपूर इन दिनों फिल्म ‘हेलन’ कर रही हैं। यह एक युवा नर्स की कहानी है जो कनाडा में रीलोकेट होना चाहती है, लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी पैदा होती हैं कि रोजाना की तरह एक दिन वह काम पर तो गई, लेकिन घर न लौटकर कहीं गायब हो जाती है। यह एक मलयालम फिल्म का हिंदी रीमेक है। फिल्म का अधिकांश हिस्सा लखनऊ में शूट किया जाएगा। शूटिंग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नए साल में इसकी शूटिंग शुरू हो जाएगी। इस फिल्म का निर्माण खुद बोनी कपूर जी स्टूडियो के साथ मिलकर कर रहे हैं। फिल्म का निर्देशन माथुकुट््टी जेवियर करेंगे जिन्होंने ओरिजनल फिल्म निर्देशित की थी। फिल्म में जाह्नवी कपूर के पिता के किरदार के लिए मनोज पाहवा को लिया गया है।
जाह्नवी कपूर ने अपने छोटे से सफर में बड़ा नाम कमा लिया है। उन्हें श्रीदेवी की बेटी होने का बहुत ज्यादा फायदा मिला है। उनकी आने वाली फिल्मों में ‘रूही अफ्जा’, ‘तख्त’ और ‘दोस्ताना 2’ मुख्य हैं। प्रस्तुत हैं जाह्नवी कपूर के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
आपने ‘धड़क’ के बाद अपने कैरियर की दूसरी फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ को लेकर काफी सपने देख रखे थे लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह फिल्म बड़े पर्दे की जगह ओटीटी पर रिलीज हुई। इस बात से कितना दुख हुआ?
-दुख तो नहीं हुआ, लेकिन यदि बड़े पर्दे पर रिलीज होती तो बात कुछ और ही होती पर मुझे खुशी है कि फिल्म में मेरे काम को एप्रिशियेट किया गया और हमारी मेहनत काम आ गई।
यदि कोई फिल्म मेकर आप पर भरोसा करते हुए आपके पास अपनी फिल्म का आॅफर लेकर आए और आपको लगे कि आप उस केरेक्टर के लिए उपयुक्त नहीं है तो उस सूरत में आप क्या करना चाहेंगी?
-यदि मुझे लगता है कि मैं किसी फिल्म के लिए फिट नहीं हूं, तब ढेर सारी अच्छाइयों के बावजूद मैं उस फिल्म के लिए इंकार कर दूंगी क्योंकि जिस फिल्म को करते वक्त आप कन्फ्यूज हों, मेरे ख्याल से उसे करना ठीक नहीं है।
जावेद जाफरी की बेटी अलाविया और शाहरुख खान की बेटी सुहाना आपकी खास दोस्तों में शुमार हैं। अपनी व्यस्तता के चलते अपनी इस दोस्ती के लिए कितना वक्त दे पाती हैं?
-काम और व्यस्तता चाहे कितनी ही क्यों न हो लेकिन किसी आम लड़की की तरह मैं अपने कामों के लिए वक्त निकाल ही लेती हूं। लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि क्या मायानगरी में सच्ची दोस्ती संभव है? इसका कोई जवाब तो मेरे पास नहीं है लेकिन मेरे जो दोस्त हैं, उन्हें मैं कभी छोड़ने वाली नहीं हूं।
‘धडक’ के दौरान ईशान खट््टर और ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ के निर्माण के दौरान फिल्म के निर्देशक शरन शर्मा के साथ आपके अफेयर के काफी चर्चे रहे?
-मैं जिस किसी के संपर्क में एक बार आती हूं, उसे कसकर जकड़ लेती हूं। फिर छोड़ने का नाम ही नहीं लेती। ईशान या शरन ही क्यों, करण जौहर और शशांक खेतान के नाम भी इनमें शामिल हैं। अफेयर भला किस किस से कर पाऊंगी लेकिन दोस्ती हर किसी के साथ कर लेती हूं।