जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भारत की झिली डालाबेहड़ा ने रविवार को एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप की 45 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला जिसमें सिर्फ दो ही भारोत्तोलकों ने हिस्सा लिया।
जूनियर विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता झिली ने स्नैच में 69 किग्रा और इसके बाद क्लीन एवं जर्क में 88 किग्रा का वजन उठाया। वह गोल्ड स्तर की ओलंपिक क्वालीफायर प्रतियोगिता में कुल 157 किग्रा का वजन उठाकर तीनों वर्गों में पोडियम में शीर्ष स्थान पर रहीं।
इस प्रतियोगिता को पिछले साल महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। हालांकि 45 किग्रा ओलंपिक वजन वर्ग नहीं है। इस स्पर्धा का रजत पदक फिलीपींस की मैरी फ्लोर डायज ने 135 किग्रा (60 किग्रा और 75 किग्रा) का वजन उठाकर हासिल किया। इस जीत से झिली ने पिछले चरण में अपने रजत पदक के प्रदर्शन में सुधार किया।
हालांकि 2019 चरण में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था जिसमें उन्होंने 162 किग्रा (71 किग्रा और 91 किग्रा) का भार उठाया था। वहीं एक अन्य भारतीय भारोत्तोलक स्नेहा सोरेन महिलाओं की 55 किग्रा स्पर्धा में ग्रुप बी में तीसरे स्थान पर रहीं। ओड़िशा की इस 20 साल की भारोत्तोलक ने कुल 164 किग्रा (71 किग्रा और 93 किग्रा) का वजन उठाया जिस ग्रुप में चार महिला खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
स्नेहा 68 किग्रा और 71 किग्रा का वजन उठाने के बाद अपने अंतिम स्नैच प्रयास में 73 किग्रा उठाने में असफल रहीं। क्लीन एवं जर्क में उन्होंने अपने पहले प्रयास में 93 किग्रा का वजन उठाया लेकिन इसके बाद वह 98 किग्रा और 100 किग्रा उठाने में असफल रहीं।
तालिका में उनका स्थान ग्रुप ए की स्पर्धा खत्म होने के बाद ही तय होगा। इससे पहले झिली का स्वर्ण टूर्नामेंट में भारत का दूसरा पदक था। स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने शनिवार को क्लीन एवं जर्क वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए कांस्य पदक जीता था। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली चानू ने स्नैच में 86 किग्रा का भार उठाया।