Wednesday, August 13, 2025
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…बस एक दिन की मेहनत और उम्मीदों को लगे पंख

  • सऊदी पहुंचा लिंक और बदल गई जाकिर की जिंदगी
  • पिता भी शॉट गन ट्रैप शूटिंग में रह चुके हैं नेशनल प्लेयर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कहते हैं कि अगर मन में कुछ अच्छा करने की ठान ली जाए और फिर उसे हासिल करने के लिए कोई जी जान से जुट जाए तो उसके लिए मंजिल दूर नहीं होती। आसमान भी उसके हौंसले के आगे छोटा पड़ जाता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मेरठ के लाल ने। अपने जज्बे के बलबूते मात्र 15 साल की छोटी सी उम्र में जाकिर ने बड़े सपने देखे और फिर उसकी लगन ने उस सपने को साकार भी किया।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं मेरठ के कोटला बाजार निवासी सैयद जाकिर अब्बास जैदी की। जाकिर अपने जमाने के शॉट गन ट्रैप शूटिंग के माहिर (राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी) रह चुके अपने पिता सैयद जफरयाब अली जैदी की तीन संतानों में सबसे छोटे हैं। जाकिर इस समय सऊदी अरब के इंटरनेशनल इंडियन स्कूल बूरैदा में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस समय बुरैदा के स्कूलों में छुट्टियां हैं और मोहर्रम भी शुरु होने को हैं, जिसके चलते जाकिर अपनी मां डा. जीनत जैदी के साथ मेरठ आए हुए हैं।

एक लिंक ने ऐसे दी उम्मीदों को ‘परवाज’

शॉट गन ट्रैप शूटिंग के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहकर कई गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके सैयद जफरयाब अली जैदी बताते हैं कि कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने बेटे जाकिर को इस खेल की बारीकियों व खूबियों से संबधित वीडियो का एक लिंक शेयर किया। जाकिर ने ये लिंक देखा और यहीं से उसके मन में इस खेल के प्रति जिज्ञासा पैदा हो गई।

इसके बाद जाकिर खुद बताते हैं कि उन्होंने तुरन्त अपने पिता से इस खेल में भाग्य आजमाने की फरमाइश कर डाली और तुरन्त भारत के लिए फ्लाइट ले ली। इस दौरान उनके पिता ने भी 20 से 23 जुलाई के बीच अलीगढ़ में आयोजित होने वाली 16वीं प्री यूपी स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप (शॉट गन) के लिए जाकिर का रजिस्ट्रेशन करा दिया।

एक दिन का अभ्यास और जीत लिया ‘मेडल’

शुरू से क्रिकेट और फुटबॉल के शौकीन रहे जाकिर ने बताया कि जब वो भारत आए तो उनके पिता ने उन्हें सिर्फ एक दिन की कोचिंग दी और इसी कोचिंग में वो इस खेल की सभी बारीकियों को समझ गए। बकौल जाकिर जिस प्रकार शॉट गन ट्रैप शूटिंग में सारा फोकस निशाने पर होता है उसी प्रकार उनका भी पूरा फोकस प्रतियोगिता में जीत दर्ज करना था।

आखिर में पिता की कोचिंग और जाकिर की मेहनत ने रंग दिखाया और जाकिर इस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर दूसरे स्थान पर आए। जाकिर अब्बास बताते हैं कि अब वो इसी खेल में भविष्य संवारने की जद्दोजहद करेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के साथ साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने का भी प्रयास करेंगे।

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