Tuesday, July 9, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutकाली नदी: ‘जनवाणी’ की मुहिम लाई रंग

काली नदी: ‘जनवाणी’ की मुहिम लाई रंग

- Advertisement -
  • काली नदी का मुद्दा गूंजा विधानसभा में

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: काली नदी कभी जीवनदायिनी हुआ करती थी। ये नदी यहां जीवन रेखा थी। पानी इतना स्वच्छ था कि लोग इस पानी को पीने में प्रयोग कर लिया करते थे। अब ग्रामीण ये बात बताते है तो कोरा झूठ लगता हैं। क्योंकि वर्तमान में काली नदी बदसूरत हो गई हैं। उसका पानी पीने योग्य तो दूर, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लोग ग्रस्त हो रहे हैं। काली नदी की स्वच्छता को लेकर ‘जनवाणी’ ने पिछले कुछ समय से मुहिम चला रखी हैं।

फैक्ट्रियों के खतरनाक पानी को काली नदी में डाला जा रहा हैं। काली नदी के पानी का परीक्षण प्रयोगशाला में कराया गया था, जिसमें पारा तत्व भी मिला था, जिससे पूरा सिस्टम हैरान हैं। जानलेवा तत्वों की पुष्टि काली नदी पर काम कर रहे रमन त्यागी ने भी पुष्टि की थी। उनके दावे से प्रशासन में हड़कंप मच गया था, लेकिन बावजूद इसके काली नदी में डाले जा रहे प्रदूषित पानी को नहीं रोका गया।

02 23

वर्तमान में भी काली नदी में कई फैक्ट्रियों का दूषित पानी डाला जा रहा हैं। काली नदी के दूषित पानी से कैंसर से हो रही लोगों की मौत का मामला विधानसभा में एक विधायक ने उठाया हैं। इसके बाद काली नदी को लेकर सरकार क्या प्लानिंग कर पाती हैं या फिर नहीं। काली नदी के बदतर हालातों को लेकर ‘जनवाणी’ ने बार-बार प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित किया। अब दूषित काली नदी का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में गूंजा।

काली नदी के दूषित पानी के चलते किस तरह से ग्रामीण कैंसर रोग से ग्रस्त हो रहे हैं। न जाने कितनी मौत कैंसर से हो गई। इन मौतों की वजह ग्रामीण काली नदी के दूषित पानी की वजह भूमिगत जलस्रोत भी दूषित होना बताया जा रहा हैं, जिसके चलते लोगों को बीमारी हो रही हैं। इस मुद्दे को विधानसभा में एक विधायक ने उठाया है। बता दें कि काली नदी के कारण आसपास के दर्जनों गांव के लोग परेशान हैं।

इस नदी में बहते दूषित जल को आज तक रोका नहीं जा सका है। नदी में बहते गंदे पानी और इस नदी में छोड़े जा रहे फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त पानी को लेकर ‘जनवाणी’ में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। लगातार ‘जनवाणी’ काली नदी के कारण होने वाली परेशानियों को उठाता रहा और जनप्रतिनिधियों और प्रशासन तक पहुंचाता रहा है।

गन्ना भुगतान का मुद्दा भी उठा

छपरौली के रालोद विधायक डा. अजय कुमार ने बकाया गन्ना भुगतान का मुद्दा विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार का 14 दिन में गन्ना भुगतान का वादा किया हैं, लेकिन एक-एक वर्ष से गन्ने का चीनी मिल भुगतान नहीं कर पा रही हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों की पेंशन बहाली का मुद्दा भी उठाया।

कहा कि पूर्व में जिस तरह से कर्मचारियों को पेंशन मिलती थी, ठीक वैसे ही पेंशन बहाली की जाए। आवारा पशुओं से किसानों की फसलों का हो रहे नुकसान का मुद्दा भी उठाया तथा आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला में ले जाने की मांग की, ताकि किसानों की फसलों को बचाया जा सकेगा। कहा कि आवारा पशुओं से किसानों की व्यापक स्तर पर फसल नष्ट हो रही हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments