Tuesday, April 8, 2025
- Advertisement -

अमृतवाणी: कठिन डगर

अमृतवाणी | 

युग चाहे कोई भी हो, सदैव जीवन-मूल्य ही इंसान को सभ्य सुसंस्कृत बनाते हैं। किंतु हमारे बरसों के जमे जमाए उटपटांग आचार-विचार के कारण जीवन में सार्थक जीवन मूल्यों को स्थापित करना अत्यंत कष्टकर होता है। हम इतने सुविधाभोगी होते हैं कि सदाचार अपनाना हमें दुष्कर प्रतीत होता है। तब हम घोषणा ही कर देते हैं कि साधारण से जीवन में सत्कर्मों को अपनाना असंभव है। फिर शुरू हो जाते हैं हमारे बहाने। जैसे, ‘आज के कलयुग में भला यह संभव है?’ या ‘तब तो फिर जीना ही छोड़ दें।’ ‘आज कौन है, जो यह सब निभा सकता है?, सदाचार को अंगीकार कर कोई जिंदा ही नहीं रह सकता।’ कोई सदाचारी मिल भी जाए, तो मन में संशय उत्पन्न होता है। संशय का समाधान हो जाए, तब भी उसे संदिग्ध साबित करने का हमारा प्रयास प्रबल हो जाता है। हम अपनी बुराइयों को सदैव ढककर ही रखना चाहते हैं। जो थोड़ी-सी अच्छाइयां हों, तो उसे तिल का ताड़ बनाकर प्रस्तुत करते हैं। बुराइयां ढलान का मार्ग होती हैं, जबकि अच्छाइयां चढ़ाई का कठिन मार्ग। इसलिए बुराई की तरफ ढल जाना आसान होता है, जबकि अच्छाई की तरफ बढ़ना अति कठिन श्रमयुक्त पुरुषार्थ। अच्छा कहलाने का श्रेय सभी लेना चाहते हैं, पर जब कठिन श्रम की बात आती है, तो शॉर्ट-कट ढूंढते हैं। किंतु सदाचार और गुणवर्धन के श्रम का कोई शॉर्ट-कट विकल्प नहीं होता। यही वह कारण है, जब हमारे सम्मुख सद्विचार आते हैं, तो अतिशय लुभावने प्रतीत होने पर भी तत्काल मुंह से निकल पड़ता है, ‘इस पर चलना बड़ा कठिन है।’

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: किठौली में शराब के ठेके का नहीं होगा संचालन: मनिंदर पाल सिंह                     ...

जनवाणी संवाददाता |जानी खुर्द: किठौली में मेन रास्ते पर...

Summer Skin Care: इस्तेमाल करें एलोवेरा से बने ये मास्क, चेहरे को मिलेगी राहत

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Instagram Alternatives: अगर आप भी इंस्टाग्राम से हो गए है बोर, तो आज ही इन एप्स को करें ट्राई

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img