नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। गणपति बप्पा को सुख—समृद्धि देने वाला कहा जाता है। गणेशजी अपने भक्तों के विघ्न हरते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। वहीं, भाद्रपद माह चल रहा है और गणेश चतुर्थी भी आने में है। भक्तजन अपने घरों, मण्डपों स्थलों आदि में भगवान गणेश की मुर्ति स्थापित करेंगें।
इसलिए वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि भगवान गणेश की मूर्ति घर में रखना काफी शुभ तो है ही लेकिन घर में गणेशजी की कैसा मूर्ति रखनी चाहिए। इसे लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं। तो चलिए जानते हैं उन नियमों के बारे में..
लाल रंग की प्रतिमा
बाजारों में गणेशजी की मूर्ति अलग-अलग रंगों में मिलती है। लेकिन अगर आप घर में तरक्की चाहते हैं तो सिंदूरी रंग की मूर्ति लगानी चाहिए। तरक्की के लिए सफेद रंग की मूर्ति रखना भी काफी शुभ है।
क्रिस्टल धातु
वास्तुशास्त्रा में क्रिस्टल धातु को बहुत उत्तम माना गया है। वहीं, अगर हम घर में क्रिस्टल से बनी गणेश जी की मूर्ति स्थापित करेंगे तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। गणेशजी के साथ साथ क्रिस्टल की लक्ष्मी की पूजा करना धन सौभाग्य देने वाला है।
नीम और पीपल से बनी मूर्ति
वास्तुशास्त्रा के माध्यम से अपने घर में आम पीपल और नीम से बनी गणेश जी मूर्ति घर के अंदर जरूर रखनी चाहिए। इसी के साथ ही ध्यान रखें की घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की प्रतिमा जरूर स्थापित करनी चाहिए।
श्वेतार्क मूर्ति
वहीं, घर में श्वेतार्क गणेशजी की मूर्ति स्थापित कर उनकी प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए। इस तरह की मूर्ति घर में लगाने से धन संपदा की कोई कमी नहीं रहती है।
बैठे हुए गणेशजी
इसके साथ ही यह ध्यान करें की गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय मूर्ति हमेशा बैठी हुई मुद्रा में लगाएं। दूसरी ओर गणेशजी की प्रतिमा घर के दरवाजे के बाहर नहीं लगानी चाहिए। अगर आपको गणेशजी की प्रतिमा खड़ी हुई मुद्रा में लगानी है तो आप अपने कार्यस्थल या ऑफिस की डेस्क पर लगा सकते हैं।