- परिवार में पहले भी हो चुकी है एक युवती की संदिग्ध मौत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंचौली के गांव नंगला शेखू के शहजाद के परिवार में 10 साल पहले भी एक युवती की संदिग्ध मौत हो चुकी है। गांव वालों की मानें तो उसका भी किसी युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घर परिवार को उसकी जानकारी थी। एक दिन सुबह-सुबह परिजनों ने उस युवती मौत हो जाने की जानकारी दी। वह कैसे मरी, क्या बीमारी थी किसी को कुछ नहीं बताया गया। बस इतना बताया कि मर गई और उसका दफना दिया है। 10 साल बाद अब उसी परिवार में अमरीशा की निर्मम हत्या कर दी गई।
वहीं, दूसरी ओर गांव वालों की माने तो परिवार वालों को अमरीशा की मौत से ज्यादा दुख हसीन के जेल जाने का है। मां को बेटी की मौत का अफसोस है, लेकिन जेल गए बेटे का बचाव करते हुए वह कहती है कि पूरे गांव में बदनामी हो रही थी। दूसरे गैर मुसलमान के युवक के साथ दो बार घर से जा चुकी थी। आरोपी को जेल भी भिजवा था। जब वो जेल से छूटकर आ गया तो उससे मिलने जा पहुंची थी। काफी बदनामी हो गयी रही थी। सरूरपुर में रहने वाले इस युवक के जेल से आने के बाद दो बार उससे मिलने गयी।
ये हुआ हत्या से पहले
हत्या से पहले मंगलवार की रात को अमरीशा को युवक को लेकर अपने भाई से झगड़ा हुआ था। पूछताछ में हसीन ने पुलिस को बताया कि बुधवार जिस दिन उसकी हत्या की गई उस दिन भी वह युवक से मिलने जा रही थी। उसको रोका गया, घर में मारपीट हुई थी, उसी दौरान उसका हाथ ड्रेसिंग टेबल के शीशे पर लग कर कट गया। इसको लेकर उसने हंगामा खड़ा कर दिया। सड़क पर दौड़ लगा दी। उसका इरादा बहन को मारने का तो था नहीं, लेकिन जुनून ऐसा सवार हुआ कि मारपीट में उसने बहन की जान ले ली। बकौल पुलिस हसीन ने बताया कि सड़क पर बहन को पीटते वक्त उसके औसान बिगड़ गए।
जुनून ऐसा कि उसको खुद नहीं पता चला कि बहन की हत्या करने जा रहा है। अशरीशा की जान लेने के बाद जब वह घर पहुंचा तो मां ने कहा कि ये तू ने क्या किया। तब उसे अहसास हुआ कि यह ठीक नहीं हुआ…पुलिस शिकंजे में पूछताछ के दौरान हसीन बार-बार एक ही बात कह रहा था कि उसका मकसद मारना तो नहीं था, लेकिन फिर भी उसके हाथों बहन की मौत हो गई। वो बार-बार एक ही बात कह रहा था कि हमने तो शादी तय कर दी थी। कुछ दिन की थी निकाह हो जाता तो सारी रॉड ही खत्म हो जाती, लेकिन नसीब में तो जेल जाना लिखा था।