Monday, July 1, 2024
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यहां जाने कब और कैसे लाएं गणपति, इस दिन होगा विर्सजन

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। भाद्रपद माह में आने वाला पर्व गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाया जाएगा यानि गणेश महोत्सव पर देशावासी अपने घरों में मंगलवार से मूर्ति स्थापित करेंगे।

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बताया जाता है कि भगवान गणेश की 10 दिनों तक नियमित आराधना करने के बाद अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन करके गणपति बप्पा को विदाई दी जाएगी। तो चलिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे गणेश महोत्सव के तिथि और मुहूर्त के बारे में…

पूजा-अर्चना तिथि और मुहूर्त

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ज्योतिषाचार्यों से ​मिली जानकारी के मुताबिक कि गणेशजी की मूर्ति लाने के लिए शुभ समय का ध्यान जरूर रखना चाहिए। साथ ही मध्याह्न गणेश पूजा का मुहूर्त – 19 की सुबह 11:01 से दोपहर 1:28 बजे तक – अवधि – 02 घंटे 27 मिनट तक है।

गणेशजी की मूर्ति स्थापित करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान…

बता दें कि चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 18 सितंबर दोपहर 12:39 बजे और समाप्ति- 19 सितंबर दोपहर 1:43 बजे तक है। इसी के साथ 10 बाद गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त बृहस्पतिवार, 28 सितंबर को है।

ऐसे करें मूर्ति स्थापना

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  • ज्योतिषाचार्य से जानकारी के मुताबिक चतुर्थी के दिन ढोल-नगाड़ों के साथ विघ्नहर्ता को धूमधाम से घर लाना चाहिए।
  • मूर्ति स्थापित करने के लिए सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश का मंत्र जाप करते हुए एक सुंदर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं। उसके ऊपर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • भगवान गणपति का मुख उत्तर दिशा की ओर रखें। इसके बाद गणपति का सुंदर वस्त्र, आभूषण, कलावा, अक्षत, पुष्प, माला मुकुट आदि से शृंगार करें।
  • लाल चंदन से भगवान का तिलक करें। इसके बूंदी के लड्डू या मोदक के साथ पंचामृत, पांच फल और पंचमेवा का भोग लगाएं। धूप-दीप से आरती करें।

इस दिन न करें ये काम

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  • ज्याेतिषाचार्य के मुताबिक, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित होता है। गणेश पुराण के अनुसार माना जाता है कि भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी करने का गलत आरोप लगा था। तब नारद ऋषि ने बताया कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी यानि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लिया था और इसी कारण शापित हो गए थे।
  • अगर भूलवश कोई व्यक्ति चंद्रमा को देख ले तो वह मोली में 21 दूर्वा बांधकर मुकुट बनाए और भगवान विनायक को अर्पित कर दे। इससे चंद्र दर्शन से दोष मुक्त हो जाएगा।
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