Wednesday, April 2, 2025
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Kunal Kamra Row: कुणाल कामरा के वकील ने किया बड़ा दावा, बोले मुंबई जाना सुरक्षित नहीं होगा, वी. सुरेश ने पुलिस की भूमिका पर भी उठाए सवाल

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बीते शनिवार को कुणाल कामरा के वकील वी. सुरेश ने यह दावा किया कि इस वक्त कुणाल कामरा का मुंबई जाना सुरक्षित नहीं होगा। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बिना उनका नाम लिए “गद्दार” कहा। इसके बाद कामरा एक नए विवाद में फंस गए हैं, जिसके चलते उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने कहा कि वह 2021 से मुंबई छोड़कर तमिलनाडु में शिफ्ट हो गए थे और तब से वहीं रह रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का डर भी जताया है। इस मामले में वकील वी. सुरेश ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि इस वक्त कुणाल कामरा का मुंबई जाना सुरक्षित नहीं होगा और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है।

कुणाल कामरा के मामले की वास्तविक स्थिति

वी. सुरेश ने कहा कुणाल कामरा का “नया भारत” कार्यक्रम विवादों में घिर गया है, जिसमें उन्होंने देश की राजनीति और कई सार्वजनिक हस्तियों, जिनमें राजनीतिक नेता भी शामिल हैं, पर व्यंग्य किया। इस कार्यक्रम का वीडियो 23 मार्च को अपलोड किया गया। वीडियो में कामरा ने बॉलीवुड गाने के माध्यम से अपने व्यंग्य को प्रस्तुत किया और देश की राजनीतिक स्थिति की आलोचना की। हालांकि, उन्होंने महाराष्ट्र के किसी भी व्यक्ति या नेता का नाम नहीं लिया था।

इसके बावजूद, वीडियो अपलोड होते ही महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई। इस प्रतिक्रिया के बाद कामरा के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गई।।

अगले ही दिन, शिवसेना से जुड़े लोगों ने मुंबई के एक होटल में तोड़फोड़ की और वहां के स्थानीय लोगों पर हमला किया। इतनी गंभीर घटना के बावजूद, पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। इससे शिवसेना के कार्यकर्ताओं की ओर से और भी उग्र प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ विधायकों ने खुलेआम धमकी दी कि वे “कुणाल कामरा का मुंह काला कर देंगे” और “उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर देंगे”। ये धमकियां कामरा की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। ऐसे में मुंबई जाना उनके लिए सुरक्षित नहीं है।

इसके बाद क्या हुआ?

कुणाल कामरा के मामले में, 24 मार्च को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन ने एक समन जारी किया, जो कुणाल कामरा के मुंबई स्थित माता-पिता के घर भेजा गया था। इस समन में उन्हें जांच के लिए पेश होने को कहा गया। इसके बाद, कुणाल कामरा ने पुलिस को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने यह बताया कि वह वर्तमान में मुंबई में नहीं हैं और 2 अप्रैल को हाजिर होने की पेशकश की। हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया

इसके बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई

24 से 27 मार्च के बीच, कुणाल कामरा के खिलाफ स्थिति और भी गंभीर हो गई, जिससे उनकी चेन्नई यात्रा भी असुरक्षित हो गई। इस बढ़ती हुई चिंताओं को देखते हुए, उनके वकील ने अंतरराज्यीय अग्रिम जमानत याचिका दायर की और कामरा को मिल रही धमकियों से जुड़े सारे प्रमाण अदालत के सामने प्रस्तुत किए। इन धमकियों की गंभीरता को देखते हुए, मद्रास हाई कोर्ट ने मामले को तवज्जो देते हुए मुंबई पुलिस को पेश होने का निर्देश दिया।

मद्रास हाई कोर्ट का आदेश

मद्रास हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, मुंबई पुलिस को निर्देश दिया कि वह 7 अप्रैल तक अदालत में पेश हो। इसके साथ ही, अदालत ने अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान की और महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु पुलिस को आदेश दिया कि 7 अप्रैल तक कामरा के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की जाए।

खार पुलिस को किया सूचित

इस आदेश के बाद, कामरा के वकील ने इस बात को सुनिश्चित किया कि खार पुलिस को स्पीड पोस्ट और ईमेल के माध्यम से सूचित कर दिया गया था। 28 मार्च की रात तक खार पुलिस को आधिकारिक रूप से सूचित कर दिया गया था, और अब वकील को उम्मीद है कि खार पुलिस 7 अप्रैल को मद्रास हाई कोर्ट की अगली सुनवाई के दौरान पेश होगी।

इस दौरान, यह स्पष्ट हो गया कि मामले की कानूनी जटिलताएँ बढ़ गई थीं, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कामरा को न्याय मिले, अदालत और पुलिस दोनों के स्तर पर सक्रिय कदम उठाए जा रहे थे।

वी. सुरेश का बयान

वी. सुरेश, कुणाल कामरा के वकील ने स्पष्ट किया कि कामरा को महाराष्ट्र में सच में खतरा है, और यही कारण था कि याचिका दायर की गई थी। उन्होंने कहा कि यह याचिका किसी भावनात्मक प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह कानूनी रूप से ठोस आधार पर दायर की गई थी। सुरेश ने आगे बताया कि अदालत ने सभी साक्ष्यों की समीक्षा की और कामरा की चिंताओं को सही पाया, जिसके बाद उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की गई।

सुरेश ने लोकतांत्रिक देश में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया और कहा कि पुलिस को संविधान के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री खुलेआम धमकी दे रहे हैं, जबकि पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है, और सुरेश ने इसे लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया।

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