- वन विभाग की टीम ने दूसरे दिन भी चलाया सर्च अभियान, खिर्वा रोड पर कम ही निकले राहगीर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कंकरखेड़ा क्षेत्र के आर्य नगर समेत चार स्थानों पर दिखाई देने वाले तेंदुए को ढूंढ पाने में वन विभाग की टीम नाकाम रही है। टीम की ओर से दूसरे दिन भी सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन टीम को कोई सफलता नहीं मिल सकी। इस बीच टेंडरी के की आखिरी लोकेशन खिर्वा रोड पर मानते हुए दहशतजदा लोगों ने इधर से आवाजाही कम ही रखी।
गौरतलब है कि कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में चार अलग-अलग स्थान पर तेंदुआ देखे जाने की बात सामने आई जिसको लेकर वन विभाग की तीन अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार और शनिवार को सर्च आॅपरेशन चलाया।
इसके अलावा तेंदुए को पकड़ने के लिए चार स्थानों पर पिंजरे भी लगाए गए। जबकि एक दर्जन स्थानों पर ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं। हालांकि दो दिनों के सर्च आॅपरेशन के दौरान वन विभाग की टीम तेंदुए के पैरों के निशान का ही पता लगा पाई है। ऐसा माना जा रहा है कि तेंदुए की आखिरी लोकेशन खिर्वा रोड पर फार्म हाउस में रही है। जिसके कारण खिर्वा रोड से राहगीरों की आवाजाही बहुत कम देखने को मिली है।
जारी की एडवाइजरी
वन विभाग की ओर से इस संबंध में बताया गया कि शुक्रवार सुबह आर्यनगर कंकरखेड़ा में लैपर्ड जैसा वन्य जीव दिखाई दिए जाने की सूचना मिली। जिसके आधार पर वन विभाग की ओर से तीन टीमों का गठन कर उक्त क्षेत्र एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए की उपस्थिति की जांच के लिए निरन्तर सघन कॉम्बिंग कराई जा रही है। उक्त क्षेत्र में तेंदुए की उपस्थिति को देखते हुए एहतियात के तौर पर वन विभाग की ओर से एसओपी की गाइड लाइन के अनुसार स्थानीय निवासियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई। जिसके अंतर्गत क्या करें एवं क्या न करें, इसके संबंध में गोष्ठियों का आयोजन कर उनको जागरूक किया जा रहा है। किसी भी प्रकार के मानव वन्य जीव संघर्ष पर प्रभावी नियंत्रण के लिए क्षेत्र में तीन ट्रैपिंग केज एवं 12 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं।
वन्य जीव विशेषज्ञ को भी बुलाया गया
जौनपुर में तैनात वन्य जीव विशेषज्ञ पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आरके सिंह को भी मदद के लिए मेरठ बुलाया गया है। जिनके साथ वन विभाग के अधिकारी निरन्तर समन्वय स्थापित कर उनका सहयोग प्राप्त कर रहे हैं। प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, मेरठ की ओर से क्षेत्र की जनता से अपील की गई है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। रात्रि में अकेले सुनसान अथवा झाड़ीनुमा क्षेत्रों में न निकलें। तेंदुए की उपस्थिति के सम्बन्ध में पुष्ट जानकारी होने पर क्षेत्रीय वन अधिकारी मेरठ से 9634788933, गुलशन कुमार वन दरोगा से 8630454818, कमलेश कुमार वन्य जीव रक्षक से 9368396336, 9917313608 और धर्मेन्द्र ढाका वन्य जीव रक्षक से 9761254040 पर तत्काल संपर्क स्थापित किया जाए।
नागरिकों के लिए एहतियात बरतना जरूरी
वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह का कहना है कि सामान्य तौर पर तेंदुआ एक शर्मिला जानवर होता है। यह मानव बस्तियों से दूर भी रहना चाहता है। लेकिन किसी भी कारण से इसके हिंसक होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रभावित क्षेत्र के निवासियों को एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। डॉ. आर के सिंह बताते हैं कि वीडियो देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोई भटका हुआ तेंदुआ है। जो वन्य क्षेत्र से बस्तियों की तरफ चला आया है। उनका कहना है कि बिल्ली प्रजाति के अंतर्गत तेंदुआ ऐसा जीव है,
जो खुद को किसी भी परिस्थितियों में ढाल लेता है। इसमें खुद को छुपाने की अत्यधिक प्रतिभा होती है। यह पहाड़ी क्षेत्र पर भी चढ़ लेते हैं। हालांकि यह मनुष्य से दूरी बनाकर रहने का प्रयास करता है। जल्दी से आक्रामक भी नहीं होता है। इसके बावजूद किसी भी कारण से तेंदुओं के हमलावर होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रभावित क्षेत्र के लोगों को समूह में आवाज करते हुए डंडा आदि लेकर चलने की सलाह दी जाती है।