Monday, May 5, 2025
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तेज रफ्तार ‘शॉर्टकट’ के चक्कर में जिंदगी दांव पर, पलभर में दो जिंदगी खत्म

  • मौत की गंगनहर अब तक हो चुके हैं कई बड़े हादसे

जनवाणी संवाददाता |

रोहटा: गंगनहर को लोग अब मौत की नहर कहने लगे हैं। लोगों का कहना गलत भी नहीं है। मेरठ क्षेत्र में (चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग) में डूबने से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। देहरादून-हरिद्वार आने-जाने वाले यात्रियों के लिए कांवड़ पटरी मार्ग सबसे पसंदीदा बन गया है। बड़ी संख्या में वाहन दिन-रात इससे गुजरते हैं। जो सही सलामत पहुंच जाते हैं यह उनका सौभाग्य और उनका अपने वाहन की गति पर नियंत्रण का नतीजा कहा जा सकता है, थोड़ा भी नियंत्रण खोते हैं, उनके लिए यह मार्ग जानलेवा साबित हो सकता है।

गाजियाबाद व दिल्ली की ओर से आने-जाने वाले लोग इसी मार्ग को अपनाते हैं। इसलिए इस पर दबाव काफी अधिक बढ़ गया है। ट्रक व कैंटर जैसे बड़े व भारी वाहन भी यहां से खूब निकलते हैं। जबकि कहने को इनका इस सड़क पर प्रवेश ही प्रतिबंधित है। कुछ स्थानों पर हाइगेज के लोहे के पिलर खड़े हैं। वर्षों पहले ये बड़े वाहनों को रोकने के लिए लगाए गए थे, लेकिन अब इन्हें मुक्त कर दिया गया है।

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मुरादनगर गंगनहर पुलिस चौकी से पूठखास के पुल तक कई जगह क्रैश बैरियर लगे हैं, लेकिन उसके बाद क्रैश बैरियर सिर्फ पुलों के आसपास ही दिखाई देते हैं। जटपुरा, बहादुरपुर, मढ़ियाई व अहमदाबाद एक्सटेंशन आदि गांवों के पास जगह-जगह दूर-दूर तक सुरक्षा दीवार यानी डोले टूटे हुए हैं।

एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई

एक तरफ नहर और उसकी झाड़ियां और दूसरी तरफ जंगल-खेत, इनसे कब कोई जानवर छलांग लगा दे यह भी नहीं पता। शाम या रात में इस मार्ग पर अंधेरा रहता है क्योंकि रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है। नहर पटरी की सड़क पीडब्ल्यूडी ने बनाई है। डौला से लेकर नहर का पूरा हिस्सा सिंचाई विभाग-गंगनहर का है। सड़क व डौले की मरम्मत व सड़क सुरक्षा के अन्य इंतजाम की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग-गंगनहर की है।

दोनों को दुरुस्त रखने का काम प्रशासन का है, लेकिन किसी को कोई परवाह नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार गंगनहर पटरी मार्ग पर पल भर में तेज रफ्तार वाहन नहर में समा जाते हैं। जिले में न तो गोताखोरों की टीम है और न ही बचाव के कोई पुख्ता इंतजाम। एनडीआरएफ की टीम को भी गाजियाबाद से बुलाया जाता है। मेरठ की सीमा में जानी, रोहटा सरधना थाना क्षेत्र में पिछले साल में 50 लोगों की जान यह नहर ले चुकी है।

करोड़ों की लागत की रेलिंग बेकार

गंगनहर पटरी पर सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व में बनाए गया डोला हाल ही में बनाई गई सड़क से नीचा होने के कारण एक तरह से बेकार हो चला है। जिसके बाद सिंचाई विभाग की ओर से गंगनहर पटरी पर हादसे रोकने के लिए मुरादनगर से रुड़की तक नहर किनारे लोहे की रेलिंग लगाई गई है। हल्की लोहे की रेलिंग थोड़ी टक्कर लगने के बाद वाहन को नहर में जाने से रोक सकती है, लेकिन ओवर स्पीड और भारी वाहन टक्कर लगने के बाद सीधा गंगनहर में ही समा ही जाता है।

पीएसी के गोताखोर लगे, क्रेन भी नहीं कर पाई काम

गंगनहर में स्कार्पियो के डूबने की खबर पर जानी पुलिस के साथ सीओ सरधना आरपी शाही मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य शुरू करते हुए सर्च अभियान चलाया। सूचना पर एसपी देहात केशव कुमार भी पहुंच गए उनकी देखरेख में तेजी से राहत बचाव कार्य शुरू किया। गंगनहर में समाई स्कॉर्पियो को निकालने के लिए क्रेन की मदद लेकर डूबी स्कॉर्पियो की रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पीएसी के गोताखोर बुलाए गए हैं और मौके से धर्मेंद्र पुत्र गजराम व ओमप्रकाश पुत्र शिवनारायण निवासी फरुखनगर गुरुग्राम को बचा लिया गया। वहीं देवराज और निरंजन का गंगनहर में सुराग नहीं लगा है, लोकल व पीएसी के गोताखोर को लगाकर सर्च अभियान जारी है। वही एनडीआरएफ से भी संपर्क किया गया है।

स्कॉर्पियो का नहीं लगा सुराग, सर्च अभियान रोका

चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग गंग नहर पटरी पर गंग नहर में सफाई तेज रफ्तार स्कॉर्पियो का देर रात तक कोई सुराग नहीं लग पाया। जिसके चलते रात 10 बजे लगभग सर्च अभियान रोक दिया गया। सीओ सरधना आरपी शाही ने बताया कि अंधेरा होने के कारण सर्च अभियान में दिक्कत आई तो वहीं दूसरी ओर जिस जगह स्कॉर्पियो गिरी थी। वहां लोकेशन नहीं मिल पाने के कारण सर्च अभियान रोकना पड़ा। इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह ने बताया कि एनडीआरएफ की मदद ली गई है। एनडीआरएफ की टीम रात में किसी समय यहां पहुंचेगी इसके बाद आज सुबह से सर्च अभियान फिर से जारी किया जाएगा।

गंगनहर पटरी पर अब तक हुए बड़े हादसे

  1. 24 दिसंबर 2018 में सरधना के पास परिवार के तीन लोग कार में डूब कर मरे।
  2. सरधना के नानू नहर पुल पर 12 टायरा ट्रक का चालक गंगनहर में समाया।
  3. जटपुरा के पास देवरिया के संदीप गुप्ता के परिवार के पांच लोग कार सहित गंगनहर में समाए।
  4. 17 नवंबर 2019 को पूठखास के पास नोएडा के इंजीनियर सहित तीन लोग गंगनहर में समाए, इंजीनियर की मौत
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