- गत सात अक्टूबर 2014 को दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्यायालय जिला जज मेरठ रजत सिंह जैन ने हत्या करने के आरोप में आरोपी मनोज शर्मा पुत्र उमाशंकर निवासी बदायूं को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा संजय कुमार ने गत सात अक्टूबर 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी थाना नौचंदी मेरठ क्षेत्र में सेनेटरी की दुकान है।
जिसमें बदायूं जिले के बृजेश शर्मा पुत्र भगवानदास व आरोपी मनोज शर्मा नौकरी करते थे तथा दुकान बढ़ाने के बाद दोनों एक साथ दुकान पर ही सो जाया करते थे। एक दिन गत पांच अक्टूबर 2014 को वादी सुबह दुकान पर पहुंचा तो उसने आरोपी मनोज से पूछा कि बृजेश कहां है? जिस पर उसने बताया कि बृजेश मिलने वालों के यहां गेसूपुर गया हुआ है।
अभी नहीं लौटा है। गत सात अक्टूबर 2014 को वादी की दुकान के सामने नाले में पानी भर गया था। जिसे साफ करने सफाई कर्मचारी आए हुए थे। जिन्हें देखकर आरोपी मनोज उनसे लड़ने लगा और उन्हें नाला साफ करने से रोकने लगा। जब वादी वहां पहुंचा और उसने मनोज को नाला साफ करने से रोकने के लिए मना किया तो मनोज वहां से भाग गया।
जिसके बाद सफाई कर्मी ने नाले की सफाई की तो वहां बृजेश का शव देखा। जिसके सिर पर चोट लगी हुई थी। पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया। न्यायालय में डीजीसी क्रिमिनल ब्रज भूषण गर्ग व एडीजीसी क्रिमिनल पदम सिंह ने कुल सात गवाह पेश किए। न्यायालय ने गवाहों व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को आजीवन कारावास से दंडित किया।
दुष्कर्मी को 14 वर्ष का कठोर कारावास
मेरठ: अपर जिला जज फास्ट ट्रेक कोर्ट अंकित मित्तल ने दहेज हत्या के आरोप में आरोपी वसीम व इकराम पुत्र इसरार निवासीगण शफियाबाद लौटी मेरठ को दोषी पाते हुए 14 वर्ष के कठोर कारावास व 45 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
एडीसीसी क्रिमिनल मोहित गुप्ता ने बताया कि वादी मुकदमा निवासी सफियाबाद लोटी मेरठ ने थाना मुंडाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी भतीजी गत चार मार्च 2011 को दोपहर दो बजे खेत गई थी और वहां से अचानक गायब हो गई बाद में गत सात मार्च 2011 को वादी को सूचना मिली कि उसकी भतीजी थाना लोनी जिला गाजियाबाद के स्थानीय लोगों द्वारा वादी के घर लेकर आए हैं।
जिससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसे आरोपीगण रास्ते में नशीली चीज सुंघाकर बेहोश कर कहीं ले गया था। सुबह जब उसे होश आया तो वह एक कमरे में बंद थी। आरोपी वसीम ने उसके साथ लगातार दुष्कर्म किया और गाजियाबाद में छोड़कर भाग गया। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ वादी मुकदमा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया था
जिसके बाद न्यायालय में पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। सरकारी अधिवक्ता ने न्यायालय में कुल 10 गवाह पेश किए। न्यायालय ने गवाह व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपीगण को दोषी पाते हुए 14 वर्ष के कठोर कारावास व 45 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
खाद्यान्न घोटाले के आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज
विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट प्रमोद कुमार ने खाद्यान्न घोटाले के आरोपी फूलचन्द गुप्ता पुत्र रामेश्वर निवासी कंकरखेड़ा की अग्रिम जमानत अर्जी को गंभीर अपराध पाते हुए खारिज कर दिया। अभियोजन के कथानुसार वादी सुनील भटनागर पूर्ति निरीक्षक ने थाना पल्लवपुरम में रिपोर्ट दर्ज करायी कि गत 21 अगस्त 2018 द्वारा आयुक्त खाद्य रसद विभाग के पत्र के अनुसार अवगत कराया गया कि शहरी क्षेत्रों में एफपीएस आॅटो गेसन व्यवस्था के अन्तर्गत उचित दर दुकान स्तर पर ई-पास मशीनों से राशन कार्ड लाभर्थियों को आवश्यक वस्तु वितरण के लिए बायोमेट्रिक तकनीक का दुरुपयोग करने के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी।
गत जुलाई 2018 के डाटा को एनआईसी उत्तर प्रदेश में विस्तृत परीक्षण कराया। परीक्षण में पाया गया कि आरोपी द्वारा जिलापूर्ति कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा राशन डीलर्स से सांठगांठ करके राशन वितरण की यूआईडी एआईकी आधार बायोमेट्रिक तकनीक में छेडछाड़ करके वास्तविक लाभार्थी के डाटाबेस में उसके आधार संख्या को हटाकर किसी अन्य व्यक्ति के आधार संख्या को फीड किया जाता था और वास्तविक लाभार्थी को उसका लाभ नहीं मिल पाता था।
उसके बाद वास्तविक लाभार्थी के आधार संख्या को जालसाजी करके पुन: उसके डाटाबेस में अपडेट कर दिया जाता था। जिसमें लगभग 27324 राशन कार्डधारकों को लाभ से वंचित कर उनका राशन आरोपी शाहनावाज द्वारा अपने आप इस्तेमाल कर लिया जाता था। न्यायालय में सरकारी वकील मोहम्मद यासिर ने आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र का घोर विरोध किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।