- किन्नर सोनाली मर्डर केस मेें थे गवाह, शेविंग कराते समय दुकान में कर दी थी हत्या
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोतवाली थाना क्षेत्र के तहत बनी सराय में सात साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड में आज अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया। पार्षद आरिफ हत्याकांड में अदालत ने सात दोषियों को आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। सजा पाने वालों में चार सगे भाई हैं। न्यायालय ने सजा का ऐलान वीडियो कॉलिंग के जरिये किया। अदालत का फैसला आने के बाद पीड़ितों ने यही कहा कि आज उन्हें सुकून मिला है। इस मामले में दो लोगों की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी। मामले में नौ को आरोपी बनाया गया था। ट्रायल के दौरान एक की मौत हो गई और एक के खिलाफ आरोप सिद्ध न होने के चलते छोड़ दिया गया था। बाकी सभी सात को सजा सुनाई गयी।
कोतवाली थाना क्षेत्र के बनी सराय में सात साल पहले नगर निगम के पार्षद आरिफ और उसके दोस्त शादाब उर्फ भूरा की हत्या कर दी गयी थी। यह मामला अपर जिला जज कोर्ट दो प्रह्लाद सिंह की अदालत में चल रहा था। यहां सात को दोषी करार दिया गया था और इस मामले में आज सजा सुनायी जानी थी। मारे गए दोनों दोस्त किन्नर सोनाली उर्फ शमशाद की हत्या में गवाह थे। दरअसल, 26 दिसंबर 2016 को सोनाली उर्फ शमशाद किन्नर की साकेत में हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में इस्माइल नगर के पार्षद आरिफ और शादाब उर्फ भूरा गवाह थे।
इस बीच, आरिफ और शादाब की हत्या कर दी गयी। इस मामले में न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश शर्मा एडीजीसी प्रेरणा वर्मा ने कुल 12 गवाह पेश किए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत घटना के आरोपियों तारिक, राशिद, राजू, ताबिश, साकिब, शारिक, कशिश उर्फ चीता को दोषी माना। एक आरोपी नदीम को न्यायालय ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। जबकि एक आरोपी फाइक की मुकदमे के दौरान बीमारी के चलते मौत हो गई थी। दोषी पाये जाने वालों में चार शफी पहलवान के पुत्र हैं।
शारिक और फाइक ने जेल में की थी हत्या की प्लानिंग
आरिफ की हत्या का प्लानिंग शारिक और फाइक ने जेल में रहते हुए की थी। दिल्ली के सीलमपुर निवासी सुपारी किलर नदीम को हत्या की सुपारी दी गयी थी। शारिक, फाइक और आरिफ की रंजिश में कई हत्याएं हुर्इं। 26 दिसंबर 2016 को बिलाल हत्याकांड में जेल में बंद आरिफ के भतीजे सलमान से मिलाई करके लौटते वक्त किन्नर सोनाली उर्फ शमशाद की साकेत में हत्या कर दी गयी थी। हत्या में शारिक और फाइक नामजद हुए थे। गत 16 मई 2017 को शारिक और फाइक के करीबी किन्नर पूर्व पार्षद फाको की हत्या कर दी गयी थी।
हत्या का आरोप सलमान पर लगा था। जांच में सामने आया कि हत्या में पांच लाख रुपये की सुपारी दी गयी। इससे पहले शारिक और फाइक शमशाद हत्याकांड में जेल गए थे। तभी से आरिफ को हत्या की धमकी दी जा रही थी। पार्षद बनने के बाद आरिफ समाजवादी पार्टी से जुड़ गया और पुलिस के साथ भी उसकी उठा बैठी बढ़ गयी थी। इसके चलते ही उसने अपने कई विरोधियों पर मुकदमे करा दिये थे। गलत नामजदगी के चलते ही शारिक और फाइक उसकी जान के दुश्मन बन गये थे।
दुकान के भीतर की थीं दोनों हत्याएं
घटना गत नौ जुलाई, 2017 को शाम सात बजे की है। कोतवाली थाने से कुछ ही दूरी पर बनी सराय में इस्माइलनगर निवासी पार्षद आरिफ एक सैलून में शेविंग करा रहा था। वहीं पास में उसका दोस्त शादाब उर्फ भूरा भी बैठा था। तभी तीन बाइक पर सवार होकर हमलावर आए और ताबड़तोड़ गालियां बरसाकर आरिफ और भूरा की हत्या कर दी। आरिफ के साथ आरोपियों की रंजिश थी। इसके चलते कई बार आरिफ को धमकी भी मिली थी और उसे गवाही से पीछे हटने को कहा जा रहा था। इसके चलते ही आरिफ पर पहले भी हमला हुआ था। बता दें कि आरिफ के भाई शारिक का नाम बेकरी कांड में भी चर्चा में आया था।
सभी को एक ही गाड़ी से ले गए जेल
न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद पुलिस ने सभी को अपने घेरे में ले लिया और एक ही गाड़ी में सभी को जेल ले जाया गया। किसी के चेहरे पर कोई तनाव नहीं दिखा। इस दौरान कोर्ट के बाहर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। सजा पाने वालों के परिवार के काफी लोग कोर्ट के बाहर मौजूद थे।