Tuesday, August 19, 2025
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सफलता से ज्यादा जरूरी है जीवन


असफल होने का भय कम उम्र से ही व्यक्ति को सताने लगता है। जैसे- स्कूल के दिनों में ही छात्र अपने ग्रेड या फिर नंबरों को लेकर चिंता में रहते हैं। जो छात्र औसत या कम नंबर लाते हैं, समाज ही नहीं अपनी नजरों में भी वह खुद को कमतर समझने लगते हैं।

यदि इसी उम्र में उन्हें असफलता के प्रति स्वस्थ नजरिया न सुझाया जाए तो भविष्य में यह उसी विश्वास को पुख्ता करने का काम करता है कि कम नंबर लाने वाला सफल नहीं है।

कुछ हासिल कर लेना ही वह मापदंड है जिससे किसी की सफलता मापी जाती है। सफलता को इतना बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया जाता है कि असफलता लोगों को नाखुश करने लगती है और लोगों में आत्मविश्वास की कमी आ जाती है।

दुनिया के आंकड़े

यह जानकर आप जरूर चौंक जाएंगे, लेकिन यह एक हकीकत है कि दुनिया में हर 40 सेकिंड में एक शख्स खुदकुशी कर लेता है। आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल तकरीबन 10 लाख लोगों की जान खुदकुशी की वजह से जाती है। इस तरह देखा जाए तो रोजाना करीब 3,000 लोग आत्महत्या करते हैं।

अनचाहा सबके साथ होता है

सफल और खुश व्यक्ति की मुठ्ठी में भी वे मैटीरियल्स हैं, जिन्हें वह नहीं चाहता था। अनचाहा सबके साथ होता है। सपनों के संसार से बाहर आकर यथार्थ के व्यावहारिक संसार में स्थिर होकर देखिए।

आप और खुशहाल व्यक्ति में सिर्फ इतना ही अंतर है कि आप नकारात्मक बन जाते हैं और वह जो होता है, उसको भी चाहने लगता है। इस तरह वह उस कुंठा से बचा रहता है, जो आत्महत्या जैसे घातक कदम के लिए किसी को विवश करता है। जाहिर-सी बात है कि व्यक्ति हमेशा वो नहीं पा सकता, जो वह चाहता है।

कभी चाहत पूरी होगी तो कभी नहीं भी। शिक्षा का फैक्टर हो या कोई अन्य सब्जेक्ट, आपका स्वयं के प्रति दायित्व है कि समय-समय पर अपनी क्षमताओं का आकलन करते रहकर लक्ष्य परिवर्तन करते रहें। इस तरह मानसिक दबाव की स्थिति पनपने पर रोक लगेगी।

जरूरी है आपका जीवन

आपकी उम्र कोई भी हो। आप कुछ भी न हों या किसी भी पद पर हों, आपका जीवन कीमती है। आप हैं, तो आप में संभावनाएं हैं, जिनके चलते आप अपने परिवार व मित्रों के लिए ब्लैंक चेक हैं। परिवार ही क्यों, इस चेक की मदद से समाज का कोई भी सदस्य अपनी जरूरत के हिसाब से मदद निकाल लेता है।

आपका पीछा कई जोड़ी आंखें करती हैं और अत्यंत ही मार्मिक नजरों से अपको देखती हैं कि आप उनके लिए कुछ करेंगे। आप किसी के लिए आर्थिक विकल्प हैं, तो किसी के लिए भावनात्मक संबल।

आप अपनी समस्याओं से इतने प्रभावित कैसे हो सकते हैं कि जिन्हें आपकी जरूरत है, उनका आपको अहसास ही नहीं रहे। किसी भी हालात या अभाव को इतना बड़ा मत बना दीजिए कि आपको अपना जीवन भार लगने लगे।


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