Saturday, June 7, 2025
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रात के अंधेरे में डाला जा रहा है लिंटर

  • एमडीए अफसरों ने की अनदेखी, अवैध निर्माण पर 18 को हाईकोर्ट में सुनवाई
  • पुराने घर तोड़कर बनाए जा रहे नए

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मृत्युंजय हॉस्पिटल में रात के अंधेरे में लिंटर डाला जा रहा हैं। इसका कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया। यह मृत्युंजय हॉस्पिटल के खिलाफ पहले भी कमिश्नर जांच बैठा चुके हैं तथा इसकी फाइल भी एमडीए से गायब हो गयी थी। पुराने अवैध निर्माण पर तो कोई कार्रवाई हुई नहीं, अब फिर से नया निर्माण अवैध चल रहा है।

लिंटर रात के अंधेरे में डाला जा रहा है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शनिवार व रविवार की छुट्टी थी, जिसके बाद ही अवैध निर्माण तेजी से चल रहा है। इस बीच निर्माण नहीं रोका गया।

हाईकोर्ट में सुनवाई 18 को

समाज सेवी मनोज चौधरी ने जनहित याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की थी, जिसमें सिटी में 100-100 पुराने रेजिडेंशियल हाउस को तोड़कर उसमें बड़े-बड़े कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं और उनमें कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जा रही है और कोई भी फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।

रेजिडेंशियल हाउसेस को बगैर नक्शा पास कराए और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करके बगैर कोई पार्किंग बनाए 1/2 मीटर चौड़ी सड़कों पर ये कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। लोगों की जान मॉल से कहलेने का प्रयास किया जा रहा है। अवैध निर्माण कर्तार्ओं द्वारा और आस पास के रहने वाले लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है। ये सब मेरठ विकास के सहयोग से हो रहा है और सिटी के स्वरूप को बदलने का खेल खेला जा रहा है।

100 साल पुराने निर्माण पर होगी सुनवाई

इसमें सभी एरिया को लिया गया है, जैसे पी एल शर्मा रोड और शहर के पुराने इलाकों को मनोज चौधरी ने उठाया है। इन अवैध बनाए जा रहे कॉम्प्लेक्स में कोई पार्किंग नही बनाई जा रही है और फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं। छोटी छोटी तंग गलियों में और शहर के दूसरे इलाकों में बन रहे।

इन कॉम्प्लेक्स में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है और पुराने आवासीय मकानों को तोड़कर जो की लगभग 70, 80 से लेकर 100 साल और उससे भी पुराने एंसिएंट भवन है, जिनको बगैर नक्शा पास कराए कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बदला जा रहा है। काम पूरे शहर में हो रहा है खास पुराने एरिया में और लोगों की जान को खतरें में डाला जा रहा है जो आज पास लोग रहते हैं और ये काम मेरठ विकास प्राधिकरण के साथ मिलीभगत होकर हो रहा हैं और सब अधिकारी चुप्पी लगाय हुए हैं गंभीर विषय है।

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