Saturday, June 21, 2025
- Advertisement -

लो ,बाजार में आ गया राजनाथ आम!

भले खास न हो पर आम है वह

फलों का राजा सरेआम है वह

दशहरी,लंगड़ा चौसा,कही देशी

मलीहाबादी कही लंगड़ा परदेशी

चूसकर खाने का मज़ा निराला

शहद सा मीठा खट्टा मतवाला

कही डाल का, कही पाल का

कही पेटियों में सजता है राजा

अमीर-गरीब हर कोई खाता

बजट में आम सबके आ जाता

सौगात में आम मिलता बहुत है

परमात्मा को आम भाता बहुत है

आओ आम का लुत्फ उठाये

मौसम के प्यारे इस फल को खाएं

स्वास्थ्य के लिए उत्तम बहुत है

स्वाद में आम लज़ीज़ बहुत है

तभी तो आम फलों का है राजा

आम-आचार वर्षभर का खाजा।

भारत मे आम की खुशबू अलग अलग फैली हुई है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश के देशी आम से लेकर, मलिहाबाद के दशहरी, महाराष्ट्र के हापुस,बिहार में भागलपुर का जर्दालु इन दिनों बाजार की रौनक बने हुए है।

भागलपुर के जर्दालु आम की मिठास और खुशबू मन में बस जाती है। इस आम को उसकी विशिष्ट खुशबू और स्वाद के लिए ही ख़ास पहचान मिली है। जर्दालु आम जैविक रूप में भी उपलब्ध है और इसकी मांग देश में ही नहीं, विदेशों तक पहुंच रही है।

जैविक जर्दालु आम की खेती अब भागलपुर में तेजी से बढ़ रही है और इसकी डिमांड न्यूजीलैंड समेत कई देशों से आ रही है।जैविक जर्दालु आम पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है। जैविक जर्दालु आम को सामान्य तापमान पर 14 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसका स्वाद रासायनिक आम की तुलना में अधिक शुद्ध और मीठा होता है।

लेकिन इसकी कीमत भी सामान्य से अधिक है। यह आम भागलपुर के कृषि भवन या तिलकामांझी हटिया स्थित जैविक हाट में आसानी से खरीदा जा सकता है, जहां इसकी कीमत लगभग 100 रुपये प्रति किलोग्राम है।वही लखनऊ के मलीहाबाद में विकसित एक नई आम की किस्म बाजार में आई है, इसका नाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर ‘राजनाथ आम’ रखा गया है।

ग्राफ्टिंग तकनीक से तैयार यह आम शांति और राष्ट्रसेवा का प्रतीक बताया गया है। इससे पहले नरेंद्र मोदी, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या जैसे नामों पर आम का नामकरण हो चुका हैं। इन हस्तियों के नाम पर आम का नाम रखने का कारण आम की विलुप्त हो रही किस्मों को संरक्षित करना है।

बाजार में ‘राजनाथ आम’ आ गया है। यह आम वहीं बिकता है, जहां से केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का सम्बंध है। ‘मैंगो मैन’ के नाम से मशहूर पद्मश्री बागवानी विशेषज्ञ कलीमुल्लाह खान ने राजनाथ आम की एक नई किस्म विकसित की है। जिसका नाम देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर रखा है। कलीमुल्लाह खान पहले भी कई चर्चित हस्तियों जैसे नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय और अखिलेश यादव के नाम पर आम की किस्में विकसित कर चुके हैं।

उनका मानना है, “मैं अपने आमों का नाम उन लोगों पर रखता हूं, जिन्होंने सच्चे अर्थों में देश की सेवा की है।उनकी राय में यह पीढ़ियों तक उन्हें याद रखने का तरीका है।”कलीमुल्लाह खान ने मलीहाबाद के आम को लेकर उसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया कि सन 1919 के समय में मलिहाबाद में 1300 से अधिक किस्मों के आम मौजूद थे, लेकिन समय के साथ कई किस्में खत्म हो गईं है।उन्होंने कहा, “मैं इन लुप्त हो चुकी किस्मों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने में लगा हूं।अब तक उन्होंने 300 से अधिक किस्में तैयार की हैं।”उनकी दृष्टि में आम सिर्फ एक स्वादिष्ट फल नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर है।

वे अपने आमों के औषधीय लाभों पर शोध प्रस्तुत कर चुके हैं और चाहते हैं कि देश के शोध संस्थान इसे और आगे ले जाएं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में उत्तर प्रदेश का दशहरी रसीला आम गर्मी का सबसे पसंदीदा फल बन गया है। रोज़ाना 5-6 गाड़ियाँ आम बिक रही हैं। इसकी छोटी गुठली, रसीला स्वाद और अंदर से पीले मीठे गूदे ने सभी को आकर्षित किया है। यह आम बहुत ही रसीला होता है। छोटी गुठली निकलती है, इसलिए लोग इसको सबसे अधिक खाना पसंद करते हैं। यह दिखने में बाहर से हरा होता है, लेकिन अंदर से पीला और मीठा स्वादिष्ट लगता है।इसलिए इसकी खपत बढ़ती जा रही है।

यह ढाई सौ से तीन सौ ग्राम का एक आम होता है और दिखने में यह आम बड़ा खूबसूरत होता है।सहारनपुर जनपद के विकास खंड साढौली कदीम क्षेत्र में फजली, चौसा, दशहरी, लगड़ा व देसी की दो अन्य किस्मों का भरपूर उत्पादन हो रहा है। भारत के कई हिस्सों में आम उगाए जाते हैं; हालाँकि, सबसे ज़्यादा आम उत्पादन वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।उत्तर प्रदेश आम उत्पादन में अग्रणी राज्य है, जो देश के कुल उत्पादन में लगभग 25-26प्रतिशत का योगदान देता है, जो हर साल 4.5 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक है। इसकी सफलता उपजाऊ गंगा के मैदानों, उपयुक्त मौसम और आम की खेती के समृद्ध इतिहास से आती है।

मलीहाबाद, सहारनपुर और लखनऊ जैसे क्षेत्र दशहरी, लंगड़ा, चौसा और सफेदा जैसी उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों के लिए जाने जाते हैं, जिन्हें भारत और विदेशों दोनों में पसंद किया जाता है।भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक देश है, जो हर साल लगभग 25 मिलियन मीट्रिक टन आम उगाता है। यह दुनिया के आमों का लगभग आधा हिस्सा है, भारत की विविध जलवायु और समृद्ध मिट्टी कई प्रकार के आम उगाने के लिए एकदम सही है, जैसे कि प्रसिद्ध अल्फांसो , केसर ,दशहरी ,चौसा,लंगड़ा आदि शामिल है।

(लेखक वरिष्ठ साहित्यकार व चिंतक है)

डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट

पोस्ट बॉक्स 81,रुड़की, उत्तराखंड

मो0 9997809955

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Saharanpur News: एसएसपी ने रिजर्व पुलिस लाइन का किया निरीक्षण, परेड की ली सलामी

जनवाणी संवाददाता |सहारनपुर: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण...

Saharanpur News: अंतरराष्ट्रीय तनावों के बीच डगमगाया सहारनपुर का लकड़ी हस्तशिल्प उद्योग

जनवाणी संवाददाता |सहारनपुर: जनपद की नक्काशीदार लकड़ी से बनी...

Share Market Today: तीन दिनों की गिरावट के बाद Share Bazar में जबरदस्त तेजी, Sunsex 790 और Nifty 230 अंक उछला

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here