- श्रद्धालुओं ने भगवान ऋषभदेव का जन्म व तप कल्याणक मनाया
जनवाणी संवाददाता |
खतौली: धर्मनगरी खतौली के नौ जैन मंदिरों मेंं तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ भगवान का जन्म व तप कल्याणक हर्षोल्लास व श्रद्धामई भक्ति के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर मंदिरों में धार्मिक विधान आयोजित किए गए श्रद्धालु स्त्री पुरुष व बच्चे पीत व केसरिया वस्त्रों मे धर्म आराधना करने के लिए एकत्रित हुए धार्मिक अनुष्ठान किए गए।
भगवान का अभिषेक व शांति धारा की गई पवित्र मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई भक्ति भजन प्रस्तुत किए प्रभु आराधना में श्रद्धालुओं ने नीरथ भक्ति संगीत के साथ नृत्य किए चारों तरफ धार्मिकता का माहौल था। इस पावन अवसर पर धर्म विदुषी डॉक्टर ज्योति जैन ने बताया तीर्थंकर ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर है।
तीर्थंकर ऋषभदेव की शिक्षाएं मानवता के कल्याण के लिए है। राजा नाभिराय और उनकी पत्नी मरू देवी के यहां चैत्र कृष्ण नवमी के दिन ऋषभदेव का जन्म अयोध्या में हुआ था। इंद्रो ने बालक का सुमेरु पर्वत पर अभिषेक महोत्सव आयोजित किया और ऋषभ नाम रखा।
जैन परंपरा में ऋषभदेव का नाम प्रथम स्थान पर आता है। आपने मानव जाति को पुरुषार्थ व कर्म का उपदेश दिया। भगवान ऋषभदेव ने महिला साक्षरता और स्त्री समानता पर महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। भगवान ऋषभदेव की शिक्षाएं मानवता के कल्याण के लिए हैं। हम सभी भगवान आदिनाथ को श्रद्धा पूर्वक नमन करते हैं। और जीवन में त्याग की भावना भाते हैं। भगवान आदिनाथ का चिन्ह का वृषभ (बैल) है। हम भक्तांमर के वाचन से भगवान आदिनाथ की आराधना करते हैं।
मंदिरों में धर्म स्वाध्याय तथा प्रश्न मंच कार्यक्रम आयोजित हुये। प्रतिभागियों को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। 48 दीपको द्वारा भक्तों ने आरती की भगवान के बाल रूप को पालना झूलाने का मनोहारी कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उक्त आयोजन में नीरज जैन प्रवक्ता,अरुण नंगली, अशोक शास्त्री, अशोक तिगाई, सुनील ठेकेदार, प्रियंका प्रवक्ता, राकेश अंबर, जय भगवान, अपार कलपेंद्र, अनुपम आढती, सुधीर मुखिया, करुणा, प्रवीन किराना, आयुषी, दीपक भैसी, दिनेश, कविता, राखी, ममता, मीनू, उमा, मनीषा, छवि, मुस्कान, प्रज्ञा, सोनी, प्रमोद बर्तन, अजय प्रवक्ता, मुकेश एडवोकेट, राजीव मुखिया, विवेक प्रवक्ता सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।