- लंपी डिजीज के चलते पशुपालकों में बना हुआ भय
- सरधना क्षेत्र में बड़े स्तर पर किया जा रहा वैक्सीनेशन
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: लंपी डिजीज का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। डिजीज ने पशु पालकों के होश उड़ा रखे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता के अभाव में गोवंश बीमारी का अधिक शिकार हो रहे हैं। क्षेत्र में अब तक कई गोवंशों की मौत हो चुकी है, जबकि बड़ी संख्या में गोवंश लंपी वापयरस की चपेट में हैं। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा क्षेत्र में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है।
जिसके तहत आठ हजार से अधिक गोवंशों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, मगर अभी खतरा टला नहीं है। पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रामीणों को जागरुक करने का काम कर रहे हैं। सरधना क्षेत्र की बात करें तो यहां जुल्हैड़ा, चांदना, सरधना नगर, सरधना देहात, अलीपुर आदि दर्जनभर से अधिक गांवों में गोवंश लंपी डिजीज का शिकार हैं। पशु चिकित्सा विभाग की मानें तो क्षेत्र में 82 केस अब तक सामने आ चुके हैं, जिनमें से एक गाय की मौत भी हुई है।
हालांकि धरातल पर केस की संख्या इससे कहीं अधिक है। जानकारी के अभाव में पशु पालक या तो इलाज नहीं करा पा रहे हैं या फिर उनको रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं किया जा रहा है। उनमें ऐसे लोग भी हैं, जो डिजीज की चपेट में आने वाले गोवंशों को रात में खुला छोड़कर जा रहे हैं। सड़कों पर डिजीज से ग्रस्त गोवंश घूमते देखे जा सकते हैं। फिलहाल लंपी डिजीज से पशु चिकित्सा विभाग और पशु पालकों के होश उड़ा रखे हैं।
वहीं क्षेत्र में वैक्सीनेशन भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। ताकि गोवंशों को बीमारी से बचाया जा सके। इसके अलावा पशु चिकित्सा विभाग ग्रामीणों को जागरूक करने का काम भी कर रहा है। इस संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि क्षेत्र में बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। सरधना क्षेत्र में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अभी तक सामने आए केस में अधिकांश ठीक हो चुके हैं।
युद्ध स्तर पर चल रहा वैक्सीनेशन
क्षेत्र की बात करें तो यहां बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक गांवों को कवर किया जा चुका है। विभाग के रिकॉर्ड की मानें तो अब तक आठ हजार दो सौ गोवंशों का वैक्सीनेशन हो चुका है। टीकाकरण का दौर अभी भी जारी है।
बारिश से राहत मिलने की उम्मीद, लोगों की शिकायत, नहीं आते डॉक्टर
पशु चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी कम होने और बारिश होने के बाद से लंपी डिजीज के केस में कमी आई है। क्योंकि गर्मी में पशुओं के शरीर का तापमान अधिक होता है और उमस के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी गिरावट आतीहै। कई दिन से हो रही बारिश के बाद गर्मी भी कम हुई है। जिससे डिजीज के केस में कमी आई है। लम्पी रोग से शहर में गाय दम तोड़ रही हैं।
शिकायत पर पशु डॉक्टर सुनवाई नहीं करते। गाय के दम तोड़ने के बाद भी पशु डॉक्टर और नगर निगम से कोई पहुंचता नहीं। ऐसी शिकायतें आ रही है। व्यापक स्तर पर गांवों में लम्पी रोग खतरनाक रूप ले रहा है। ‘जनवाणी’ की टीम ने शहर और ग्रामीण क्षेत्र में लम्पी रोग को लेकर गांव-गांव में जाकर देखा तो हालात ग्रामीण क्षेत्र में तो अच्छे है ही नहीं। बड़ी तादाद में गाय लम्पी त्वचा रोग से ग्रस्त होकर सड़कों पर घूम रही थी। इनकी वजह से संक्रमण फैलने का अन्य गायों में भी खतरा है।
व्यवस्था जो बन गई अव्यवस्था
आवारा पशुओं को कैंट में छोड़ दिया जाता हैं, जो लंपी रोग से ग्रस्त हैं। इसको लेकर पशु डॉक्टर भी गंभीर नहीं हैं। आखिर लावारिस गायों को वैक्सीनेशन कौन करेगा? जिस तरह से लावारिस पशुओं पर फोकस होना चाहिए, वैसा पशु चिकित्सक नहीं कर रहे हैं। शहर में भी डॉक्टर देशी इलाज बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसकी कोई दवाई नहीं हैं। देशी इलाज आयुर्वेदिक दवाई से ही उपचार किया जा रहा हैं।
हिन्दू जागरण मंच ने लगाया गोहत्या का आरोप
मेरठ: कैंट क्षेत्र में हुई गाय की मौत पर हिन्दू जागरण मंच ने हंगामा काटा। उन्होंने गोहत्या का आरोप लगाते हुए इसे जहरखुरानी गिरोह की साजिश बताया। कैंट क्षेत्र वार्ड-छह में एक गाय को जहर देने की सूचना हिन्दू जागरण मंच के संयोजक ललित गुप्ता अमूल को मिली। शाम के वक्त गोमाता की मौत की सूचना पर संयोजक और कई पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। गाय सड़क के किनारे एक तरफ पड़ी थी।
सूचना के बाद गो रक्षक दल के लोग भी वहां आ गये। स्थानीय लोगों ने बताया कि गाय के पास खिचड़ी रखी थी। खिचड़ी खाने के बाद गाय की हालत बिगड़ी थी, लेकिन उससे पहले यह बिल्कुल सही थी। इस पर हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारियों ने गौहत्या का आरोप लगाते हुए इसे जहरखुरानी गिरोह की साजिश बताया। ललित गुप्ता ने कहा कि गाय की मौत स्वाभाविक न होकर किसी जहर से हुई है।
यह किसी जहरखुरानी गिरोह का काम है। इस बात को लेकर जागरण मंच के पदाधिकारियों ने हंगामा किया और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। गो रक्षक दल और हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से गाय को कैंट क्षेत्र में दफना दिया गया।