Saturday, May 3, 2025
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रेफर-टू-रेफर का ‘महाखेल’

  • छह घंटे इधर से उधर दौड़ती रही पुलिस, अपहरण के आरोपी का नहीं हो सका मेडिकल
  • हस्तिनापुर, मवाना के चिकित्सकों ने रेफर का खेला खेल
  • जिला अस्पताल से भी लौटाया बैरंग, कोर्ट से रुका रिमांड, छह घंटे बाद हुआ मेडिकल
  • सीएमओ अखिलेश मोहन ने बैठाई जांच, हस्तिनापुर चिकित्सक अधीक्षक मवाना पहुंचे

जनवाणी संवाददाता |

मवाना: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ भले ही सीएचसी चिकित्सकों को बेहतर इलाज देने की बात कह रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। ऐसा ही मामला प्रकाश में आने के बाद चिकित्सकों की लापरवाही उजागर हुई हैं। हस्तिनापुर थाना क्षेत्र में दर्ज मुकदमों में वांछित चल रहे नाबालिग किशोरी के अपहरण के आरोपी को दबोचने के बाद कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल की प्रक्रिया होती है।

पुलिस आरोपी को लेकर पहले हस्तिनापुर पहुंची, लेकिन हस्तिनापुर चिकित्सक अधीक्षक ने मवाना रेफर कर दिया। करीब 12 बजे आरोपी का मेडिकल कराने के लिए मवाना सीएचसी लाया गया, लेकिन यहां भी पुलिस को मेडिकल करने से मनाकर जिला अस्पताल में रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में भी आरोपी का मेडिकल करने से मनाकर फिर से मवाना रेफर कर दिया। पुलिस मेडिकल कराने के नाम पर रेफर-टू-रेफर का खेल खेलती रही। मुकदमे में विवेचना कर रहे एसआई ने पूरे प्रकरण की जानकारी मुख्य चिकित्सकाधिकारी अखिलेश मोहन को दी।

सीएमओ अखिलेश मोहन ने पूरे घटनाक्रम को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए हस्तिनापुर चिकित्सा अधीक्षक की क्लास लगा दी तथा मेडिकल करने के निर्देश दिये। फटकार लगते ही हस्तिनापुर सीएचसी प्रभारी मवाना सीएचसी पर पहुंचे और आनन-फानन में आरोपी का मेडिकल किया, लेकिन पुलिस के छह घंटे बर्बाद होने पर आरोपी का रिमांड नहीं हो सका। पूरे घटनाक्रम में सीएचसी चिकित्सकों की लापरवाही की पोल खुलने के बाद जांच बैठा दी है।

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सात माह पहले बुढ़ाना निवासी प्रवेश पुत्र ॠषिपाल ने हस्तिनापुर निवासी एक व्यक्ति की नाबालिग किशोरी का अपहरण कर फरार हो गया। सात माह बाद पुलिस ने अपहरण के आरोपी प्रवेश को दबोच कर गुरुवार को न्यायालय में पेश करना था। पुलिस ने न्यायालय में पेश करने से पहले पकड़े गए आरोपी का मेडिकल की प्रक्रिया होनी थी। मुकदमे में विवेचना कर रहे एसआई विक्रम सैनी अपने साथी सिपाही विमल सिंह के साथ आरोपी प्रवेश को लेकर हस्तिनापुर सीएचसी में पहुंचे, लेकिन चिकित्सक अधीक्षक डा. राहुल ने चिकित्सकों का अभाव बताते हुए मवाना सीएचसी में केस रेफर कर दिया।

सीएचसी हस्तिनापुर से मवाना पहुंचे, पुलिस कर्मियों को चिकित्सकों ने मामला हस्तिनापुर से जुड़ा होने पर मेडिकल करने से मनाकर प्यारेलाल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मेडिकल करने के बजाय चिकित्सकों ने रेफर-टू-रेफर का खेल खेलते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की धज्जियां उड़ा दी। इतना ही नहीं पुलिस आरोपी को लेकर पीएल शर्मा अस्पताल में पहुंची, लेकिन इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने भी मेडिकल करने से इंकार कर दिया।

हस्तिनापुर से मवाना सीएचसी पर करीब 12 बजे पहुंचे दारोगा विक्रम सैनी को निराशा हाथ लगने पर उनका गुस्सा फूट पड़ा ओर मामले की शिकायत सीएमओ डा. अखिलेश मोहन से कर पूरी जानकारी दी। सीएमओ अखिलेश मोहन ने हस्तिनापुर चिकित्सक अधीक्षक डा. राहुल को फटकार लगाते हुए तत्काल प्रभाव से मेडिकल कराने के आदेश दिए। फटकार पड़ती देख हस्तिनापुर चिकित्सक अधीक्षक राहुल कुमार आनन-फानन सीएचसी मवाना पहुंचे और

जिला अस्पताल से मवाना सीएचसी पहुंचे पुलिसकर्मियों के साथ आरोपी प्रवेश का छह घंटे बर्बाद होने पर मेडिकल हो पाया। चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाने पर अपहरण के आरोपी का रिमांड नहीं हो सका। पुलिसकर्मी आरोपी का मेडिकल कराने के बाद आज न्यायालय में पेश करेगी। मुख्य चिकित्सक अधिकारी अखिलेश मोहन ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जोकि काफी गंभीर है। जांच कर चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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