Friday, June 13, 2025
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महुआ मोइत्रा ने की जैन समाज पर अभद्र टिप्पणी, जाने पूरी खबर 

जनवाणी ब्यूरो। 

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा जैन समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं समेत विपक्ष के कई नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं।

गुरुवार को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा जैन समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद सियासत गरमा गई है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने महुआ मोइत्रा पर जोरदार हमला बोला है। नकवी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक टीएमसी सांसद (महुआ मोइत्रा) ने जैन समुदाय और उनकी संस्कृति को बदनाम करने की मानसिकता के साथ सदन के पटल पर बात की।

खतरनाक मानसिकता के तहत उस समुदाय को लेकर दुनिया को गुमराह करने की साजिश की गई है। उन्होंने कहा कि संसद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बैठे थे, वहां कुछ सेक्युलर सिंडिकेट भी बैठे थे जो कि चुप थे। हमारी पार्टी के सदस्यों ने विरोध किया। हम इस मामले पर स्पीकर (ओम बिरला) से मिलेंगे और उनसे बात करेंगे और मांग करेंगे कि उनपर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

टीएमसी सांसद ने जैन लड़के को बताया था मांसाहारी

लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि आप भविष्य के भारत से डरते हैं जो अपनी त्वचा में सहज है, जो परस्पर विरोधी वास्तविकताओं के साथ सहज है। आप उस भारत से डरते हैं जहां एक जैन लड़का घर से छिपकर अहमदाबाद की सड़क पर एक ठेले से काठी कबाब खाता है। वहीं महुआ के इस बयान के बाद से जैन समुदाय गुस्सा जाहिर कर रहा है।

जैन समुदाय के कई लोगों ने ट्विटर पर मांग करते हुए लिखा कि महुआ मोइत्रा अपने आपत्तिजनक बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। जैन समुदाय पूरी तरह से शाकाहारी होने के नाते आपकी टिप्पणी से आहत है। हमलोग आपसे माफी का मांग करते हैं। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा की ममता सरकार केवल मुस्लिमों को लेकर चिंतित है। अन्य अल्पसंख्यकों की भावनाओं से उनका कोई लेना देना नहीं है। ममता दीदी, क्या यह सेक्युलर का अपमान नहीं है?

गुरुवार को आसन के खिलाफ भी की थी टिप्पणी, स्पीकर ने जताई नाराजगी

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की गुरुवार को आसन के खिलाफ टिप्पणी मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार संसदीय लोकतंत्र पर आघात है। सभी दलों के सदस्यों ने स्पीकर की राय पर अपनी सहमति व्यक्त की। सदस्यों ने आसन का सम्मान करने और आसन के खिलाफ टिप्पणी करने की घटना को गलत करार दिया।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान मोइत्रा और सभापति रमा देवी के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। इसके बाद मोइत्रा ने सदन के बाहर लोकसभा स्पीकर पर उन्हें पहले से निर्धारित समय न देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें पहले से तय समय 13 मिनट तक नहीं बोलने दिया गया। इस बारे में स्पीकर ने कहा कि यह उनकी महानता थी कि उन्हें बोलने के लिए इतना समय दिया गया।

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