- 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में करेंगे प्रवेश
- सूर्य के इस राशि परिवर्तन को कहते है संक्रांति
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को ही संक्रांति काल कहा जाता है। इसी दिन खरमास की समाप्ति होगी। मान्यता के अनुसार इस संक्रांति पर स्नान-दान करने से हजारों गुना फल की प्राप्ति होती है। इस दिन से ही सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसलिए इस पर्व को उत्तरायणी भी कहा जाता है।
यह ऋतु परिवर्तन का भी सूचक है। इस दिन खिचड़ी का सेवन और इसका दान करना श्रेयस्कर माना गया है। इस पर्व को खिचड़ी भी कहते हैं। ज्योतिष राहुल अग्रवाल के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर सूर्य, गुरु, शनि, बुध और चंद्रमा एक साथ मकर राशि में गतिशील होंगे। इससे बन रहे सुयोग को पंचग्रही योग कहते हैं। इस योग में किया गया स्नान-दान, पूजा-पाठ अनंत सुख-समृद्धि कारक होगा। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से शनि की कृपा होती है। शुद्ध घी एवं कंबल का दान मोक्षदायक माना गया है।
संक्रांति का पुण्य काल
इस वर्ष मकर-संक्रांति पर स्नान-दान के लिए सुबह 8 बजकर 24 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक पुण्य काल रहेगा। वही इस दिन तिल-लड्डू आदि खाने का है वैज्ञानिक महत्व है।
सर्दी में तापमान कम होने से व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ जाता है। इस दिन गुड़ और तिल से बने पकवान शरीर को गर्म रखते हैं। इससे बीमारियां पास नहीं आतीं।