नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इस दिन को ‘बड़ा मंगल’ कहा जाता है। मान्यता है कि इन मंगलों को हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस साल की तो वर्ष 2025 में ज्येष्ठ मास में कुल पांच बड़े मंगल होंगे, जिनमें पहला 13 मई यानी आज है।
इस शुभ अवसर पर बजरंगबली के भक्त पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना में जुटे हुए है। इस दिन भगवान को उनके प्रिय पकवानों का भोग लगाया जाता है, जो कि बूंदी है। ऐसे में यदि आप भी हनुमान जी को खुश करना चाहती हैं तो घर पर ही बूंदी तैयार करें और उसका भोग लगाएं।
बूंदी बनाने का सामान
- बेसन – 1 कप
- पानी – लगभग ¾ कप
- खाने का नारंगी रंग – 1 चुटकी
- घी या तेल – तलने के लिए
- चीनी – 1 कप
- पानी – ½ कप
- इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- केसर
- तुलसी का पत्ता
बूंदी बनाने की विधि
इसे बनाने के लिए सबसे पहले तो बेसन को छानकर एक बाउल में लें। इसके बाद उसमें पानी थोड़ा-थोड़ा करके डालें। ध्यान रखें कि ये ज्यादा गाढ़ा नहीं होना चाहिए। इसे इतनी अच्छी तरह से मिक्स करें कि एक भी गांठ न बन पाए। यदि घोल तैयार करते समय गांठ रह गई तो बूंदी सहे से नहीं बन पाएगी।
अब आप चाहें तो इसमें खाने वाला नारंगी रंग मिक्स कर सकते हैं, ताकि इसका रंग बदल जाए। जब घोल तैयार हो जाए तो एक कढ़ाई में सबसे पहले तो तेल या घी को गर्म करें।
अब एक बूंदी छानने वाली छलनी लेकर घोल को छलनी पर डालें। इससे बूंदी छन-छन के अपने आप तेल में गिरने लगेगी। जब ये सुनहरी हो जाए तो इसे तेल से निकालकर टिश्यू पेपर पर रख लें, ताकि इसका अतिरिक्त तेल निकल जाए।
जब तक ये सूख रही है तब तक चाशनी तैयार करें। इसके लिए एक पैन में 1 कप चीनी और ½ कप पानी डालें। अब इसे मध्यम आंच पर पकाएं जब तक एक तार की चाशनी न बन जाए। अब उसमें इलायची और केसर डालें।
चाशनी के तैयार होने के बाद इसमें बूंदू मिक्स करें और लगातार चलाएं। कुछ देर इसे ऐसे ही रखें ताकि बूंदी चाशनी को सोख लें। अब प्रसाद की बूंदूी तैयार है, आप इसका भोग लगा सकती हैं।