श्रीप्रकाश शर्मा |
टेक्नोलॉजी के तेजी से प्रसार के कारण भी हाल के वर्षों में स्पोर्ट्स के फील्ड में कॅरियर और जॉब्स के अवसरों में लगातार वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का जिस तरह से सरकार सम्मान और सहायता देती है, उससे भी प्रभावित होकर युवा खेल के क्षेत्र में अपने कॅरियर बनाने के लिये आगे आ रहे हैं। आनेवाले वर्षों में इस डोमेन में कॅरियर और जॉब्स के अवसरों में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होने की संभावना से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है।
इंग्लैंड के प्रसिद्ध एटन कालेज के गे्रजुएट और वाटरलू की लड़ाई में ब्रिटिश और मित्र राष्ट्रों की सेनाओं के कमान्डर-इन-चीफ वेलिंगटन के ड्यूक का मानव जीवन में खेल के महत्व के बारे में एक स्टैटमेन्ट विश्व इतिहास में काफी प्रसिद्ध है, ‘वाटरलू की लड़ाई एटन के खेल के मैदान पर जीती गई थी।’ इस कथन का आशय इस मान्यता पर आधारित है कि ब्रिटेन की सैनिक सफलता पब्लिक स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को सिखाए गए नैतिक मूल्यों पर आधारित थी। उस समय इन सभी स्कूलों में एटन का स्कूल सबसे अधिक लोकप्रिय था। एटन के बोर्डिंग स्कूलों में ब्रिटिश स्टूडेंट्स को मिलिटरी, सिविल सर्विसेज और चर्च में अपने कॅरियर बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती थी। साथ ही इन स्कूलों में स्टूडेंट्स के चरित्र निर्माण पर भी काफी जोर दिया जाता था। यहां क्रिकेट को केवल हार और जीत के एक आउटडोर गेम के रूप में नहीं खेला जाता था, बल्कि स्टूडेंट्स को अनुशासन, टीम स्पिरिट, लाइफ स्किल्स, लीडरशिप के गुण और देश और मिलिटरी के प्रति सम्मान देने के मूल्य और महत्व को सिखाने के लिए एक अनिवार्य माध्यम के रूप में भी देखा जाता था।
एटन स्कूल में एजुकेशन के साथ खेलों के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य मानव जीवन में खेलों के प्रति सम्मान को और भी अधिक बढ़ा देता है। पहले खेलों को जॉब्स और कॅरियर के लिहाज से लाभप्रद डोमेन नहीं माना जाता था। इसे एंटरटेनमेंट और रिलेक्सैशन के माध्यम के रूप में देखा जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में इंटरनेट के तेजी से विकास और ग्लोबलाईजेशन के प्रसार के कारण गेम्स और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। वर्तमान में यदि आपको कोई भी खेल अच्छा लगता है और आप उसके प्रति जुनूनी हैं तो आपके लिए कॅरियर की संभावनाओं की कोई कमी नहीं है।
इतना ही नहीं खेलों के पारंपरिक विभागों से अलग अन्य कई सेगमेंट्स में जॉब्स के नये अवसरों के द्वार खुल गए हैं। स्पोर्ट्सपर्सन और एथलीट होने के अतिरिक्त एक स्पोर्ट्स प्रोफेशनल स्पोर्ट्स मेडिसन, स्पोर्ट्स जर्नलिजम, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, फिट्नस ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स थेरपी, स्पोर्ट्स फोटोग्राफी, स्पोर्ट्स रिपोर्टिंग, स्पोर्ट्स कॉलम राइटिंग इत्यादि कई क्षेत्रों में अपने लिए कॅरियर का निर्माण कर सकते हैं।
शुरुआत कहां से करें
स्पोर्ट्स में कॅरियर के मुख्य रूप से दो ऐवन्यू हैं-प्रथम यदि आप एक एथलीट या खिलाड़ी बनकर किसी खेल को प्रोफेशनल के रूप में खेलना चाहते हैं तो इसके लिए किसी निश्चित शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं होती है। किंतु यदि आप फील्ड के बाहर खेल के अन्य पोर्टफोलियो में कॅरियर बनाना चाह रहे हैं तो इसके लिए कई कोर्स और प्रोफेशनल डिग्री प्राप्त करने की जरूरत होती है। इस रूप में कॅरियर स्टार्ट करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं पास का होता है। फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएशन की डिग्री 12वीं परीक्षा के पास करने के बाद की जा सकती है। इसके बाद फिर इस डोमेन में मास्टर का कोर्स किया जा सकता है। सामान्य रूप से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद स्पोर्ट्स मेडिसिन में डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है।
अनिवार्य हुनर
अमेरिका की जिमनास्ट मेरी लो रेटन ने एक बार कहा था, ‘एक ट्रॉफी अपने साथ धूल लेकर चलती है। इसके साथ यादें जीवन भर के लिए महफूज रहती हैं।’ आशय यह है कि खेल का डोमेन सतत कठिन मेहनत और धैर्य का होता है। साथ ही जीत और हार के चक्रों से उत्पन्न खुशी और निराशा से मन को स्थिर रखनेवाले स्पोर्टसपर्सन्स ही खेल के क्षेत्र में अपने शानदार कॅरियर का निर्माण कर सकते हैं।
खेल के डोमेन में कॅरियर के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य हुनर निम्नांकित हैं-
-खेलों के प्रति असाधारण जुनून
-उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस, उत्साह और स्ट्रॉन्ग मेंटल पावर
-कठिन मेहनत, अध्यवसाय, नियमित अभ्यास और अगाध धैर्य
-सफल होने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञा और खेल भावना
-टीम स्पिरिट और मोटिवेशनल स्किल
-पॉजिटिव मेंटल ऐटिट्यूड और आत्मविश्वास
-उत्कृष्ट नेतृत्व
– लंबे अरसे तक घर और परिवार से दूर रहने की मेंटल स्ट्रेंथ
डिप्लोमा कोर्स
-डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मेडिसिन
-डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कोचिंग
-डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
-डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स साइंस एंड न्यूट्रिशियन
अंडरगे्रजुएट कोर्स
-बीएससी इन फिजिकल एजुकेशन, हेल्थ एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
-बैचलर आॅफ फिजिकल एजुकेशन
-बैचलर आॅफ आर्ट्स इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
-बीएससी (आॅनर्स) इन स्पोर्ट्स साइंस
-बीएससी इन स्पोर्ट्स एंड रेक्रीऐशन मैनेजमेंट
-बैचलर इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
-बैचलर आॅफ बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
पोस्टगे्रजुएट कोर्स
-मास्टर आॅफ फिजिकल एजुकेशन
-एमएससी इन स्पोर्ट्स कोचिंग
-पोस्टगे्रजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मेडिसीन
-पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स बिजनेस
-एमबीए इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
-मास्टर आॅफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
-एमएससी इन स्पोर्ट्स साइंस
डॉक्टर डिग्री
-पीएचडी इन फिजिकल एजुकेशन
-एमफिल इन फिजिकल एजुकेशन
-पीएचडी इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
अध्ययन के प्रमुख संस्थान
देश में स्पोर्ट्स में विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स की स्टडी के लिए प्रमुख संस्थान निम्नांकित हैं-
-नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ स्पोर्ट्स, पटियाला
-लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
-इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आॅफ फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स साइंसेज, नई दिल्ली
-दिल्ली विश्वविद्यालय
-लक्ष्मीबाई नैशनल कालेज फॉर फिजिकल एजुकेशन, तिरुवनंतपुरम
-नेशनल क्रिकेट अकादेमी, बैंगलोर
-टाटा फुटबॉल अकादेमी, जमशेदपुर
कॅरियर के अवसर कहां हैं
1982 में प्रथम बार भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित किए गए एशियन गेम्स के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में जॉब्स और कॅरियर के अवसरों में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है। खेल के प्रति जुनून के साथ एक एथलीट अपने पसंद के खेल के साथ अन्य कई सेगमेंट्स में कॅरियर का निर्माण कर सकते हैं।
किसी विशेष खेल में अपनी काबिलियत के आधार पर एक खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि के स्पोर्ट्सपर्सन के रूप में कॅरियर बना सकता है। स्पोर्ट्सपर्सन बनने के लिए सबसे पहले चुने हुए स्पोर्ट्स में टैलेंट का होना अनिवार्य है। इसकी शुरुआत स्कूल और कॉलेज लेवल से की जा सकती है। फिर डिस्ट्रिक्ट, राज्य, क्षेत्र, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के अवसर मिल सकते हैं। क्रिकेट, बैडमिंटन, वालीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, हॉकी, टेबल टेनिस, वैटलिफ्टिंग, एथलेटिक्स, शूटिंग, आर्चरी, रेसलिंग इत्यादि कई स्पोर्ट्स में प्लेयर्स के लिए बेशुमार कॅरियर ऐवन्यू खुले हुए हैं।
किसी विशेष खेल को प्रोफेशन के रूप मे सिलेक्ट करने के बाद इस डोमेन में पौष्टिक डाइट्स रेजिमेन के साथ किसी एक्सपर्ट के गाइडन्स अंतर्गत स्पेशल टेÑनिंग और अथक प्रैक्टिस अनिवार्य होती है। देश में स्पोर्ट्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया (साई) के अनेक इंस्टीट्यूट्स और अकादेमी हैं, जो प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोफेशनल स्पोर्ट्सपर्सन के रूप में उभरने में उनको ट्रेनिंग देते हैं।
स्पोर्ट्सपर्सन प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर्स के अतिरिक्त केंद्र सरकार, राज्य सरकार और आर्म्ड फोर्सेस के डोमेंस में भी कॅरियर के विभिन्न अवसरों की तलाश कर सकते हैं। सक्रिय खेल क्षेत्र से रिटायरमेंट के बाद एक स्पोर्ट्सपर्सन खेल के मैदान के बाहर कमेंटेटर, अम्पाइर, रेफरी, कोच इत्यादि प्रोफेशनल्स के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एक स्पोर्ट्सपर्सन खुद का कोचिंग इंस्टीट्यूट भी ईस्टैब्लिश कर सकता है। आशय यह है कि एक स्पोर्ट्सपर्सन आॅन फील्ड परफॉर्म करता है और इसी में अपने लिए कॅरियर बनाता है। किंतु स्पोर्ट्स का फील्ड यहीं तक नहीं सिमटा हुआ है। आॅफ फील्ड भी जॉब्स और कॅरियर के अनेक लाभप्रद अवसर उपलबद्ध हैं, जिनमें फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स साइंस में गे्रजुएट डिग्री और मास्टर डिग्री होल्डर्स की बड़ी डिमांड होती है।
फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स साइंस में प्रोफेनल्स डिग्री होल्डर्स के लिए कॅरियर और जॉब्स के निम्न अवसर उपलब्ध होते हैं-
-टीचर (स्कूल और कालेज में फिजिकल एजुकेशन टीचर)
-स्पोर्ट्स साइकॉलजिस्ट
-अम्पायर, रेफरी
-स्पोर्ट्स कामन्टैटर कॉमेंटेटर
-स्पोर्ट्स मेडिसन
-स्पोर्ट्स बिजनेस मैनेजर और स्पोर्ट्स मैनेजमेंट
-स्पोर्ट्स कोच
-स्पोर्ट मीडिया और जर्नलिस्ट
-फिजियोथेरपी
-टीम स्ट्रैटिजिस्ट
-स्पोर्ट्स नूट्रिशनिस्ट
-किनेसीईओलोजिस्ट (बॉडी मूवमेंट में एक्स्पर्टीज)
-कीरोप्रैक्टिसनर
-स्पोर्ट्स लॉ
टेक्नोलॉजी के तेजी से प्रसार के कारण भी हाल के वर्षों में स्पोर्ट्स के फील्ड में कॅरियर और जॉब्स के अवसरों में लगातार वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का जिस तरह से सरकार सम्मान और सहायता देती है, उससे भी प्रभावित होकर युवा खेल के क्षेत्र में अपने कॅरियर बनाने के लिये आगे आ रहे हैं। आनेवाले वर्षों में इस डोमेन में कॅरियर और जॉब्स के अवसरों में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होने की संभावना से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है।