जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में लक्षद्वीप गये थे। जहां उन्होने लोगों से 2020 में हाई-स्पीड इंटरनेट देने का वादा किया था। लक्षद्वीप में जाकर प्रधानमंत्री मोदी ने कोच्चि-लक्षद्वीप पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर परियोजना का उद्घाटन किया। जिसके बाद से पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। साथ ही पीएम मोदी ने देशवासियों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। जिसके बाद से भारत में मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई।यह तुलना इतनी ज्यादा बढ़ी कि मालदीव की सरकार भी परेशान हो गई। अब मालदीव के एक मंत्री की इस मामले को लेकर की गई पोस्ट पर विवाद हो गया है।
मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला मोहजुम माजिद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘मालदीव के पर्यटन को निशाना बनाने के लिए मैं भारत के पर्यटन को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन भारत को हमारे बीच पर्यटन से कड़ी टक्कर मिलेगी। हमारा रिजॉर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ही इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा है।’ इस पोस्ट में पीएम मोदी को भी टैग किया गया है।
मालदीव के एक अन्य नेता जाहिद रमीज ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने को लेकर लिखा कि ‘बेशक यह अच्छा कदम है, लेकिन हमसे प्रतिस्पर्धा करना एक भ्रम ही है। वह हमारे जैसी सर्विस कैसे देंगे? साथ ही वहां के बीच साफ कैसे रह सकते हैं? कमरों में हमेशा रहने वाली बदबू भी सबसे बड़ी चुनौती है।’
भारत और मालदीव करीबी सहयोगी रहे हैं लेकिन हाल के समय में दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ा तनाव आया है। दरअसल मालदीव में नवंबर 2023 में हुए आम चुनाव में मोहम्मद मुइज्जु को जीत मिली है। मुइज्जु को चीन का करीबी माना जाता है। यही वजह है कि मुइज्जु ने जीत के तुरंत बाद मालदीव में तैनात भारतीय सेना की वापसी का एलान कर दिया था। मुइज्जु ने मालदीव की इंडिया फर्स्ट नीति को भी बदल दिया है।