- पुल से ट्रक समेत गिर चुके हैं कई वाहन, क्षतिग्रस्त रेलिंग की जगह लगाए बांस और कच्ची दीवार
- फ्लाईओवर के नीच के दुकानदार खौफ के साए में रहने का मजबूर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: करोड़ों की लागत से निर्मित मलियाना फ्लाईओवर की खस्ता हालात किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। अनदेखी के अभाव में फ्लाईओवर में जगह-जगह गहरे गड्ढे बने हैं।
ये हालात कोई नए नहीं, इससे पूर्व भी इन गड्ढों से परेशान यहां के नागरिकों ने स्थिति की सुध लेने की मांग कर चुके हैं, लेकिन महज खानापूर्ति होती रही है, जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ सकता है।
इस मार्ग से दिनरात बड़े वाहनों का आवागमन ज्यादा रहता है। लोडिंग वाहन गुजरते समय फ्लाईओवर लचरने लगता है, ऐसे में यदि समय रहते सुध नहीं ली गई तो किसी भी संभावित बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है।
1990-91 में बागपत रोड पर बने मलियाना फ्लाईओवर के पास रहने वाले और दुकानदार डर के साये में रहने पर मजबूर हैं। इस पुल से दो माह के अंदर दो ट्रक रेलिंग तोड़कर नीचे गिर चुके हैं। इससे पहले कई वाहन नीचे गिर चुके हैं। राहत की बात ये रही कि जब भी कोई वाहन नीचे गिरा, सुबह के समय गिरा, जब बाजार बंद था और भीड़ नहीं थी। 30 साल पुराना ये फ्लाईओवर खस्ताहाल हो चुका है। सड़क जर्जर हो चुकी है।
फ्लाईओवर पर बनी फुटपाथ पर घास उग आई है। महीनों क्या, सालों भी इस पुल की सफाई नहीं होती है। फुटपाथ के किनारे मिट्टी का ढेर लगा है, जिस पर अक्सर दो पहिया वाहन सवार फिसलकर घायल हो चुके हैं।
कई की मौत भी हो चुकी हैं। इस फ्लाईओवर पर अक्सर ट्रक खराब होने पर लंबा जाम लग जाता है, जो कई घंटे बाद खुलता है। रेलिंग कई जगह से टूटी हुई है। जिस जगह से ट्रक रेलिंग तोड़ते हुए गिरे, वहां अस्थाई दीवार बना दी गई है। एक जगह तो बांसों की ही रेलिंग बना दी गई है।
पुल पर आज तक लाइट का प्रबंध नहीं हो सका है, जिसकी वजह से रात में पुल अंधेरे में डूब जाता है। अंधेरा होने की वजह से हादासे की आशंका बनी रहती है।
रोज गुजरते हैं लोडिंग वाहन
बागपत से हरियाणा और अन्य शहरों को जाने वाले सवारी और लोडिंग वाहन यहां से ज्यादा गुजरते हैं। हर रोज सैकड़ों वाहनों का आवागमन होता है, जिस कारण ये सड़क काफी जर्जर हालत में हो चुकी है। अलसुबह शहर के लोग भी सैर के लिए फ्लाईओवर से गुजरते हैं।
गड्ढे व अंधेरा रहने से इन लोगों को भी परेशानियां होती हैं। बड़े वाहनों से साइड लेते समय इन गड्ढों के कारण दुपहिया वाहनों का संतुलन बिगड़ने का ज्यादा खतरा रहता है और हादसों का सबब भी बन जाता है।
छलका नागरिकों का दर्द
साबुन गोदाम व्यापार संघ के अध्यक्ष नरेश कुमार गर्ग बताते हैं कि फ्लाईओवर बहुत पुराना और जर्जर हो चुका है। अब से चौड़ा करने की जरूरत है। पिछले दिनों कई ट्रक समेत कई वाहन पुल से नीचे गिर चुके हैं। हर वक्त डर बना रहता है कि न जाने कब कोई ट्रक नीचे गिर जाएगा।
सेनेटरी की दुकान करने वाले मनोज कुमार बताते हैं कि फुटपाथ और सड़कें बीच ऊंचाई बहुत कम होने की वजह से अक्सर ट्रक फुटपाथ तोड़ता हुआ नीच गिर जाता है। सड़क में बेशुमार गड्ढे हैं, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, जिससे कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तो कई गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। लाइट न होने की वजह से फ्लाईओवर पर अंधेरा रहता है। इसका फायदा उठाकर अक्सर लूट भी हो जाती है।
इलेक्ट्रोनिक्स की दुकान करने वाले किशोर कहते हैं कि हर वक्त मौत के खौफ के साये में जीते है। एक डर-सा जहन में बैठ गया है कि यदि कोई बड़ा वाहन फ्लाईओवर से नीचे गिर गया तो हमारा क्या होगा। पिछले दिनों ठीक मेरी दुकान के सामने ट्रक गिरा। मेरा तो नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पड़ोसी का अच्छा खासा नुकसान हो गया। किशोर कहते हैं कि हमेशा डर लगा रहता है कि न जाने कब कोई ट्रक नीचे गिरेगा और सब कुछ खत्म करके चला जाएगा।
सुनार की दुकान करने वाले दीपक अग्रवाल बताते हैं कि पिछले दिनों ठीक मेरी दुकान के सामने ट्रक गिरा, जिसकी वजह से मेरी दुकान का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मुझे कई हजार रुपये खर्च करके मरम्मत करानी पड़ी। राहत की बात ये रही कि ट्रक सुबह के वक्त गिरा जब बाजार में भीड़भाड़ नहीं थी और मेरी दुकान भी बंद थी। नहीं तो काफी हादसा हो सकता था।