- हनुमान चौक स्थित बॉम्बे बाजार का है मामला
- जमीन पर कॉम्प्लेक्स बनाने को गलत तरीके से आरंभ कर दिया अवैध निर्माण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बॉम्बे बाजार में कभी सिनेमा संचालित होता था। इस जमीन पर चार वर्ष पहले मानचित्र कॉम्प्लेक्स का स्वीकृत हुआ, जिसका निर्माण करने की नियमानुसार चार वर्ष ही वैद्यता थी, लेकिन इस बीच मानचित्र नियमानुसार खारिज हो गया। अब फिर से इसी जमीन पर कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए गलत तरीके से अवैध निर्माण आरंभ कर दिया गया हैं। इसके दोनों तरफ गेट बंद कर भीतर जेसीबी चलाकर बेसमेंट की खुदाई की जा रही हैं। किसी की भी इसमें एंट्री बंद हैं। इस तरह से कैंट बोर्ड के अफसरों ने भी इसको लेकर आंखें बंद कर ली हैं।
नियम जो भी हो, मगर कैंट के अफसरों ने तो चुप्पी साध ली हैं। नियमानुसार मानचित्र फिर से स्वीकृत कराना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसका निर्माण पुराने स्वीकृत मानचित्र पर ही चालू कर दिया। जो नियमानुसार खारिज हो चुका हैं, फिर तो अवैध निर्माण एक तरह से किया जा रहा हैं। इसी में निर्माण को लेकर पहले एक इंजीनियर पर बड़ी कार्रवाई हो चुकी हैं, फिर इनको इसका निर्माण कैसे होने दिया जा रहा हैं। सीबीआई लगातार छापेमारी भी कर रही हैं, लेकिन कैंट बोर्ड के अफसरों को तनिक भी भय नहीं हैं।
यही वजह है कि अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। आखिर इसमें सीधी जवाबदेही कैंट बोर्ड के अफसरों की हैं, जो इसमें पुराने मानचित्र पर ही बिल्डिंग का निर्माण कैसे होने दे रहे हैं? इसमें अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं। इसमें सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, मगर इसमें निर्माण स्थल पर बोर्ड लगाकर ये साबित किया जा रहा है कि इसका मानचित्र स्वीकृत हैं, जबकि वो मानचित्र तो लंबे समय पहले खारिज हो चुका हैं। आखिर अधिकारी इसका निर्माण कैसे करा रहे हैं। बोर्ड भंग चल रहा हैं।
ऐसे सेना के अफसरों के हाथों में बोर्ड की कमान हैं, फिर भी सेना के अफसर इसमें कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। अवैध निर्माण को क्यों नहीं रुकवाया जा रहा हैं। सीबीआई का बराबर कैंट बोर्ड में हस्ताक्षेप बढ़ रहा हैं, लेकिन इसकी दहशत भी अफसरों में नहीं दिख रही हैं। अवैध निर्माण हो रहा है तो होने दे, उन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यही नहीं, जो लोग इस सिनेमा की जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण करा रहे हैं,
उनका निशांत सिनेमा में भी अवैध निर्माण चला हैं। ये आबूलेन पर निशांत सिनेमा हैं, जिसमें भीतर कार्य कर दिया गया हैं। इसका दौरा सीईओ ज्योति कुमार ने भी किया था, लेकिन फिर भी कार्य कैसे होने दिया गया? ये बड़ा सवाल हैं। इसमें भी अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की हैं। इस तरह से तो अवैध निर्माणों की कैंट क्षेत्र में बाढ़ सी आ गई हैं।