Monday, June 30, 2025
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विकास की राह पर ले जाने वाला हो मेयर

  • महानगर गंदगी, गड्ढा और अंधेरा मुक्त हो तो बने कुछ बात…
  • कुशल प्रशासक के साथ-साथ सहज सरल और जनता की समस्याओं को समझकर निदान करने की रखता हो योग्यता
  • व्यापारियों ने जाम के झाम को बताया महानगर की बड़ी समस्या, पुराने बाजारों से गुजरना हुआ मुहाल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आने वाली 11 मई को मेरठ की जनता आगामी पांच साल के लिए अपने विकास, साफ-सफाई, निर्माण और प्रकाश आदि की सुविधाओं के लिए नगर निगम बोर्ड के महापौर और पार्षदों पदों के लिए मतदान करेगी। जनवाणी टीम ने मेरठ के व्यापार जगत से जानने का प्रयास किया कि भावी महापौर और नगर निगम बोर्ड से क्या अपेक्षा करता है। जिसमें यह बात उभरकर सामने आई कि मेरठ के खंदक बाजार, सराफा बाजार, विभिन्न मंडियों समेत सभी प्रमुख बाजार अतिक्रमण और संकरे मार्गों से घिरकर रह गए हैं। जिनके बीच से होकर मालवाहक वाहनों को निकालना व्यापारियों के लिए दुष्कर हो गया है।

इस संबंध में विभिन्न व्यापारियों का यही मत रहा कि महापौर एक कुशल प्रशासक हो, जो बोर्ड से लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों और आम जनता के बीच बेहतर तालमेल बनाकर जनसमस्याओं के समाधान की कसौटी पर खरा उतरे। इसके साथ-साथ वह जनता से दूरी बनाने के बजाय सहज और सरल स्वभाव के व्यक्तित्व का स्वामी हो, ताकि जनता को आसानी से मिल सके, और उनकी समस्याओं को समझकर समाधान की दिशा में त्वरित कदम उठा सके।

संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि मेयर महानगर का प्रथम नागरिक होता है, वह जनता को आसानी से मिल सके, नागरिकों की समस्याओं को सुनकर शीघ्र समाधान करने की इच्छा शक्ति रखता हो। नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी (निर्माण, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, नाम परिवर्तन, नाला नाली सफाई आदि) को खत्म कर ईमानदारी से स्वयं व सभासदों और निगम कर्मियों से लेकर अधिकारियों तक नियंत्रण में रख कर कार्य कर सके। शासन से विकास के लिए धन प्राप्त कर मेरठ को गंदगी मुक्त, गड्ढा मुक्त, अंधेरा मुक्त कर विकास की राह पर ले जाने वाला मेयर मेरठ की जनता को चाहिए।

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चैम्बर फार डेवलपमेंट एंड प्रमोशन आफ एमएसएमई के चेयरमैन डा. संजीव अग्रवाल के अनुसार व्यापारी के रूप में हम मेरठ के महापौर से चाहते हैं कि मेरठ में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलप हो। सड़कों को गड्ढों के जंजाल से मुक्ति मिले। दो दशक से चली आ रही मल्टी स्टोरी पार्किंग की मांग को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर सके। बरसात में महानगर को जलभराव से निजात दिलाने की दिशा में विशेषज्ञों की टीम से सर्वे कराकर कार्य करा सके।

मेरठ में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी स्थानों और चौराहों पर फ्लाईओवर जैसी सुविधाएं देकर हर समय जाम की स्थिति से निजात दिलाने का काम कर सके। शहर में ई-रिक्शा और टेम्पो आदि के सुव्यवस्थित संचालन के लिए गंभीर होकर कदम उठाए। स्ट्रीट लाइट सुचारू हो। पेयजल गुणवत्ता वाला मिले इसके लिए नगर निगम में वाटर टेस्टिंग की सुविधा हो।

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष विपुल सिंघल का कहना है कि प्रथम मेयर अरुण जैन के समय में काफी विकास हुआ, लेकिन उनके बाद विकास थम सा गया। मेरठ सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि अपने चहुंमुखी विकास से स्मार्ट सिटी नजर आए, और खुद-बखुद नाम जुड़ जाए। नाले-नालियां साफ रहें, सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएं। टैक्स की मार चुनिंदा लोगों पर न हो, बल्कि बिजली के कनेक्शनों की संख्या को आधार बनाकर उसी के अनुसार हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि का निर्धारण किया जाए।

व्यापारी सुरक्षा फोरम के अध्यक्ष सुनील गुप्ता का कहना है कि मेरठ के पुराने बाजारों में वाहन तो दूर, पैदल गुजरने की भी स्थिति नहीं रह गई है। इसके लिए बिना भेदभाव अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए। साथ ही मेरठ की पहचान बन चुके विभिन्न व्यापारों को बढ़ावा देने के लिए उनकी मार्केट खुले स्थानों पर विकसित कराई जाए।

डा. राजीव अग्रवाल का कहना है कि महापौर वही सबसे बेहतर होगा, जो जनता की समस्याओं और भावनाओं को समझने वाला दिल रखता हो। सरल, सहज रूप से लोगोकं से मिलकर उनको अपनापन का अहसास कराने की योग्यता रखता हो। सबसे बड़ी बात यह कि मेयर सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करने वाला हो।

भारतीय वैश्य संगम के उपाध्यक्ष राघव प्रसाद गर्ग के अनुसार मेयर को इतना एक्टिव होना पड़ेगा कि सभी वर्गों को साथ लेकर चल सके। महानगर की जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए अतिक्रमण की समस्या का प्रशासन के सहयोग से समाधान कर सके। हापुड़ रोड चौराहे का उदाहरण देते हुए वे बताते हैं कि यहां से एक साथ चार ट्रक निकल सकते हैं, लेकिन अतिक्रमण के कारण स्थिति ऐसी बन चुकी है कि एक छोटे वाहन का गुजरना भी दूभर हो चला है।

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