- गुजरात स्थित सावली से बड़े ट्रेलर्स के माध्यम से लाया गया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड के बाद अब मेरठ मेट्रो के ट्रेन सेट भी गुजरात के सावली से दुहाई स्थित एनसीआरटीसी डिपो पहुंचने शुरू हो गए हैं। मेरठ मेट्रो के तीन डिब्बों वाला पहला ट्रेन सेट सावली से बड़े बड़े टेलर्स की मदद से दुहाई पहुंचा। अब इसे यहां असेंबलिंग और टेस्टिंग के लिए तैयार किया जाएगा। एनसीआरटीसी के एमडी विनय सिंह ने हाल ही में मेरठ मेट्रो के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था। जिसके बाद एल्स्टॉम ने गुजरात के सावली में ही एनसीआरटीसी को पहला मेट्रो सेट सौंपा था। यह पहली मेट्रो ट्रेन है जो दुहाई डिपो में पहुंची है।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स के अनुसार अत्याधुनिक डिजाइन वाली इस मेरठ मेट्रो को पूरी तरह से मेक इन इंडिया अभियान के तहत बनाया गया है। मेरठ मेट्रो के यह ट्रेन सेट हल्के एवं रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार यह ट्रेन सेट स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ आते हैं और इन ट्रेनों की परिचालन गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
जल्द शुरू होंगे मेट्रो के ट्रायल रन
एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेन सेट चूंकि आ चुका है इसलिए शीघ्र ही अब मेरठ मेट्रो के ट्रायल रन शुरू किए जाएंगे। मेरठ में मेट्रो का रन 23 किलोमीटर लम्बा है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार मेरठ मेट्रो के स्टेशन तेजी से आकार ले रहे हैं और विभिन्न स्टेशनों में निर्माण कार्य अपने अन्तिम चरणों में है। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है कि रैपिड के साथ साथ कोई लोकल मेट्रो ट्रेन एक ही ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी।
न्यू मार्केट पहुंची रैपिड टीम, लिया दरारों का जायजा
दिल्ली रोड और बेगमपुल पर विभिन्न इमारतों में आर्इं दरारों की खबर जनवाणी में लगातार छपने के बाद एनसीआरटीसी प्रशासन हरकत में आया और बुधवार को विभागीय तकनीकी टीम मौके पर पहुंची और दरारों का जायजा लिया। एनसीआरटीसी की तकनीकी टीम के कई सदस्य बुधवार सुबह बेगमपुल स्थित न्यू मार्केट पहुंचे और जिन जिन इमारतों में दरारों की शिकायतें थी वहां पहुंच कर दरारें आने की वजह जानने के लिए बारीकी से जांच पड़ताल की। इस बीच टीम ने दरारों के पास कुछ तकनीकी निशान भी लगाए। बताया जाता है कि इन निशानों के द्वारा यह पता लगाया जाएगा कि कहीं दरारें और ज्यादा तो नहीं बढ़ रहीं। टीम में शामिल लोगों ने पीढ़ितों को इस बात का आश्वासन दिया कि जिन जिन स्थानों पर दरारें आने की शिकायतें आ रही हैं
उनकी जांच कर पूरी रिपोर्ट तैयार कर ऊपर भेजी जाएगी और जो भी संभव हुआ पीढ़ितों के साथ पूरी सहानुभूति बरती जाएगी। पीड़ित पक्ष के मनोज जैन के अनुसार टीम ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी दरारों की वजह जान कर इन्हें दुरुस्त करने का कार्य भी किया जाएगा। इसके बाद एनसीआरटीसी की तकनीकी टीम को वहां के लोगों ने विभिन्न स्थानों पर आर्इं दूसरी दरारों को भी दिखाया। जांच पड़ताल पूरी कर टीम चली गई, लेकिन शाम को टीम फिर वापस आई और पुन: जांच पड़ताल की रिपोर्ट तैयार की।