- शिक्षकों की मनमानी के चलते अंधकारी में बच्चों का भविष्य
- सरकारी की शिक्षा प्रणाली की मशा को लग रहा पलीता
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: सरकारी विद्यालयों में शिक्षक शिक्षिकाएं समय से नहीं पहुंच रहे हैं। स्कूलों के बाहर बच्चे शिक्षकों का इंतजार करके घर वापस लौट जाते हैं। शिक्षकों की मनमानी के चलते स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकार खोता जा रहा है। ख़ास तौर से प्राथमिक विद्यालय के बाहर स्कूली बच्चे अपने शिक्षकों का इंतजार करते हुए देखे जा सकते हैं.
प्रदेश सरकार द्वारा लगातार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं. सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. मगर सरकार की शिक्षा प्रणाली की मंशा को शिक्षा विभाग के शिक्षक पलीता लगा रहे हैं. बाह ब्लॉक क्षेत्र के ज्यादातर विद्यालय में शिक्षकों की मनमानी देखी जा सकती है.
जनवाणी टीम के दौरे में खुली पोल
मंगलवार को जनवाणी की टीम ने खादर क्षेत्र के स्कूलों को भम्रण किया तो अध्यापकों के समय पर स्कूल ना पहुचनें की हकीकत नजर आई। जनवाणी की टीम लगभग 9 बजें प्राथमिक विद्यालय झडाका पहुंची तो स्कूल के मैन गेट से लेकर कमरों तक ताले लटके थे। अध्यापक ना आने के चलते बच्चें स्कूल से वापस लौटते नजर आये। टीम के सदस्यों ने जब ग्रामीणों से बात की तो ग्रामीणो ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अध्यापकों को स्कूल में लेट पहुंचना आम बात है जिसके चलते स्कूलों में बच्चों की संख्या भी कम है।
4 शिक्षक के कधें पर 60 बच्चो की जिम्मेदारी
खंड शिक्षा अधिकारी की माने तो विद्यालय में लगभग 60 बच्चें पजीकृत है जिसके शिक्षण की जिम्मेदारी दो शिक्षा मित्रों सहित 4 अध्यापकों पर है। अध्यापकों के लेट आने की सूचना पूर्व में भी मिली भी जिसके बाद अध्यापकों को कारण बताओं नोटिस जारी किये थी। मंगलवार को अध्यापकों के स्कूल ना पहुचनें की जानकारी मिली थी जिसके चलते अध्यापकों के खिलाफ विभागिय कार्यवाई की जायेगी।