Thursday, April 17, 2025
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कार धुलाई में लाखों लीटर पानी बर्बाद

  • जगह-जगह खुले हैं कार वॉशिंग सेंटर
  • एक गाड़ी में बर्बाद होता है 200 लीटर से अधिक पानी
  • अवैध रूप से लगा रखे सबमर्सिबल कनेक्शन
  • पानी रिचार्ज करने की भी नहीं सुविधा, पानी बह रहा सड़कों पर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एक ओर जहां लगातार भूगर्भ जल का लेवल गिरता जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर शहर की गली-गली में खुले कार वाशिंग सेंटर्स भूगर्भ जल के गिरते स्तर को और भी ज्यादा चिंताजनक स्थिति में ले जा रहे हैं। आलम ये है कि एक छोटे कार वाशिंग सेंटर में प्रतिदिन एक कार को वाश करने में 200 लीटर के करीब पानी बर्बाद कर दिया जाता है।

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जबकि अगर यह पानी बचा लिया जाए तो कई लोगों की प्यास बुझ सकती है। दिनभर की बात की जाये तो शहर में लाखों लीटर पानी ऐसे ही बर्बाद हो रहा है। गुजरते वक्त के साथ हालात और भी ज्यादा खराब होते जा रहे हैं। पिछले कुछ ही सालों की बात करें मेरठ के पांच ब्लॉक डार्क जॉन में शामिल हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन आंखू मूंदे बैठा है इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। यहां सबमर्सिबल अवैध रूप से लगाकर पानी को बर्बाद किया जा रहा है। इन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।

भूजल संरक्षण के लिये जिला प्रशासन लाख प्रयास कर रहा हो। स्कूलों में सोख्ता गड्ढा या वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाये जा रहे हों, लेकिन यहां शहर और देहात में बने कार वॉशिंग सेंटर प्रशासन के प्रयासों को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। इतना जल तो पूरे साल में प्रशासन नहीं बचा पाता जितना कार वॉशिंग सेंटरों से एक दिन में बर्बाद हो जाता है।

जनपद में सैकड़ों की संख्या में कार वॉशिंग की दुकानें खुली हैं। सम्पन्न लोगों के घर में सबमर्सिबल की बोरिंग है। इस व्यवस्था से हर दिन हजारों लीटर पानी की बर्बाद होता है। यदि थोड़ी सी जागरूकता बरती जाए तो शायद इस जल को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है। सबमर्सिबल भी बिना सूचना व अनुमति के धड़ल्ले से कराया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष वाटर लेवल नीचे होता जा रहा है। जल संकट गहराता जा रहा है, लेकिन इस दिशा में किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

मेरठ में सैकड़ों की संख्या में हैं कार वॉशिंग सेंटर

शहर और देहात की बात करें तो यहां सैकड़ों की संख्या में कार वॉशिंग सेंटर बने हैं। जहां एक ही दिन में लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। यहां एक ही सेंटर में एक कार में करीब 200 लीटर पानी धुलाई में लगता है। दूसरे सेंटरों पर पानी को रिचार्ज करने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण जल स्तर लगातार घट रहा है। यह पानी सड़कों पर ही बर्बाद होता है। एक ही दुकान पर दिनभर में 20 गाड़ियां भी आर्इं तो दिनभर में एक ही सेंटर से 4000 लीटर पानी बर्बाद हुआ।
अगर यही सेंटरों की संख्या 200 है तो 200 सेंटरों पर एक ही दिन में मान लो आठ लाख लीटर पानी बर्बाद होगा। ऐसे में सभी जगहों पर जल स्तर घटना तय है। वैसे तो शहर में संचालित कार वाशिंग सेंटर्स की वास्तविक संख्या का पता लगाना बेहद मुश्किल है।

इसकी वजह यह है कि इस समय शहर की अधिकतर गलियों में धड़ल्ले से कार वाशिंग सेंटर्स संचालित हैं। इसके अलावा शहर में छोटे वॉशिंग सेंटर भी हैं। जहां प्रतिदिन हजार लीटर पानी छोटे वाहनों को धोने में बर्बाद होता है। ऐसे में प्रशासन को इनके खिलाफ अभियान चलाना होगा और पानी को बर्बाद होने से रोकना होगा।

पांच ब्लॉक डार्क जॉन में फिर भी गंभीर नहीं प्रशासन

भूगर्भ जलस्तर तेजी से गिरने के कारण जिले के 12 ब्लॉकों में से पांच ब्लॉक खतरे में आ गए हैं। केंद्र सरकार ने इन पांच ब्लॉकों का चयन कर जल शक्ति अभियान में शामिल किया था। वर्ष 2020 की ही बात करें तो जिले के खरखौदा, माछरा, मेरठ, परीक्षितगढ़ और रजपुरा में हालात ज्यादा खराब थे।

इन ब्लॉकों को डार्क जोन में शामिल किया गया था। यहां पानी के घटते जल स्तर को रोकने के लिये कुछ अभियान भी चजाये गये। जिसमें वर्षा के जल का संचयन, पौधरोपण, बॉडी एंड वॉटर शेड डेवलपमेंट, रियूज एंड बोरवेल डिस्चार्ज स्ट्रक्चर आदि शामिल हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां हालात ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। डार्क जोन में शामिल पांच ब्लॉकों में खरखौदा में जलस्तर तेजी से कम हुआ था। यहां वर्ष 2020 तक पिछले पांच सालों में 3.18 मीटर जलस्तर गिरा था।

जनहित फाउंडेशन चलायेगा जागरूकता अभियान

वहीं, इस विषष को लेकर जनहित फाउंडेशन की अध्यक्ष अनिता राणा ने कहा कि वह समय समय पर पानी की बर्बादी को रोकने के लिये अभियान चलाते हैं। मार्च माह में उनकी और उनकी टीम की ओर से अभियान चलाकर लोगों को पानी की बर्बादी रोकने के लिये जागरूक किया जायेगा। साथ ही कार वॉशिंग में पानी बर्बाद करने वालों के खिलफ प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई कराई जायेगी।

इतना गिरा जलस्तर (मीटर में)

खरखौदा                                 3.18
माछरा                                   3.12
मेरठ                                     1.39
परीक्षितगढ़                              2.55
रजपुरा                                  2.42
हस्तिनापुर                               0.83
दौराला                                  0.49
जानीखुर्द                                0.31
मवाना                                  0.21
रोहटा                                  0.81
सरधना                                 0.21
सरूरपुर                                0.33
एक वर्ष पूर्व तक भूगर्भ जल विभाग के अनुसार 12 ब्लॉकों का जलस्तर
खरखौदा                                 19.24
माछरा                                   14.03
मेरठ                                     11.57
परीक्षितगढ़                               9.42
रजपुरा                                   20.36
सरूरपुर                                 8.96
सरधना                                  5.83
रोहटा                                   10.82
मवाना                                   8.71
जानीखुर्द                                 7.14
हस्तिनापुर                                8.60
दौराला                                  10.50

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