- क्या भाजपा में गोटी फिट नहीं बैठ पा रही जितिन प्रसाद की?
- कांग्रेसी पृष्ठभूमि के चलते भी तालमेल बैठाने में दिक्कतों की चर्चा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोक निर्माण विभाग में चल रहे तबादलों के दौर से मची उठापटक का सीधा असर अब विकास कार्यों पर भी पड़ता दिखाई देने लगा है। गुरुवार को लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को मेरठ आकर जहां नवनिर्मित पांच सड़कों का लोकार्पण करना था वहीं 15 अन्य सड़कों का शिलान्यास भी होना था, लेकिन मंत्री के न आने के कारण लोकार्पण व शिलन्यास कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए।
अब सीधा सवाल कि क्या राजनीतिक उठापटक का असर विकास कार्यों पर भी पड़ने लगा है। अगर पीडब्ल्यूडी से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसका जवाब ‘हां’ में है। विभगीय सूत्रों के अनुसार जितिन प्रसाद को आज मेरठ आना ही नहीं था क्योंकि उनके गुरुवार को न आने की सूचना एक दिन पहले यानि बुधवार को ही विभागीय अधिकारियों को दे दी गई थी। अब सवाल यह है कि मंत्री जी आखिरकार आए क्यों नहीं।
जब हमने इसकी वजह जानने की कोशिश की तो पहले तो कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन जब उन्हे कुरेदा गया तो पता चला कि मंत्री जी तो अपनी शिकायतों का चिट्ठा लेकर दो दिनों से दिल्ली में डटे हैं। जब अधिकारियों को और कुरेदा गया तो एक और चौंकाने वाला खुलासा हो गया। बताया गया कि लोक निर्माण विभाग में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद से ज्यादा हस्तक्षेप तो उनके डिप्टी यानि कि राज्य मंत्री का है जिस कारण जितिन प्रसाद खफा हैं।
पता तो यहां तक चला है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक से भी जितिन प्रसाद संतुष्ट नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार इन सब के पीछे जितिन प्रसाद की कांग्रेसी पृष्ठ भूमि की चर्चा है। बताया जा रहा है कि जितिन प्रसाद खुद को भाजपा में ‘एडजेस्ट’ नहीं कर पा रहे हैं। विभाग के अंदरुनी सूत्र यह भी बताते हैं कि लखनऊ में भी मंत्री जितिन प्रसाद के इर्द गिर्द पुराने कांग्रेसियों को देखा जा सकता है,
जो ‘सरकार’ के आंखों की किरकिरी बनते हैं। बताया जाता है कि जब जितिन प्रसाद को इस बात का अहसास हुआ कि लखनऊ स्तर पर उनकी ‘प्रतिष्ठा की उपेक्षा’ हो रही है और उनकी प्रदेश हाईकमान पर कोई सुनवाई भी नहीं हो रही तो इसी की शिकायत लेकर वो फिलहाल दिल्ली में जमे हुए हैं।
अपने ‘खास’ की हिमायत की भी चर्चा
कई चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी महत्तवपूर्ण है कि जितिन प्रसाद जब कांग्रेसी थे और दिल्ली में थे तब से ही एके पांडेय (जितिन प्रसाद के निलम्बित ओएसडी) उनके सम्पर्क में थे। बताया जाता है कि दोनों के बीच काफी घनिष्ठता है और इसी आधार पर वो जितिन प्रसाद के ओएसडी भी बनाए गए थे।
तबादला प्रकरण में जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई का पहला चाबुक एके पांडेय पर ही चला था। सूत्रों के अनुसार अपने इसी खास की सिफारिश के लिए जितिन प्रसाद दिल्ली में हैं। अब माजरा चाहे जो हो लेकिन इतना तय है कि सरकार में हो रही उठापटक का सीधा असर अब विकास कार्यों पर पड़ने लगा है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री का कार्यक्रम निरस्त अधिकारियों ने ली राहत की सांस
लोक निमार्ण विभाग के केबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद का गुरुवार को मेरठ आने का कार्यक्रम निरस्त हो गया। कार्यक्रम निरस्त होने की सूचना मिलने पर विभगीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली। विभागीय सूत्रों के अनुसार मंत्री के मेरठ आगमन की नई तिथि बाद में घोषित की होगी। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को गुरुवार को मेरठ आना था।
उन्हें हाल ही में बनाई गर्इं मेरठ जिले की पांच सड़कों का लोकार्पण करने के साथ साथ 15 अन्य सड़कों का शिलान्यास भी करना था। मंत्री को जिन सड़कों का लोकार्पण करना था। उनमें कंकरखेड़ा से पावली खुर्द मार्ग, जई से नंग्ली अमानत नगर मार्ग व बढ़ला से कैथवाड़ा मार्ग सहित कुल पांच मार्ग शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें 15 अन्य सड़कों का शिलान्यास भी करना था।
मंत्री के आने की सूचना से विभागीय अधिकारियों में हड़कम्प मचा हुआ था। पीडब्ल्यूडी अफसर पहले से ही तैयारियों में जुटे हुए थे। शिलन्यास व लोकार्पण कार्यक्रम सर्किट हाउस में आयोजित होना था। जहां विभाग द्वारा पहले से ही सभी तैयारियां कर ली गर्इं थीं।
हालांकि मंत्री के कार्यक्रम के निरस्तीकरण की सूचना बुधवार देर शाम ही स्थानीये अधिकारियों को दे दी गई थी। मंत्री का कार्यक्रम क्यों निरस्त हुआ। इस पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसके पीछे भी तबादलों की राजनीति वाला प्रकरण है।